जब एक लड़की शादी से पहले प्रेमी के साथ भाग जाती है तो लड़के के ऊपर अपहरण, शादी के नाम पर झांसा और बहला फुसलाकर भगा ले जाने का केस बन जाता है. भले ही लड़की अपनी मर्जी से अपने प्यार के लिए घर छोड़कर भागी हो. कई बार तो ऐसा भी होता है कि जब भागे हुए जोड़े पकड़े जाते हैं तो लड़की के घरवाले सारे इल्जाम उस लड़के के ऊपर थोप देते है. लड़की को डरा धमका कर बयान भी दर्ज करा लिया जाता है. वो भी बयान तो कोई और लिखता है, लड़की से सिर्फ साइन करवाया जाता है.
लड़कियों को कई बार घर परिवार में से किसी एक को चुनने के लिए बोला जाता है और वह अपनी फैमिली को चुनती है. हमारे समाज में परिवार, देखरेख, परवरिश के साथ इमोशनल अत्याचार भी होता है. अगर लड़की नाबालिग है फिर तो अलग बात है लेकिन बालिग होने के बाद भी उसकी जिंदगी पर उसकी कितनी मर्जी चलती है, यह हम सभी जानते हैं. घर से जुड़े मामले तो छोड़ दीजिए वह खुद अपनी जिंदगी के फैसले नहीं ले पाती है. लगभग सभी को घर से भागी हुई लड़कियां बहुत बुरी लगती हैं, लेकिन लड़कियां घर से भागती क्यों हैं… क्या लड़कियां अपने प्यार के लिए भागती हैं...क्या वे अपने रिस्क पर भागती हैं? क्या उन्हें भागते वक्त अपने फ्यूचर को लेकर डर नहीं लगता या फिर वे यह सोचती हैं कि जो भी होगा कम से कम उन्होंने कोशिश तो की. इसलिए भविष्य जैसा भी होगा, उन्हें कोई पछतावा नहीं होगा.
जरूरी नहीं है कि हर लड़की सिर्फ अपने प्रेमी के लिए भागे, लड़कियों का भागना कई तरह का हो सकता है. लड़कियां भागती हैं क्योंकि उन्हें अपने सपने पूरे करने होते हैं. वे कभी शादी से भागती हैं तो कभी अपने अस्तित्व के लिए..क्योंकि उन्हें आगे और पढ़ना होता है, कभी वे भागती हैं क्योंकि उन्हें खुद को साबित करना होता है....
जब एक लड़की शादी से पहले प्रेमी के साथ भाग जाती है तो लड़के के ऊपर अपहरण, शादी के नाम पर झांसा और बहला फुसलाकर भगा ले जाने का केस बन जाता है. भले ही लड़की अपनी मर्जी से अपने प्यार के लिए घर छोड़कर भागी हो. कई बार तो ऐसा भी होता है कि जब भागे हुए जोड़े पकड़े जाते हैं तो लड़की के घरवाले सारे इल्जाम उस लड़के के ऊपर थोप देते है. लड़की को डरा धमका कर बयान भी दर्ज करा लिया जाता है. वो भी बयान तो कोई और लिखता है, लड़की से सिर्फ साइन करवाया जाता है.
लड़कियों को कई बार घर परिवार में से किसी एक को चुनने के लिए बोला जाता है और वह अपनी फैमिली को चुनती है. हमारे समाज में परिवार, देखरेख, परवरिश के साथ इमोशनल अत्याचार भी होता है. अगर लड़की नाबालिग है फिर तो अलग बात है लेकिन बालिग होने के बाद भी उसकी जिंदगी पर उसकी कितनी मर्जी चलती है, यह हम सभी जानते हैं. घर से जुड़े मामले तो छोड़ दीजिए वह खुद अपनी जिंदगी के फैसले नहीं ले पाती है. लगभग सभी को घर से भागी हुई लड़कियां बहुत बुरी लगती हैं, लेकिन लड़कियां घर से भागती क्यों हैं… क्या लड़कियां अपने प्यार के लिए भागती हैं...क्या वे अपने रिस्क पर भागती हैं? क्या उन्हें भागते वक्त अपने फ्यूचर को लेकर डर नहीं लगता या फिर वे यह सोचती हैं कि जो भी होगा कम से कम उन्होंने कोशिश तो की. इसलिए भविष्य जैसा भी होगा, उन्हें कोई पछतावा नहीं होगा.
