जैसे ही भारत (India) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले आने शुरू हुए सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा कर दी और लोगों को निर्देशित किया कि वो सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन करते हुए अपने अपने घरों में रहें. क्योंकि सरकार ने बस, ट्रेन और हवाई सफ़र को प्रतिबंधित कर दिया था इसलिए लोग भी इस आस में थे कि उनका रिफंड (Refund) आज नहीं तो कल आ ही जाएगा. अब क्यों कि पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने लॉक डाउन 2 (Lockdown) की घोषणा की है तो यात्रीयों के लिए भी बुरी खबर है विमानन कंपनियों ने अपना मनमाना रवैया अपनाते हुए पूर्व में बुक हुए टिकटों के पैसे रिफंड करने से मना कर दिया है. वहीं ग्राहकों का फायदा बस इतना है कि उन्हें नई तिथि में यात्रा करने की सुविधा दे दी जाएगी. ध्यान रहे कि लॉक डाउन के कारण एयर ट्रेवल (Air Travel) पर भी रोक लगी हुई है जिससे वो सभी लोग बहुत परेशान है जिन्होंने अपने अपने टिकट बुक कराए थे. एयर लाइंस ने 25 मार्च से 14 अप्रैल की अवधि के बीच बुक किये गए टिकटों की राशि लौटने के बजाए ग्राहकों को क्रेडिट शेल देने की बात कही है. बताया जा रहा है कि कस्टमर क्रेडिट शेल का इस्तेमाल अपने अगले ट्रेवल के लिए कर सकते हैं.
बात आगे बढ़ाने से पहले बताते चलें कि कोरोना वायरस की चनौती से निपटने के लिए सरकार ने डोमेस्टिक और इंटरनेशनल दोनों ही ट्रेवल पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी थी. इसके बाद से ही जनता और एयर लाइंस के बीच रिमांड को लेकर दो फाड़ हो गया था.
विमान कंपनियों ने इस बात को बिल्कुल साफ कह दिया था कि इस लॉकडाउन से उनका काफी नुकसान हुआ है इसलिए वो रिफंड का पैसा वापस नहीं करेंगी.
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जैसे ही भारत (India) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले आने शुरू हुए सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा कर दी और लोगों को निर्देशित किया कि वो सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन करते हुए अपने अपने घरों में रहें. क्योंकि सरकार ने बस, ट्रेन और हवाई सफ़र को प्रतिबंधित कर दिया था इसलिए लोग भी इस आस में थे कि उनका रिफंड (Refund) आज नहीं तो कल आ ही जाएगा. अब क्यों कि पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने लॉक डाउन 2 (Lockdown) की घोषणा की है तो यात्रीयों के लिए भी बुरी खबर है विमानन कंपनियों ने अपना मनमाना रवैया अपनाते हुए पूर्व में बुक हुए टिकटों के पैसे रिफंड करने से मना कर दिया है. वहीं ग्राहकों का फायदा बस इतना है कि उन्हें नई तिथि में यात्रा करने की सुविधा दे दी जाएगी. ध्यान रहे कि लॉक डाउन के कारण एयर ट्रेवल (Air Travel) पर भी रोक लगी हुई है जिससे वो सभी लोग बहुत परेशान है जिन्होंने अपने अपने टिकट बुक कराए थे. एयर लाइंस ने 25 मार्च से 14 अप्रैल की अवधि के बीच बुक किये गए टिकटों की राशि लौटने के बजाए ग्राहकों को क्रेडिट शेल देने की बात कही है. बताया जा रहा है कि कस्टमर क्रेडिट शेल का इस्तेमाल अपने अगले ट्रेवल के लिए कर सकते हैं.
बात आगे बढ़ाने से पहले बताते चलें कि कोरोना वायरस की चनौती से निपटने के लिए सरकार ने डोमेस्टिक और इंटरनेशनल दोनों ही ट्रेवल पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी थी. इसके बाद से ही जनता और एयर लाइंस के बीच रिमांड को लेकर दो फाड़ हो गया था.
विमान कंपनियों ने इस बात को बिल्कुल साफ कह दिया था कि इस लॉकडाउन से उनका काफी नुकसान हुआ है इसलिए वो रिफंड का पैसा वापस नहीं करेंगी.
जब यात्रियों ने दबाव बनाना शुरू किया तो एयरलाइंस कंपनियों ने भी बीच का रास्ता प्रस्तावित किया इसमें टिकट का रिफंड तो नहीं किया जाएगा बल्कि जिस पी एन आर पर टिकट बना है उसी पर टिकट का अमाउंट मिलेगा जिसका इस्तेमाल कस्टमर अपने अगले एयर ट्रेवस्ल के लिए कर सकते हैं.
चाहे वो यात्री हों या फिर टिकटिंग एजेंट्स दोनों ही इस बात से सहमत हैं कि यदि ऐसा होता है तो इससे एयर लाइंस कंपनियों का तो कुछ नहीं बिगड़ेगा बल्कि इसकी सीधी मार कस्टमर और एजेंट पर पड़ेगी.
हो सकता है कि क्रेडिट शेल की बात लोगों को राहत दे मगर इसके पीछे जो एयर लाइन कंपनियों का खेल है उज़ भी ग्राहकों को समझ लेना चाहिए. चूंकि आने वाले दिसंबर तक एयर ट्रेवल काफी महंगा है इसलिए यदि ग्राहक इस क्रेडिट शेल का इस्तेमाल करते भी हैं तो उन्हें कोई विशेष राहत नहीं मिल पाएगी और क़ूल मिलाकर इसका खामियाजा ग्राहकों को ही भुगतना पड़ेगा.
गौरतलब है कि इस लॉक डाउन के चलते फिलहाल 8000 करोड़ रुपए बतौर क्रेडिट शेल अलग अलग एयर लसिन्स के पास हैं और चूंकि सेवाएं ठप हैं कंपनियां भी भारी नुकसान का सामना कर रही हैं. ऐसे में उनके लिए भी ग्राहकों को पैसा वापस करना अपने आप में एक टेढ़ी खीर है.
एयर लाइन द्वारा ग्राहकों को उनका पैसे वापस करना इसलिए भी उनकी साख का विषय बन गया है क्यों कि रेलवे अपने ग्राहकों को उनके पैसे वापस कर रहा है.
खबर है कि यात्री रेल संचालन निरस्त होने के बाद रेलवे ने यात्रियों को उनका पूरा पैसा रिफंड करने की घोषणा की है. जानकारी खुद भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन ने दी है.
आईआरसीटीसी के अनुसार ई टिकट की बुकिंग के लिए यात्री द्वारा इस्तेमाल किए गए खाते में उसका पूरा पैसा भेज दिया जाएगा. ट्रेन कैंसिल होने के मामले में रेलवे द्वारा कोई शुल्क नहीं काटा जाएगा.
रिफंड के इस पूरे खेल में अच्छी बात ये है कि एयरलाइंस कंपनियां न सही कम से कम रेलवे ने तो यात्रियों की सुध ली है. अब बस दुआ यही की जा सकती है कि एयर लाइंस, रेलवे से सबक लें और उनका पैसा वापस करें. जिस तरह विमान कंपनियां ग्राहकों का पैसा मारने पर तुली हैं इससे साफ़ तौर पर एयर लाइंस खुद अपनी विश्वसनीयता को प्रभावित करती नजर आ रही हैं.
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