चॉकलेट और प्रेम का सम्बन्ध कब किस सन में स्थापित हुआ, इसका कोई पुख्ता इतिहास नहीं मिलता. इतिहास किसी चीज का ना ही मिले तो ही अच्छा है, नहीं तो बड़े दंगे-फसाद होते हैं. कोई न कोई उससे छेड़छाड़ कर देता है. शुक्र है चॉकलेटी प्रेम का इतिहास अब तक निर्विवाद है. आज जब घर पहुंचा तो 'मकान मालिक परिवार' का 80 वर्षीय सदस्य बाहर ही मिल गया. हाथ में वृहद आकार का चॉकलेट था, जिसे देखकर बूढ़े ने पूछा, 'ई का है बे?' मैंने इग्नोरियत की नजर से जवाब देकर कटना चाहा, लेकिन बूढ़ा मुझे घेरने में सफल रहा. आज मैं उसके बौद्धिक दर्शन का शिकार था. मैंने सोचा लिया था कि अब बूढ़ा अपनी जवानी के हसीन पलों को याद करते हुए कहेगा, 'बेटा, हमारे जमाने में तो चॉकलेट की खदानें हुआ करती थीं, और खनन के ठेके होते थे. एक दिन में करीब 1500 डंपर चॉकलेट निकलती थी. चॉकलेट डे पर तो कीमतें आसमान छूती थीं. जो दबंग आशिक होते थे वे डंपर के डंपर लूट लेते थे. आज तो हर तरह की चॉकलेट बहुत आसानी से दुकानों पर मिल जाती है.'
लेकिन बूढ़े ने ऐसा कुछ नहीं कहा. बोला, 'बेटा चॉकलेट का शौक तो तुम्हारी दादी को था. हर तरह की चॉकलेट वो खुद बना लेती थी. एक बार मैं सिंगापुर से खास तरह की चॉकलेट लाया था, बहुत ही लाजवाब. बोली 'मैं आपको ऐसी ही चॉकलेट बनाकर खिलाऊंगी, चाहे अपनी जान ही क्यों न देना पड़े.'
मैंने पूछा फिर 'क्या हुआ?'
'कुछ नहीं दे दी उसने अपनी जान. चॉकलेट बनाते बनाते ही उसे अटैक आ गया और सिधार गई स्वर्ग.'
'फिर?'
'फिर क्या? उस दिन के बाद से कभी चॉकलेट नहीं खाई.
'मैंने कहा, 'गजब प्रेम था अंकल आपका, अब ऐसे प्रेम का कोई मॉडल आ ही नहीं रहा.'
बूढ़ा बोला, 'अब चलता हूँ, उसके आगे चॉकलेट डे का दिया जलाना है.'
मैं घर आया और हाथ में चॉकलेट का डिब्बा देखकर बीवी ऊंचा सुर साधते हुए बोली, 'हैप्पी चॉकलेट...
चॉकलेट और प्रेम का सम्बन्ध कब किस सन में स्थापित हुआ, इसका कोई पुख्ता इतिहास नहीं मिलता. इतिहास किसी चीज का ना ही मिले तो ही अच्छा है, नहीं तो बड़े दंगे-फसाद होते हैं. कोई न कोई उससे छेड़छाड़ कर देता है. शुक्र है चॉकलेटी प्रेम का इतिहास अब तक निर्विवाद है. आज जब घर पहुंचा तो 'मकान मालिक परिवार' का 80 वर्षीय सदस्य बाहर ही मिल गया. हाथ में वृहद आकार का चॉकलेट था, जिसे देखकर बूढ़े ने पूछा, 'ई का है बे?' मैंने इग्नोरियत की नजर से जवाब देकर कटना चाहा, लेकिन बूढ़ा मुझे घेरने में सफल रहा. आज मैं उसके बौद्धिक दर्शन का शिकार था. मैंने सोचा लिया था कि अब बूढ़ा अपनी जवानी के हसीन पलों को याद करते हुए कहेगा, 'बेटा, हमारे जमाने में तो चॉकलेट की खदानें हुआ करती थीं, और खनन के ठेके होते थे. एक दिन में करीब 1500 डंपर चॉकलेट निकलती थी. चॉकलेट डे पर तो कीमतें आसमान छूती थीं. जो दबंग आशिक होते थे वे डंपर के डंपर लूट लेते थे. आज तो हर तरह की चॉकलेट बहुत आसानी से दुकानों पर मिल जाती है.'
लेकिन बूढ़े ने ऐसा कुछ नहीं कहा. बोला, 'बेटा चॉकलेट का शौक तो तुम्हारी दादी को था. हर तरह की चॉकलेट वो खुद बना लेती थी. एक बार मैं सिंगापुर से खास तरह की चॉकलेट लाया था, बहुत ही लाजवाब. बोली 'मैं आपको ऐसी ही चॉकलेट बनाकर खिलाऊंगी, चाहे अपनी जान ही क्यों न देना पड़े.'
मैंने पूछा फिर 'क्या हुआ?'
'कुछ नहीं दे दी उसने अपनी जान. चॉकलेट बनाते बनाते ही उसे अटैक आ गया और सिधार गई स्वर्ग.'
'फिर?'
'फिर क्या? उस दिन के बाद से कभी चॉकलेट नहीं खाई.
'मैंने कहा, 'गजब प्रेम था अंकल आपका, अब ऐसे प्रेम का कोई मॉडल आ ही नहीं रहा.'
बूढ़ा बोला, 'अब चलता हूँ, उसके आगे चॉकलेट डे का दिया जलाना है.'
मैं घर आया और हाथ में चॉकलेट का डिब्बा देखकर बीवी ऊंचा सुर साधते हुए बोली, 'हैप्पी चॉकलेट डे जानू, आई नो, तुम्हें याद होगा. खोलो जल्दी. कौन सा है?'
मैंने कहा, 'सैमसंग का है 24 इंची'
वो बोली, 'गुस्सा काहे रहे हो इतना, थोड़ा सा तारीफ कर दिए तो भाव खा रहे हो'
मैंने कहा, 'एक दम स्पेशल चॉकलेट है, बॉस कल सिंगापुर से लौटे हैं, उन्हीं से मंगाया था.'
'हें, सच्ची?'
'और का'
'खाकर तो देख'
'सच में यम्मी है, वाव'
'जिंदगी में कभी नहीं खा पाती ऐसा चॉकलेट.'
'जाओ जाओ, कल ऐसा ही चॉकलेट बनाकर न खिलाया, तो जान आपकी.'
मैंने कहा, 'पक्का बनायेगी न?'
बोली, 'हां हां, इसे तो खाओ, अब कहाँ जा रहे हो?'
'वेलेंटाइन का दीया ढूंढ़ने.'
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