महिला दिवस (Women's Day) पर बड़ी-बड़ी बातें करना आसान है, लेकिन इन्हीं गुणों को असल जीवन में अपनाना शायद काफी मुश्किल है. दुनिया किसे मजबूत महिला मानती है, यह तो उन्हें ही पता है, लेकिन क्या आप खुद को एक सशक्त महिला समझती हैं?
आपकी नजर में एक मजबूत महिला कौन है? क्या बाहर काम करने वाली महिला ही मजबूत है या फिर घर को संभालने वाली भी इस दायरे में आती है. चलिए इस मौके पर आप खुद से कुछ सवाल पूछिए और अपना जवाब खुद जान लीजिए...
1- तो हमारा पहला सवाल पैदाइश से संबंधित फैसले से है. क्या आप ऐसी महिला हैं जो यह फैसला खुद कर सकती है कि आपको कब मां बनना या नहीं. अगर मां बनना भी है तो कब बनना है? कहीं आप खुद को ममता के बिना अधूरा मानने का बोझ लिए तो नहीं घूम रहीं हैं? क्या सिंगल मदर बनना आपके लिए संभव है? गुड न्यूज़ देना है या नहीं, क्या यह आप खुद तय कर सकती हैं?
2- क्या शादी करने या ना करने का फैसला आपका है? मान लीजिए अगर आपको अपने पसंद के लड़के से प्रेम विवाह करना है तो क्या यह आपका फैसला होगा? अगर शादी करनी है तो किससे करनी है, यह चुनाव करने का अधिकार आपके पास है नहीं?
3- आपको पढ़ना है, क्या आप शिक्षा के लिए अपनी मर्जी से बाहर दूसरे शहर जा सकती हैं? आपको कौन सा विषय चुनना है? क्या यह फैसला आपका अपना होता है? या फिर पिता और भाई ही डिसाइड करते हैं? कॉलेज, हॉस्टल या पीजी का फैसला आप लेती हैं या परिवार वाले?
4- जब आप किसी मुद्दे पर अपनी बात रखती हैं तो कोई यह कहता है अरे तुम क्या जानोगी? मान लीजिए आपको कोई मोबाइल ही खरीदना है तो फिर आप टेक्निकल चीजों के लिए अपने भाई...
महिला दिवस (Women's Day) पर बड़ी-बड़ी बातें करना आसान है, लेकिन इन्हीं गुणों को असल जीवन में अपनाना शायद काफी मुश्किल है. दुनिया किसे मजबूत महिला मानती है, यह तो उन्हें ही पता है, लेकिन क्या आप खुद को एक सशक्त महिला समझती हैं?
आपकी नजर में एक मजबूत महिला कौन है? क्या बाहर काम करने वाली महिला ही मजबूत है या फिर घर को संभालने वाली भी इस दायरे में आती है. चलिए इस मौके पर आप खुद से कुछ सवाल पूछिए और अपना जवाब खुद जान लीजिए...
1- तो हमारा पहला सवाल पैदाइश से संबंधित फैसले से है. क्या आप ऐसी महिला हैं जो यह फैसला खुद कर सकती है कि आपको कब मां बनना या नहीं. अगर मां बनना भी है तो कब बनना है? कहीं आप खुद को ममता के बिना अधूरा मानने का बोझ लिए तो नहीं घूम रहीं हैं? क्या सिंगल मदर बनना आपके लिए संभव है? गुड न्यूज़ देना है या नहीं, क्या यह आप खुद तय कर सकती हैं?
2- क्या शादी करने या ना करने का फैसला आपका है? मान लीजिए अगर आपको अपने पसंद के लड़के से प्रेम विवाह करना है तो क्या यह आपका फैसला होगा? अगर शादी करनी है तो किससे करनी है, यह चुनाव करने का अधिकार आपके पास है नहीं?
3- आपको पढ़ना है, क्या आप शिक्षा के लिए अपनी मर्जी से बाहर दूसरे शहर जा सकती हैं? आपको कौन सा विषय चुनना है? क्या यह फैसला आपका अपना होता है? या फिर पिता और भाई ही डिसाइड करते हैं? कॉलेज, हॉस्टल या पीजी का फैसला आप लेती हैं या परिवार वाले?
4- जब आप किसी मुद्दे पर अपनी बात रखती हैं तो कोई यह कहता है अरे तुम क्या जानोगी? मान लीजिए आपको कोई मोबाइल ही खरीदना है तो फिर आप टेक्निकल चीजों के लिए अपने भाई या दोस्त की मदद लेती हैं या फिर खुद पर निर्भर रहती हैं?
