अकबर इलाहाबादी ने खूब ही कहा है, इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता. प्यार में ज्यादा दिमाग लगाना काम नहीं आता. शायद इसलिए दुबई में नौकरी कर रहे इस शख्स ने प्रेमिका से किया वादा निभाने के लिए अपना सबकुछ छोड़कर उसके पास आ गया. सिर्फ आया ही नहीं बल्कि प्यार में खाई हुई कसमें भी निभाईं. ये कहानी सच में फिल्मी लगती है लेकिन शायद प्यार ऐसा ही होता है, बेपरवाह.
जिसने भी यह प्रेम कहानी सुनी, इस जोड़े की दाद देने लगा. वैसे तो हर प्रेम कहानी का अंत सुखद नहीं होता लेकिन वो कहते हैं ना कि इंसान अगर किसी चीज को पाने की ठीन लें तो पूरी कायनात उसे मिलाने में लग जाती है बशर्ते इसके लिए हमें भी कोशिश करनी चाहिए. इस प्रेम कहानी का भी यही अंजाम है, चलिए बताते हैं पूरा मामला क्या है.
दरअसल, बिहार के गोपालगंज का रहने वाला आनंद कुमार एक लड़की से बेहद प्यार करता था. आनंद बहन की शादी इमिलिया गांव में हुई थी. वह अक्सर अपनी बहन के घर जाता थी. इसी बीच उसकी मुलाकत संजना से हई जो उसी गांव में रहती थी. दोनों को प्यार हो गया. दोनों ने अपने भविष्य की प्लानिंग कर ली थी.
इस बीच आनंद को रोजी-रोटी कमाने के लिए दुबई जाना था. समझदारी दिखाते हुए दोनों ने एक-दूसरे से दूर रहकर ही प्यार निभाने का वादा किया क्योंकि दुबई में आनंद को एक अच्छी नौकरी मिल गई थी. आनंद की नौकरी लगने से संजना खुश थी लेकिन उसे इस बात का डर था कि कहीं आनंद उसे भूल ना जाए. आनंद समझ गया था कि संजना उदास क्यों है.
इसके बाद आनंद ने संजना से वादा किया कि वह लौटकर उससे शादी करेगा. संजना भी खुशी-खुशी इंतजार करने का वादा किया. इस तरह आनंद दुबई दाकर नौकरी करने लगा. वे अक्सर फोन पर बात करके एक-दूसरे का हाल...
अकबर इलाहाबादी ने खूब ही कहा है, इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता. प्यार में ज्यादा दिमाग लगाना काम नहीं आता. शायद इसलिए दुबई में नौकरी कर रहे इस शख्स ने प्रेमिका से किया वादा निभाने के लिए अपना सबकुछ छोड़कर उसके पास आ गया. सिर्फ आया ही नहीं बल्कि प्यार में खाई हुई कसमें भी निभाईं. ये कहानी सच में फिल्मी लगती है लेकिन शायद प्यार ऐसा ही होता है, बेपरवाह.
जिसने भी यह प्रेम कहानी सुनी, इस जोड़े की दाद देने लगा. वैसे तो हर प्रेम कहानी का अंत सुखद नहीं होता लेकिन वो कहते हैं ना कि इंसान अगर किसी चीज को पाने की ठीन लें तो पूरी कायनात उसे मिलाने में लग जाती है बशर्ते इसके लिए हमें भी कोशिश करनी चाहिए. इस प्रेम कहानी का भी यही अंजाम है, चलिए बताते हैं पूरा मामला क्या है.
दरअसल, बिहार के गोपालगंज का रहने वाला आनंद कुमार एक लड़की से बेहद प्यार करता था. आनंद बहन की शादी इमिलिया गांव में हुई थी. वह अक्सर अपनी बहन के घर जाता थी. इसी बीच उसकी मुलाकत संजना से हई जो उसी गांव में रहती थी. दोनों को प्यार हो गया. दोनों ने अपने भविष्य की प्लानिंग कर ली थी.
इस बीच आनंद को रोजी-रोटी कमाने के लिए दुबई जाना था. समझदारी दिखाते हुए दोनों ने एक-दूसरे से दूर रहकर ही प्यार निभाने का वादा किया क्योंकि दुबई में आनंद को एक अच्छी नौकरी मिल गई थी. आनंद की नौकरी लगने से संजना खुश थी लेकिन उसे इस बात का डर था कि कहीं आनंद उसे भूल ना जाए. आनंद समझ गया था कि संजना उदास क्यों है.
इसके बाद आनंद ने संजना से वादा किया कि वह लौटकर उससे शादी करेगा. संजना भी खुशी-खुशी इंतजार करने का वादा किया. इस तरह आनंद दुबई दाकर नौकरी करने लगा. वे अक्सर फोन पर बात करके एक-दूसरे का हाल पूछते लेकिन प्यार भला कहां छिपता है. एक दिन संजना के घरवालों ने उसे आनंद से फोन बात करते हुए पकड़ लिया.
अब वही हुआ जो अक्सर होता है, घरवालों ने संजना की शादी कहीं और कराने की ठान ली. इसके बाद वे संजना के लिए लड़का देखने लगे. उन्हें बस जल्द से जल्द शादी करवानी थी. एक दिन संजना ने आनंद को बताया कि घरवाले मेरी कहीं और शादी करा रहे हैं. इसके बाद आनंद ने अपना किया वादा निभाने के लिए सबसे पहले दुबई का नौकरी छोड़ी, बॉस को इस्तीफा दिया फिर सीधे बिहार पहुंचा. वह अपने घर भी नहीं गया बल्कि लौटने के बाद प्रेमिका को बताया और थाने में पहुंच गया. उसने प्रेमिका को भी थाने में ही बुला लिया.
दोनों ने थानाध्यक्ष सुभाष कुमार को सारी बात बताई. उन दोनों के घरवाले इस शादी के लिए राजी नहीं थे. काफी मान-मनौव्वल के बाद प्रेमी-प्रेमिका के परिजन भी इस पवित्र बंधन में शामिल हुए और एक-दूसरे के परिवार को स्वीकार भी कर लिया. इसके बाद थाने में स्थित मंदिर में ही दोनों ने बड़ों के आशीर्वाद के साथ शादी की.
अब पूरे क्षेत्र में इस शादी की चर्चा बनी हुई है. सब लोग इस जोड़े की तारीफ कर रहे हैं. आनंद के बारे में लोगों का कहना है कि प्यार में किया वादा कैसे निभाते है, यह कोई इस लड़के से सीखे. वादा ना निभाने के तो 10 बहाने मिल जाते हैं लेकिन निभाने के लिए सिर्फ एक ही काफी है, वह है प्यार.
जिसने प्रेमिका के लिए ना सिर्फ नौकरी छोड़ी बल्कि शादी करने के लिए दुबई से बिहार भी पहुंच गया. ना सिर्फ अपने बल्कि उसने लड़की के घरवालों को भी इस शादी के लिए राजी कर लिया और पूरी इज्जत के साथ दोनों ने अपने प्यार को अपना लिया. ना कोई दहेज और ना कोई लालच, बस प्यार और बड़ों के आशीर्वाद के साथ दोनों ने अपने नए जीवन की शुरुआत की.
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