कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण तेज़ी के साथ चलता हुआ वक्त और तरक्की करती हुई दुनिया, पृथ्वी से आकाश तक और चांद की सतह तक पहुंच जाने वाली दुनिया सहमी और डरी हुई है. कोई युद्ध के मुहाने पर नहीं खड़ा है, मगर हर देश लड़ रहा है. अपने आप से लड़ रहा है. अपने लोगों के लिए लड़ रहा है. शहर के शहर वीरान हैं. विश्व भर में इतना सन्नाटा और इतना भयानक मंज़र तो विश्वयुद्ध (World War) के समय भी नहीं देखा गया था. यह रूहों को कंपा देने वाला लम्हा है. आसान नहीं है यह वक्त. दुनिया के ज़्यादातर देश इस महामारी का शिकार हो चुके हैं और इस महामारी के खिलाफ लड़ने की हिम्मत भी दिखा रहे हैं. पूरे देश को एक तरीके से बंद कर दिया गया है बेशक उनकी अर्थव्यवस्था (Economy ) पर इसका पूरा असर पड़ेगा लेकिन इस जानलेवा वायरस से लोगों को बचाने के लिए कोई भी राष्ट्र हो या सरकार हो वह सख्त से सख्त कदम ज़रूर उठाएगी और उठाना भी चाहिए. दिल को झकझोर देने वाली बात यह है की दुनिया भर में अबतक 22 हज़ार से अधिक मौतें (Coronavirus Deaths Globally) हो चुकी हैं और इसका असर अभी भी कम नहीं हो रहा है.
बताया जाता है कि चीन के वुहान शहर में इस कोरोना वायरस ने जन्म लिया, यह वायरस चमगादड़ या किसी अन्य समुद्री जानवर के सूप के ज़रिए इंसानों तक पहुंचा , हालांकि कई देशों ने इस वायरस को फैलाने में चीन की भूमिका को भी कठघरे में खड़ा किया है. आंकड़े कहते हैं कि चीन से निकलकर यह वायरस ईरान, इटली, स्पेन, अमेरिका, भारत, जापान, पाकिस्तान समेत दुनिया के 170 से ज़्यादा देशों फैल चुका है.
ऐसे में यह सवाल लाज़िमी है कि चीन के वुहान शहर से निकला यह वायरस पूरी दुनिया में फैल गया लेकिन चीन की राजधानी और...
कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण तेज़ी के साथ चलता हुआ वक्त और तरक्की करती हुई दुनिया, पृथ्वी से आकाश तक और चांद की सतह तक पहुंच जाने वाली दुनिया सहमी और डरी हुई है. कोई युद्ध के मुहाने पर नहीं खड़ा है, मगर हर देश लड़ रहा है. अपने आप से लड़ रहा है. अपने लोगों के लिए लड़ रहा है. शहर के शहर वीरान हैं. विश्व भर में इतना सन्नाटा और इतना भयानक मंज़र तो विश्वयुद्ध (World War) के समय भी नहीं देखा गया था. यह रूहों को कंपा देने वाला लम्हा है. आसान नहीं है यह वक्त. दुनिया के ज़्यादातर देश इस महामारी का शिकार हो चुके हैं और इस महामारी के खिलाफ लड़ने की हिम्मत भी दिखा रहे हैं. पूरे देश को एक तरीके से बंद कर दिया गया है बेशक उनकी अर्थव्यवस्था (Economy ) पर इसका पूरा असर पड़ेगा लेकिन इस जानलेवा वायरस से लोगों को बचाने के लिए कोई भी राष्ट्र हो या सरकार हो वह सख्त से सख्त कदम ज़रूर उठाएगी और उठाना भी चाहिए. दिल को झकझोर देने वाली बात यह है की दुनिया भर में अबतक 22 हज़ार से अधिक मौतें (Coronavirus Deaths Globally) हो चुकी हैं और इसका असर अभी भी कम नहीं हो रहा है.
बताया जाता है कि चीन के वुहान शहर में इस कोरोना वायरस ने जन्म लिया, यह वायरस चमगादड़ या किसी अन्य समुद्री जानवर के सूप के ज़रिए इंसानों तक पहुंचा , हालांकि कई देशों ने इस वायरस को फैलाने में चीन की भूमिका को भी कठघरे में खड़ा किया है. आंकड़े कहते हैं कि चीन से निकलकर यह वायरस ईरान, इटली, स्पेन, अमेरिका, भारत, जापान, पाकिस्तान समेत दुनिया के 170 से ज़्यादा देशों फैल चुका है.
