जिस 10वीं की परीक्षा को पास करने के लिए विधायक रामबाई गोविंद सिंह परिहार (BSP MLA Rambai Govind Singh) पढ़ाई कर रही थीं, उसमें फेल हो गईं. लोगों ने उनका खूब मज़ाक भी खूब उड़ाया, लेकिन इतना होने के बावजूद जो इस महिला नेता ने कहा, वह शायद मजाक बनाने वालों को अच्छा न लगे.
हमेशा जीतना इतना जरूरी क्यों है. क्या हम हार नहीं सकते. हार और जीत को समान रूप से क्यों नहीं देखा जाता. किसके कितने नंबर आए, कौन किस कंपनी में किस पोजीशन पर काम कर रहा है? उसकी सैलरी कितनी है? इन बातों से कब तक किसी को तौला जाएगा?
सीधा सा उदाहरण अगर कोई फिसल कर भी गिर जाता है तो हमको हंसी आ जाती है. चलो वह एक अलग स्तिथि है. किसी के गिरने पर अगर आप हंसते हैं तो शायद वह बुरा न माने, लेकिन किसी के दुखी होने पर, असफल होने पर आपका हंसना उसे दुख पहुंचा सकता है.
एक महिला जो विधायक है उसके फेल होने पर आपको कितनी खुशी मिलती है यह तो साफ हो चुका है. एक महिला की हार पर आप उसका मजाक बना रहे हैं, लेकिन क्या उसके उपर इसका असर पड़ा, क्या वह हार मानी, नहीं ना. वह तो खुद सामने आकर अपने फेल होने की बात आपके सामने जाहिर कर रही है. वह बता रही है कि उसने इस परीक्षा के लिए मेहनत की थी लेकिन फेल हो गई. क्या इतना आसान होता है सबके सामने अपने फेल होने की बात कहना? इतना ही नहीं वह तो दोबारा पेपेर देने की भी बात कर रही है. लो अब आपके आत्मसम्मान की तो उस महिला ने धज्जियां उड़ा दीं, यह बताकर कि आप करते रहो ट्रोल, बनाते रहो उसका मजाक लेकिन लेकिन वह बिना आपकी सोच का परवाह किए अपना काम करती रहेगी वो भी बिना हार माने.
क्या आपने दोस्तों को एकदम सही-सही अपना रिजल्ट के बारे...
जिस 10वीं की परीक्षा को पास करने के लिए विधायक रामबाई गोविंद सिंह परिहार (BSP MLA Rambai Govind Singh) पढ़ाई कर रही थीं, उसमें फेल हो गईं. लोगों ने उनका खूब मज़ाक भी खूब उड़ाया, लेकिन इतना होने के बावजूद जो इस महिला नेता ने कहा, वह शायद मजाक बनाने वालों को अच्छा न लगे.
हमेशा जीतना इतना जरूरी क्यों है. क्या हम हार नहीं सकते. हार और जीत को समान रूप से क्यों नहीं देखा जाता. किसके कितने नंबर आए, कौन किस कंपनी में किस पोजीशन पर काम कर रहा है? उसकी सैलरी कितनी है? इन बातों से कब तक किसी को तौला जाएगा?
सीधा सा उदाहरण अगर कोई फिसल कर भी गिर जाता है तो हमको हंसी आ जाती है. चलो वह एक अलग स्तिथि है. किसी के गिरने पर अगर आप हंसते हैं तो शायद वह बुरा न माने, लेकिन किसी के दुखी होने पर, असफल होने पर आपका हंसना उसे दुख पहुंचा सकता है.
