कोरोना वायरस (Coronavirus) का हाहाकार दुनिया भर में मचा हुआ है. कोरोना वायरस को वजूद में आए 6 महीने से अधिक का समय हो गया है लेकिन इसका असर लगातार बढ़ता जा रहा है. अबतक जो देश इससे बचे हुए थे वहां भी कोरोना ने दस्तक दे दी है और यह वायरस लगातार दुनिया भर को प्रभावित कर रहा है. इतने महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक इस वायरस को मार देने वाली न तो कोई वैक्सीन (Vaccine) बन पायी है और न ही कोई इलाज ढूंढा जा सका है. दुनिया भर के वैज्ञानिक इसके लिए वैक्सीन को खोज रहे हैं और तरह तरह के प्रयोग को अंजाम दे रहे हैं जिससे इस वायरस से निपटा जा सके, लेकिन अभी तक कोई भी प्रयास राहत भरी खबर नहीं दे सकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन भी हरेक कोशिश कर इसका विश्लेषण कर रहा है. कुछ नए लक्षण भी सामने आए हैं. दुनिया के बड़े बड़े देशों के स्वास्थ्य विभाग अपनी अलग अलग कोशिशों में जुटी हुयी हैं लेकिन कोरोना वायरस की रफ्तार उसी तेज़ी के साथ बढ़ती ही जा रही है.
भारत में भी कोरोना वायरस की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है. लगभग दो माह का समय बीतने को है लेकिन इस वायरस पर काबू नहीं पाया जा सका है. कोरोना वायरस ने भारत में भी अपना कहर दिखलाना शुरू कर दिया है. मरने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में कहा है कि कोरोना वायरस लंबे समय तक के लिए हमारे साथ रह सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश को संबोधित करते हुए कहा है कि लोगों को आत्मनिर्भर बनना चाहिए. इस आत्मनिर्भरता में कोरोना से बचना भी शामिल है. कोरोना वायरस अगर लंबे समय तक बना रहा तो जीवन का सामान्य पटरी पर दौड़ना बिल्कुल भी आसान नहीं होगा, हर एक शख्स को सतर्कता...
कोरोना वायरस (Coronavirus) का हाहाकार दुनिया भर में मचा हुआ है. कोरोना वायरस को वजूद में आए 6 महीने से अधिक का समय हो गया है लेकिन इसका असर लगातार बढ़ता जा रहा है. अबतक जो देश इससे बचे हुए थे वहां भी कोरोना ने दस्तक दे दी है और यह वायरस लगातार दुनिया भर को प्रभावित कर रहा है. इतने महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक इस वायरस को मार देने वाली न तो कोई वैक्सीन (Vaccine) बन पायी है और न ही कोई इलाज ढूंढा जा सका है. दुनिया भर के वैज्ञानिक इसके लिए वैक्सीन को खोज रहे हैं और तरह तरह के प्रयोग को अंजाम दे रहे हैं जिससे इस वायरस से निपटा जा सके, लेकिन अभी तक कोई भी प्रयास राहत भरी खबर नहीं दे सकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन भी हरेक कोशिश कर इसका विश्लेषण कर रहा है. कुछ नए लक्षण भी सामने आए हैं. दुनिया के बड़े बड़े देशों के स्वास्थ्य विभाग अपनी अलग अलग कोशिशों में जुटी हुयी हैं लेकिन कोरोना वायरस की रफ्तार उसी तेज़ी के साथ बढ़ती ही जा रही है.
भारत में भी कोरोना वायरस की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है. लगभग दो माह का समय बीतने को है लेकिन इस वायरस पर काबू नहीं पाया जा सका है. कोरोना वायरस ने भारत में भी अपना कहर दिखलाना शुरू कर दिया है. मरने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में कहा है कि कोरोना वायरस लंबे समय तक के लिए हमारे साथ रह सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश को संबोधित करते हुए कहा है कि लोगों को आत्मनिर्भर बनना चाहिए. इस आत्मनिर्भरता में कोरोना से बचना भी शामिल है. कोरोना वायरस अगर लंबे समय तक बना रहा तो जीवन का सामान्य पटरी पर दौड़ना बिल्कुल भी आसान नहीं होगा, हर एक शख्स को सतर्कता बरतनी होगी और खुद ही कोरोना से बचना होगा.
कुछ आदतों को बदलना पड़ेगा और कुछ आदतों को अपनाना होगा. जिसकी एक हल्की सी तस्वीर यहाँ पढ़ सकते हैं.वो आदत जो छोड़नी होगी-
1- सार्वजनिक जगहों पर थूकने, खाँसने या छींकने से परहेज करना होगा.
2- भीड़भाड़ का हिस्सा बनने से बचना होगा.
3- किसी तरह की बीमारी होने पर घर में ही सबसे अलग रहना होगा, डाक्टरों के संपर्क में बने रहना होगा.
4- सैलून और पार्लर जाने से भी बचना होगा और सावधानियाँ बरतनी होगी.
5- घर में किसी भी तरह के सामानों को लाकर उसे एक लंबे समय तक इस्तेमाल में लाने से बचना होगा.
6- कपड़े, रुमाल एंव मोबाइल को हमेशा साफ करके ही रखना होगा.
7- लोगों के घर आने-जाने और हाथ मिलाने या गले मिलने की परंपरा से भी बचना होगा.
वो आदत जो हमें डालनी होगी -
1- मास्क, हैंड सेनेटाइजर और सामाजिक दूरी की आदत तो ज़रूर डालनी होगी.
2- बेवजह घरों से निकलना या सफर न करने की आदत बनानी होगी.
3- किसी भी किस्म की बिमारी होने पर खुद को क्वरंटाईन करना ही होगा.
4- पब्लिक प्लेस के इस्तेमाल से बचना होगा व किसी भी यात्रा के दौरान बेहद सतर्कता बरतनी होगी.
5- लिफ्ट, दूसरों का मोबाईल, लैपटाप इत्यादि चीज़ों का इस्तेमाल करने से बिल्कुल भी बचना होगा.
6- किसी तरह के आयोजनों में सोशल डिस्टेंस के नियम को अपनाए रखना होगा.
7- अगर शक भी होता है कि किसी पाजिटिव मरीज़ के संपर्क में आए हैं तो बिना किसी देरी के खुद को अलग करना होगा और स्वास्थ्य विभाग के संपर्क में रहना होगा.
ऐसी दर्जनों आदतों को छोड़ना व अपनाना होगा, जबतक कोरोना वायरस की वैक्सीन या दवा नहीं बन जाती तब तक आत्मनिर्भर होकर खुद ही इससे बचना होगा.
ये भी पढ़ें -
Lockdown में migrant workers का संघर्ष और सरकारों का धर्मसंकट
सड़क किनारे याकूब की गोद में अमृत रंजन की मौत सिर्फ किस्सा नहीं है
Rahul Gandhi का फुटपाथ दौरा और मोदी सरकार पर दबाव की जमीनी हकीकत
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.