ऐसे में यह सवाल लाज़िमी है कि चीन के वुहान शहर से निकला यह वायरस पूरी दुनिया में फैल गया लेकिन चीन की राजधानी और चीन के ज़्यादातर शहरों पर इसका कोई असर क्यों नहीं हुआ.फिलहाल सभी देश अपने ही देशों में इस खतरनाक वायरस से लड़ रहे हैं और उन्हीं देशों में भारत भी खड़ा है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों को लॅाकडाउन कर रखा है और तेज़ी के साथ इस वायरस पर कंट्रोल पाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि पूरे भारत में लॅाकडाउन होने के बाद से कोरोना के मामलों में थोड़ी कमी आती ज़रूर दिख रही है लेकिन इसके लिए 21 दिनों की लम्बी लड़ाई ज़रूर लड़नी पड़ेगी और इसमें सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि देश के हर नागरिकों को अपनी ज़िम्मेदारी ज़रूर समझनी होगी.
भारत सरकार ने देर से ही सही पर ठोस कदम उठाए हैं यह कदम बेहद ज़रूरी थे. मैनें ज़मीन पर उतर कर सरकार की तैयारियों को परखा है और प्रशासन की मुस्तैदी को सलाम किया है. आप भी पढ़ेंगे तो आपको राहत मिलेगी. जिला प्रशासन उन लोगों को चिन्हित कर रही है जो अन्य देशों से या अन्य प्रदेशों से सफर करके लौटे हैं, इस कार्य में वह ग्रामीण इलाकों में प्रधानों एवं शहरी इलाकों में पार्षदों की मदद ले रही है और घर-घर पहुंच कर उनकी जांच की जा रही है.
स्वास्थ्य महकमा हो या जिला प्रशासन दोनों का कार्य सराहनीय है. इस मुश्किल घड़ी में आप कुछ योगदान दे सकते हैं तो बस इतना कि अपने घरों मे ही रहें और अगर आपके आसपास कोई दिहाड़ी मजदूर या गरीब हो तो उसकी मदद ज़रूर कर दें.
लॅाकडाउन देश के लिए बेहद ज़रुरी था ये इस महामारी से लड़ने का एकमात्र विकल्प तो नहीं है लेकिन सबसे ज़रूरी विकल्पों में से एक विकल्प ज़रूर है. देश में इस बीमारी की चैन को रोकने के लिए यह कारगर कदम है दुनिया के कई देशों ने इसी विकल्प का इस्तेमाल किया है.
यह 21 दिनों का लॅाकडाउन अगर पूरी तरह से सफल हो गया तो बेशक नतीजे संतोषजनक होंगे. लेकिन ऐसे हालात में सबसे ज़रूरी है तो मानवता, आपके आसपास जो भी ऐसी हालत में है जो 21 दिनों में भुखमरी का शिकार हो सकता है तो ज़िम्मेदारी आपकी है कि आप उसकी मदद करें लेकिन यह मदद सोशल डिस्टेंसिंग के दायरे में रहकर करें.
सबसे ज़रूरी और सबसे आखिरी बात कि ऐसे माहोल में अफवाहों से बचना है सोशल मीडिया पर कई फर्जी तस्वीर और वीडियोज़ वायरल हैं, जो हैं तो बहुत पुरानी पर कोरोना के नाम पर फैल रही है. यह तस्वीरें भय पैदा करती हैं और आपके दिमागों में बैठ जाती हैं. फिर नींद हो या भूख दोनों गायब हो जाती हैं यह एक बीमारी है इसलिए अगर आपको लगता है कि आप इस अफवाहों का शिकार हो रहे हैं तो सोशल मीडिया से कुछ वक्त की दूरी बना लीजिए वरना परिणाम घातक होंगे.
सबसे बेहतर है डर और खौफ को खत्म करने के लिए कि आप अपना मनोरंजन करें. मनोरंजन फिल्म देखकर करें या कोई गेम खेलकर, किताबें पढ़कर करें या गाने सुनकर. बस डर और खौफ को दिमाग में जगह मत दें. दहशत सिर्फ बीमारियों को पैदा करती है.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.