5- क्या परिवार वालों को इस बात का डर लगता है कि आप बाहर गईं तो कुछ गलत हो जाएगा? क्या आपको अकेले बाहर जाने के लिए तैयार हैं या फिर इसके लिए आपको पिता, भाई, पति से इजाजत लेनी पड़ती है? क्या आपके कंधों पर ही आपके परिवार की इज्जत की जिम्मेदारी है, आपके भाई के नहीं? क्या लोगों की घूरती नजरों की जिम्मेदार आपको ही माना जाता है? कुछ गलत होने पर आपके महिला होने का ताना मारा जाता है?
6- शादी से पहले या बाद में नौकरी करने या न करने का फैसला क्या आपने लिया? किस क्षेत्र में करियर बनाना है, क्या यह आपने खुद तय किया या फिर आपके परिवार वालों ने...? एयरहोस्टेज बनना है या डॉक्टर यह आपके पिता-भाई ने तय किया या आपने?
7- क्या आपके मोबाइल में आपके क्षेत्र के गायनोक्लोजिस्ट का नंबर है? क्या आप अपने सेहत को अनदेखा करती हैं? क्या तबियत खराब होने पर आप खुद से डॉक्टर के पास चली जाती हैं या फिर पति या पिता पर निर्भर रहती हैं? क्या आपने बिना गंभीर बीमारी हुए आपना रूटीन चेकअप कभी कराया है? क्या आप अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए वॉक, योग या जिम जाती हैं? या फिर दूसरों के सेहत का ही जिम्मा ले रखा है?
8- क्या आप दोस्तों के साथ पार्टी करने जा सकती हैं? क्या दिन में बाहर जाने के लिए इजाजत लेनी पड़ती है? मान लीजिए कभी अकेले ट्रेवल करने का मन किया तो आपको घरवालों से परमिशन लेनी पड़ेगी और बात अलग सोलो ट्रिप की हो तो, सोच लीजिए आप कितनी मजबूत हैं?
9- क्या न चाहते हुए भी आप शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर होती हैं भले आपकी मर्जी हो या न हो? क्या पति को न कह पाना आपके हिम्मत की बाहर की बात है? या आप यह कह सकती हैं कि आज मन नहीं है और वे मान जाते हैं?
10- क्या आप रिश्ते में अलग होने का फैसला खुद ले सकती हैं? बात चाहें रिलेशनशिप की हो या फिर शादी की अगर रिश्ता नहीं चल पा रहा है तो क्या अलग होने का फैसला ले सकती हैं? या फिर समाज क्या कहेगा यही सोचकर बिना मन के रिश्ता निभा रही हैं?
11- क्या आप जिस रूप में है उस रूप में अपने शरीर को अपना रही हैं? या लोगों की नजरों में परफेक्ट दिखने के लिए दबाव में जी रही हैं? मोटी, पतली, गोरी, काली जैसी बातों का आपके ऊपर फर्क पड़ता है या फिर आप जैसी हैं उस रूप में खुश हैं?
12. आप फाइनेंशियली खुद पर डिपेंड हैं यह अच्छी बात है, लेकिन क्या आप फाइनेंस से जुड़े फैसले भी खुद लेती हैं? आपकी सैलरी का क्या होगा, यह आपने तय किया है या किसी और ने? कहां क्या निवेश करना है, कौन सी एफडी खोलनी है या फिर कौन सा पैसा कहां खर्च करना है, क्या आप यह सोचने में सक्षम हैं या जिस तरह पति फॉर्म भरते हैं, ये सब भी वही तय करते हैं?
13- सबसे आखिरी और बड़ी बात क्या आप अपने लिए समय (Me time) निकालने के लिए आजाद हैं? कहीं आप खुद के लिए कुछ करने से पहले ही तो गिल्ट में नहीं चली जातीं? हाय मेरा बच्चा भूखा होगा, इसके पापा को मेरी हाथ की ही चाय पसंद है...ऐसी सोच आपके मन में तो नहीं?
असल में इस तरह के सैकड़ों सवाल महिलओं के मन में भी आते हैं, जिसे वे जान बूझकर अनदेखा कर देती हैं, ठीक अपनी तकलीफों की तरह. जब घर की महिला दवाई खाकर चुपचाप किचन में खाना बनाने जाती है उसे भी घरवाले अनदेखा ही तो करते हैं.
जबकि यही बातें बताती हैं कि आप कितनी मजबूत महिला हैं? गाड़ी खरीदने से लेकर इसे चलाने तक, वर्क प्लेस पर अपने साथ हो रहे भेदभाव तक, बच्चे को जन्म देने के बाद बढ़े वजन तक, बच्चे की अकेले परवरिश तक, अकेले घर संभालने तक.
ऐसी तमाम बातें है जिन्हें आप भी जानते हैं और हम भी लेकिन बिना स्त्रीभाव जाने कोई नहीं समझ सकता है. तो अब आप बताइए आप मजबूत महिला हैं या फिर सिर्फ बाहर काम कर लेने भर से खुद को मजबूत समझने की भूल कर रही हैं...
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.