जरूरी नहीं है कि हर लड़की सिर्फ अपने प्रेमी के लिए भागे, लड़कियों का भागना कई तरह का हो सकता है. लड़कियां भागती हैं क्योंकि उन्हें अपने सपने पूरे करने होते हैं. वे कभी शादी से भागती हैं तो कभी अपने अस्तित्व के लिए..क्योंकि उन्हें आगे और पढ़ना होता है, कभी वे भागती हैं क्योंकि उन्हें खुद को साबित करना होता है. घर से भागी हुई लड़कियों का जीवन हमेशा सुखी नहीं रहता. कई बार उनको ठगा जाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि उन्हें मंजिल नहीं मिलती. लोग उनसे नफरत करते हैं. उन्हें नीचा दिखाते हैं.
सोचिए कौन सी ऐसी जंजीर होती होगी जो अपने ही घर में वे सब जानते हुए भी दुनिया भर के उन तमाम रिस्क के साथ भाग जाती हैं, एक चिट्ठी पर में अपनी दुनियां समेट कर. कई बार तुम उस भागी हुई लड़की को पकड़कर वापस लाते हो नहला-धुला कर उसका नाम बताकर रिश्ते लाते हो, फिर उसे किसी के साथ बांधकर उसे नया नाम देकर उसे मुक्त बताते हो. आखिर कब तक लड़कियों की प्रेम कहानियों पर पर्दा डालोगे. कब तक उसकी शादी कहीं जबरदस्ती करवा दोगे. अगर सच में दो लोग एक-दूसरे से प्यार करते हैं, तो हर बार रोड़ा बनने की क्या जरूरत है.
बात उस लड़की की जो भागी तो ऐसा कि लौटी नहींं
सबको शायद यह कहानी फिल्मी लगे, क्योंकि यह तनु वेड्स मनु के आखिरी सीन की याद दिलाता है. जब राजा अवस्थी बारात लेकर दरवाजे पर थे और तनु जो हैं वो मनु शर्मा के साथ खड़ी थीं. असल में मऊ थाना क्षेत्र के एक गांव में उस समय सबके होश उड़ गए जब होने वाली दुल्हन अपने प्रेमी के साथ भाग गई. बारात धूमधाम से आई, एक तरफ द्वार पूजा होने लगा दूसरी ओर लोग लगे भोजन करने. वहीं दूल्हे को स्टेज पर बिठा दिया गया, काफी देर इंतजार करने के बाद जब दुल्हन नहीं आई तो बारातियों को दुल्हन के गायब होने की खबर मिली. इस मामले में पुलिस भी बुला लिया गया, खोजबीन शुरू हुई, पता चला कि दुल्हन अपने प्रेमी के घर पर है. पुलिस दोनों को थाने लेकर गई.
दुल्हन ने बताया कि वह मंडप में जाने से पहले भाग आई, क्योंकि वह यह शादी नहीं करना चाहती थी. इसके बाद परिवार वाले दुल्हन को शादी के लिए मनाने लगे लेकिन वह नहीं मानी और प्रेमी के साथ रहने का फैसला सुनाया. इसके बाद वही हुआ जो हमेशा होता आया है. दुल्हन के पिता ने प्रेमी और उसके भाई बुद्दन उर्फ रामकेश पटेल और बड़का पटेल के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया.
लड़की का इस तरह शादी के दिन भाग जाना भले गलत हो सकता है. जब एक लड़की की शादी होती है तो घरवालों को पूरे समाज, बिरादरी की चिंता होती है, लेकिन कम से कम एक बार लड़की की भी मर्जी भी पूछ लें कि उसे शादी करनी है या नहीं. क्या लड़कियों के परिवार वालों को उनके चल रहे प्रेम प्रसंग के बारे में पता नहीं होता. क्या एक लड़की को शादी से पहले ही अपने मन की बात अपने परिजनों को नहीं बतानी चाहिए. क्या प्रेमी के बारे में जानकर घरवाले उससे शादी कराने के लिए आसानी से तैयार हो जाते हैं. अगर सब कुछ अच्छा है, सब सही है फिर ऐसे मामले क्यों आते हैं.
इसका मतलब है कि कहीं कुछ कमी है…अब हर लड़की इस लड़की की तरह अपनी बात पर अड़ी तो नहीं रह सकती. कुछ लड़कियां पीछे कदम कर लेती हैं तो कुछ प्रेमी दगा कर देते हैं. जो प्रेमी पकड़े जाने पर सीधे किडनैपर बन जाते हैं और लड़कियां मासूम जिन्हें कई बहला फुसलाकर भगा ले जाता है?
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