मैं हमेशा से इस भ्रम में थी, मानती और कहती भी हूँ कि मैं स्वयं के लिए ही पनौती हूँ लेकिन कोरोना वायरस की खबरों (Coronavirus news) के बीच आज एक न्यूज ने मेरे ये ख़यालात बदल दिए. सर्फिंग करते हुए अचानक एक तस्वीर दिखाई दी, साथ में कैप्शन था 'बैंगलोर का कहक़र गया था थाईलैंड, पुलिस ने किया पर्दाफ़ाश' पढ़कर हमें तो बहुत जोर से हँसी आई और चित्र को zoom किया. पत्नी की भौंहें तनी हुई और पति के चेहरे पर उड़ती हवाइयाँ उसके गुनाह की सारी कहानी कह रही थीं.
मैं आपको बता दूं कि थाईलैंड को मसाज़ कंट्री की तरह दुष्प्रचारित किया जाता है जबकि यह अत्यधिक spiritual country है, बेहद खूबसूरत भी. समय और मैं रही तो उस पर लिखूँगी कभी. हाँ, मसाज़ सेंटर भी बहुत हैं वहाँ, पर यही उसकी विशेषता नहीं है.
ख़ैर... इन साहब ने जिस तरह से ये खबर अपनी पत्नी से छुपाई उससे साफ ज़ाहिर है कि इनके इरादे नेक नहीं थे. अब कोई ट्रेन तो थी नहीं जो कह देते कि अरे, नींद लग गई तो अगले स्टेशन पर पहुँच गए थे.
सोचो, हर स्थान पर ये फ़ोटो खिंचवाने से बचे होंगे. समुंदर की लहरों संग उल्टा तैरे होंगे. बीच पर रेती में मुँह घुसा लिया होगा. लगेज में से एयरलाइन के सारे कागज़ हैंडल और ताले से उखाड़ फेंके होंगे. पर्स में से बोर्डिंग पास निकालकर एयरपोर्ट के बाहर ही dustbin में डाल दिया होगा. एकाध करेंसी बची होगी तो मित्र की जेब में 'रख ले यार' कहकर डाल दी होंगी. यह दान नहीं बल्कि मुँह बंद रखने की कीमत ही समझिए. बाथटब में निरमा वाशिंग पाउडर से झाग बना स्वयं को स्वच्छ किया होगा कि देसी smell से शक़ की कोई गुंजाइश न रहे. इतने सारे efforts के बाद निश्चिन्त होकर सफ़र की थकान का पोज मारते हुए मुँह लटकाए घर में घुसे होंगे. शायद किसी शॉप से...
मैं हमेशा से इस भ्रम में थी, मानती और कहती भी हूँ कि मैं स्वयं के लिए ही पनौती हूँ लेकिन कोरोना वायरस की खबरों (Coronavirus news) के बीच आज एक न्यूज ने मेरे ये ख़यालात बदल दिए. सर्फिंग करते हुए अचानक एक तस्वीर दिखाई दी, साथ में कैप्शन था 'बैंगलोर का कहक़र गया था थाईलैंड, पुलिस ने किया पर्दाफ़ाश' पढ़कर हमें तो बहुत जोर से हँसी आई और चित्र को zoom किया. पत्नी की भौंहें तनी हुई और पति के चेहरे पर उड़ती हवाइयाँ उसके गुनाह की सारी कहानी कह रही थीं.
मैं आपको बता दूं कि थाईलैंड को मसाज़ कंट्री की तरह दुष्प्रचारित किया जाता है जबकि यह अत्यधिक spiritual country है, बेहद खूबसूरत भी. समय और मैं रही तो उस पर लिखूँगी कभी. हाँ, मसाज़ सेंटर भी बहुत हैं वहाँ, पर यही उसकी विशेषता नहीं है.
ख़ैर... इन साहब ने जिस तरह से ये खबर अपनी पत्नी से छुपाई उससे साफ ज़ाहिर है कि इनके इरादे नेक नहीं थे. अब कोई ट्रेन तो थी नहीं जो कह देते कि अरे, नींद लग गई तो अगले स्टेशन पर पहुँच गए थे.
सोचो, हर स्थान पर ये फ़ोटो खिंचवाने से बचे होंगे. समुंदर की लहरों संग उल्टा तैरे होंगे. बीच पर रेती में मुँह घुसा लिया होगा. लगेज में से एयरलाइन के सारे कागज़ हैंडल और ताले से उखाड़ फेंके होंगे. पर्स में से बोर्डिंग पास निकालकर एयरपोर्ट के बाहर ही dustbin में डाल दिया होगा. एकाध करेंसी बची होगी तो मित्र की जेब में 'रख ले यार' कहकर डाल दी होंगी. यह दान नहीं बल्कि मुँह बंद रखने की कीमत ही समझिए. बाथटब में निरमा वाशिंग पाउडर से झाग बना स्वयं को स्वच्छ किया होगा कि देसी smell से शक़ की कोई गुंजाइश न रहे. इतने सारे efforts के बाद निश्चिन्त होकर सफ़र की थकान का पोज मारते हुए मुँह लटकाए घर में घुसे होंगे. शायद किसी शॉप से मुरक्कू और मैसूर पाक भी खरीद लिया हो.
बताइए, इतनी तैयारी के बाद ये सितम!
भारतीय पुलिस को अपनी सारी होशियारी अभी ही दिखानी थी.
बेचारे ने सपने के करोड़वें हिस्से में भी नहीं सोचा होगा कि देश में पहुँचते ही कोरोना खींसे निपोरता मिलेगा. फिर lockdown होगा. फिर विदेश से आने वालों को quarantine में रखा जाएगा, फिर उस पीरियड में विदेश जाने वालों की सूची बनेगी, फिर घर-घर जाकर उनकी क्लास ली जाएगी और फिर मैं पकड़ा जाऊँगा.
यह कोई आम घटना नहीं है जी बल्कि साक्षात् इतिहास रचा गया है कि एक ऐसा महापुरुष जिसका झूठ बीवी ने नहीं बल्कि पुलिस ने पकड़ा वो भी बिना FIR दर्ज करे.
भक्क! ऐसा भी होता है कहीं.
अरे! हुआ है सच्ची!
सदियों में एक ऐसा इंसान पैदा होता है जिसे महापनौती साबित करने के लिये पूरी क़ायनात उसके पीछे लग जाती है. न जाने कौन से जन्म के पापों की सज़ा मिली है आपको. इस जन्म के पाप तो पता चल गए हैं जी. तो भैये हार्दिक संवेदनाओं के साथ आज से पनौती का महान टैग आपका हुआ. हम अब चैन से गुजर-बसर करेंगे. आज तो हमरा भी मन कर रहा कि एक बार कह ही दें #मोहैतोमुहै
मंगलभवन अमंगलहाaaaaरी...
राम सियाराम सियाराम जय जय राम.
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