एक महिला जो विधायक है उसके फेल होने पर आपको कितनी खुशी मिलती है यह तो साफ हो चुका है. एक महिला की हार पर आप उसका मजाक बना रहे हैं, लेकिन क्या उसके उपर इसका असर पड़ा, क्या वह हार मानी, नहीं ना. वह तो खुद सामने आकर अपने फेल होने की बात आपके सामने जाहिर कर रही है. वह बता रही है कि उसने इस परीक्षा के लिए मेहनत की थी लेकिन फेल हो गई. क्या इतना आसान होता है सबके सामने अपने फेल होने की बात कहना? इतना ही नहीं वह तो दोबारा पेपेर देने की भी बात कर रही है. लो अब आपके आत्मसम्मान की तो उस महिला ने धज्जियां उड़ा दीं, यह बताकर कि आप करते रहो ट्रोल, बनाते रहो उसका मजाक लेकिन लेकिन वह बिना आपकी सोच का परवाह किए अपना काम करती रहेगी वो भी बिना हार माने.
क्या आपने दोस्तों को एकदम सही-सही अपना रिजल्ट के बारे में बताया है? या फिर अपनी बहादुरी के डिंगे ही हांकते हैं? खैर, मज़ाक बनाकर मन भर गया हो तो अब इन महिला नेता के बारे में ये भी जान लीजिए.
दरअसल, रामबाई गोविंद सिंह परिहार (Rambai Govind Singh) मध्यप्रदेश दमोह जिले के पथरिया (Pathariya) विधानसभा से बसपा विधायक (BSP Mla) हैं. जो अपने अलग-अलग कामों की वजह से चर्चा में बनी रहती हैं.
1-जन-सुनवाई में लोगों की समस्या सुनना और उसका सामाधान करने का दावा
2- नायब तहसीलदार को फटकार लगाने का दावा
3- बिजली बचत के लिए लोगों को जागरुक करना
4-मध्यप्रदेश में अधिकारियों से ली हुई रिश्वत को वापस करवाने का दावा
5- बिंदास डांस करना
6- कोरोना काल में लोगों को जागरूक करना
7-अपने अलग अंदाज के लिए पहचाना जाना
8- अधिकारियों और कर्मचारियों पर अपना रौब दिखाकर लोगों की मदद करने का दावा
9- 10वीं की परीक्षा देना और उसमें फेल हो जाना
विधायक रामबाई राज्य ओपन बोर्ड द्वारा आयोजित 10वीं की परीक्षा में एक विषय में फेल हो गई हैं. वह साइंस में एक नंबर से फेल हो गईं. मतलब अब उन्हें यह परीक्षा पास करने के लिए सप्लीमेंट्री देनी होगी. इसके बाद तो ट्रोलर्स को मौका मिल गया. इनके असफल होने पर दुखी होने के बजाय लोग खुश हो रहे हैं.
यह बात आईपीएस ऑफिसर दीपांशु काबरा (IPS Officer Dipanshu Kabra) को अजीब लगी. उन्होंने इस पर रिएक्शन देते हुए ट्वीट किया कि, 'आप तब तक नहीं हारते जब तक आप लड़ना नहीं छोड़ते. विधायक रामबाई ने उन सभी के लिए एक मिसाल हैं जो ज़िंदगी में हार मान लेते हैं. बहुत से लोग उनका मज़ाक उड़ाएंगे, ट्रोल करेंगे लेकिन सोचिए अगर आप उनकी जगह होते, तो अब तक लड़ने की हिम्मत जुटा पाते? ईश्वर उन्हें सफल बनाएं'.
वहीं रामबाई ने अपने फेसबुक जानकारी शेयर की है कि, मैंने 10वीं की ओपन से परीक्षा दी थी. जिसका रिजल्ट आ गया है, जिसमें विज्ञान के विषय में एक नंबर से सप्लीमेंट्री आई है. अगर रिटोटलिंग के माध्यम से एक नंबर बढ़ाया जाता है तो मैं पास हो जाऊंगी और अगर पास नहीं हुई तो सप्लीमेंट्री की परीक्षा फिर से दूंगी.
यानी रामबाई ने फिर से परीक्षा देने की बात करके उन सभी मजाक उड़ाने वाले के मुंह पर तमाचा मारा है. साथ ही हार न मानने और आगे बढ़ने के लिए तमाम लोगों को हिम्मत दी है. महिलाओं की हार पर हंसने वालों का अब क्या होगा?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.