बचपन में स्कूल जाने से बचने के लिए अपनी बगलों में प्याज रखकर नकली बुखार लाने वाली ट्रिक तो सभी को पता होगी. खैर, वो तो बहुत छोटी बात थी.
फिलहाल चीन की एक महिला चेन को एक अजीब सी बीमारी हो गई है. चेन को मर्दों की आवाज नहीं सुनाई दे रही है. एक सुबह जब वह उठीं तो उन्हें अपने ब्वायफ्रेंड की आवाज ही सुनाई नहीं दे रही थी. वो जानबूझ कर ऐसा नहीं कर रही हैं, बल्कि उन्हें एक दुर्लभ बीमारी हो गई है. ये सब होने से पहले वाली रात उन्हें उल्टी हुई थी और उनके कान में घंटी सी बजती सुनाई दे रही थी.
यह बीमारी बहुत ही दुर्लभ है और इसकी वजह से सुनने की क्षमता हमेशा के लिए जा भी सकती है और कोई नहीं चाहेगा कि उसके साथ ऐसा कुछ हो. जब चीन की इस महिला को डॉक्टर को दिखाया गया तो पता चला कि उनके कान का सिस्टम कम फ्रीक्वेंसी वाली आवाजों को पकड़ नहीं पा रहा है यानी सुन नहीं पा रहा है. ऐसी स्थिति को 'रिवर्स-स्लोप हियरिंग लॉस' कहते हैं. यहां आपको बता दें कि मर्दों की आवाज की फ्रीक्वेंसी औसतन कम ही रहती है. यही वजह है कि वह औरतों की आवाज तो सुन पा रही हैं, लेकिन मर्दों की आवाज उन्हें ठीक से सुनाई नहीं दे रही है.
इस बीमारी का पता लग पाना भी इतना आसान नहीं है, क्योंकि हो सकता है कि आपको शुरुआत में पता ही नहीं चले कि आप मर्दों की आवाज ठीक से नहीं सुन पा रहे हैं. खासकर जब तक आप किसी पुरुष से बातचीत करने की कोशिश ना करें.
रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका और कनाडा में सिर्फ 3000 लोगों पर इस दुर्लभ बीमारी का असर है. पूरी दुनिया या पूरे एशिया में इनकी संख्या कितनी है, इस पर कोई डेटा मौजूद नहीं है.
इस बीमारी में क्या होता है और इसे कहते क्या हैं, ये सब बाद में जानेंगे....
बचपन में स्कूल जाने से बचने के लिए अपनी बगलों में प्याज रखकर नकली बुखार लाने वाली ट्रिक तो सभी को पता होगी. खैर, वो तो बहुत छोटी बात थी.
फिलहाल चीन की एक महिला चेन को एक अजीब सी बीमारी हो गई है. चेन को मर्दों की आवाज नहीं सुनाई दे रही है. एक सुबह जब वह उठीं तो उन्हें अपने ब्वायफ्रेंड की आवाज ही सुनाई नहीं दे रही थी. वो जानबूझ कर ऐसा नहीं कर रही हैं, बल्कि उन्हें एक दुर्लभ बीमारी हो गई है. ये सब होने से पहले वाली रात उन्हें उल्टी हुई थी और उनके कान में घंटी सी बजती सुनाई दे रही थी.
यह बीमारी बहुत ही दुर्लभ है और इसकी वजह से सुनने की क्षमता हमेशा के लिए जा भी सकती है और कोई नहीं चाहेगा कि उसके साथ ऐसा कुछ हो. जब चीन की इस महिला को डॉक्टर को दिखाया गया तो पता चला कि उनके कान का सिस्टम कम फ्रीक्वेंसी वाली आवाजों को पकड़ नहीं पा रहा है यानी सुन नहीं पा रहा है. ऐसी स्थिति को 'रिवर्स-स्लोप हियरिंग लॉस' कहते हैं. यहां आपको बता दें कि मर्दों की आवाज की फ्रीक्वेंसी औसतन कम ही रहती है. यही वजह है कि वह औरतों की आवाज तो सुन पा रही हैं, लेकिन मर्दों की आवाज उन्हें ठीक से सुनाई नहीं दे रही है.
इस बीमारी का पता लग पाना भी इतना आसान नहीं है, क्योंकि हो सकता है कि आपको शुरुआत में पता ही नहीं चले कि आप मर्दों की आवाज ठीक से नहीं सुन पा रहे हैं. खासकर जब तक आप किसी पुरुष से बातचीत करने की कोशिश ना करें.
रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका और कनाडा में सिर्फ 3000 लोगों पर इस दुर्लभ बीमारी का असर है. पूरी दुनिया या पूरे एशिया में इनकी संख्या कितनी है, इस पर कोई डेटा मौजूद नहीं है.
इस बीमारी में क्या होता है और इसे कहते क्या हैं, ये सब बाद में जानेंगे. पहले ये जानते हैं कि क्या ऐसी दुर्लभ मेडिकल कंडिशन का नाटक भी किया जा सकता है?
बिल्कुल, इस बीमारी का नाटक किया जा सकता है और इसका काफी फायदा भी मिल सकता है. जैसे सबरीमाला में घुसने की कोशिश कर रही महिला अगर इसका नाटक कर ले और उसे कोई ये कहते हुए रोके कि वह अशुद्ध है, तो पहले तो महिला को कुछ सुनाई नहीं देगा और अगर थोड़ा बहुत सुनाई भी दे गया तो वह कह सकती है कि वह 'रिवर्स-स्लोप हियरिंग लॉस' से पीड़ित है. बशर्तें, महिला को रोकने के लिए कोई दूसरी महिला ही ना हो, क्योंकि महिलाओं की आवाज तो साफ सुनाई ही देगी.
जब 'कॉफी विथ करन' में करन जौहर की बातों पर कार्यक्रम में आए गेस्ट टीआरपी का गिफ्ट अश्लील कमेंट के रूप में दें, तो 'रिवर्स-स्लोप हियरिंग लॉस' का नाटक करने पर उनकी आवाज सुनाई नहीं देने का नाटक किया जा सकता है और आपको कुछ बुरा नहीं लगेगा. जरा रुकिए, ऐसा नाटक करने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको 'कॉफी विथ करन' के अधिकतर एपिसोड की बातें सुनाई ही नहीं देंगी.
नहीं सुनकर अच्छा लगा ना? लेकिन कृपया इसे अपने ऑफिस में बिल्कुल ट्राई ना करें.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.