कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश की हालत क्या कर दी है इसे बताने की ज्यादा जरूरत नहीं. अलग-अलग माध्यमों से मिल रही सूचनाएं बेहद परेशान करने वाली हैं. महामारी में दूसरी लहर की चपेट इतनी ज्यादा है कि यह हमारे बहुत करीब पहुंच चुका है. वैसे भी इस सीजन में हमारी लाइफस्टाइल और मौसम की वजहों से कुछ चीजों को हल्के में लेना जोखिमभरा हो सकता है. दरअसल, कोरोना के लक्षण (इसके बारे में आगे डिटेल जानकारी है) और इस समय होने वाली सर्दी और फ़्लू जैसी बीमारियों के लक्षण लगभग एक जैसे हैं. कोरोना के घातक दौर में घर, परिवार और समाज के लिए हम जाने-अनजाने महामारी का जरिया ना बन जाए इसके लिए कुछ सावधानियां बेहद जरूरी हैं. क्योंकि जहां लॉकडाउन नहीं वहां लोग दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए बाहर निकल ही रहे हैं.
गर्मी के मौसम में ठंडा-गर्म एक आम शिकायत है. गर्म तापमान से अचानक ठंडी जगह में आने और ठीक इसी तरह एसी-कूलर की सुविधायुक्त किसी ठंडी जगह से अचानक गर्म जगह में पहुंचने के क्रम में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. नहाने के क्रम में बदलाव भी एक कारण हो सकता है. शरीर पर अचानक तापमान के इस बदलाव की वजह से बुखार, सर्दी हो जाना, गले में खरास, सूखी खांसी या शरीर में दर्द की पूरी आशंका है. ये सामान्य बात है और कुछ स्वाधानियों से ये ख़त्म हो जाता है. लेकिन कोरोना के मामले में यही सामान्य लक्षण घातक सिद्ध हो सकते हैं.
कोरोना के सामान्य लक्षण फ़्लू जैसे ही
कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय और तमाम विशेषज्ञ संस्थाओं ने भी बुखार, सूखी खांसी और थकान जैसे कॉमन सिम्पटम बताए हैं. यानी दोनों लक्षण लगभग एक जैसे ही हैं जो किसी को भी भ्रमित कर सकते हैं. दूध, सब्जी या राशन लेने के लिए घर से बाहर निकले हों और अनजाने में कोरोना से कॉन्टैक्ट हो गया. आपने लक्षणों को सामान्य मान लिया तो...
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश की हालत क्या कर दी है इसे बताने की ज्यादा जरूरत नहीं. अलग-अलग माध्यमों से मिल रही सूचनाएं बेहद परेशान करने वाली हैं. महामारी में दूसरी लहर की चपेट इतनी ज्यादा है कि यह हमारे बहुत करीब पहुंच चुका है. वैसे भी इस सीजन में हमारी लाइफस्टाइल और मौसम की वजहों से कुछ चीजों को हल्के में लेना जोखिमभरा हो सकता है. दरअसल, कोरोना के लक्षण (इसके बारे में आगे डिटेल जानकारी है) और इस समय होने वाली सर्दी और फ़्लू जैसी बीमारियों के लक्षण लगभग एक जैसे हैं. कोरोना के घातक दौर में घर, परिवार और समाज के लिए हम जाने-अनजाने महामारी का जरिया ना बन जाए इसके लिए कुछ सावधानियां बेहद जरूरी हैं. क्योंकि जहां लॉकडाउन नहीं वहां लोग दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए बाहर निकल ही रहे हैं.
गर्मी के मौसम में ठंडा-गर्म एक आम शिकायत है. गर्म तापमान से अचानक ठंडी जगह में आने और ठीक इसी तरह एसी-कूलर की सुविधायुक्त किसी ठंडी जगह से अचानक गर्म जगह में पहुंचने के क्रम में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. नहाने के क्रम में बदलाव भी एक कारण हो सकता है. शरीर पर अचानक तापमान के इस बदलाव की वजह से बुखार, सर्दी हो जाना, गले में खरास, सूखी खांसी या शरीर में दर्द की पूरी आशंका है. ये सामान्य बात है और कुछ स्वाधानियों से ये ख़त्म हो जाता है. लेकिन कोरोना के मामले में यही सामान्य लक्षण घातक सिद्ध हो सकते हैं.
कोरोना के सामान्य लक्षण फ़्लू जैसे ही
कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय और तमाम विशेषज्ञ संस्थाओं ने भी बुखार, सूखी खांसी और थकान जैसे कॉमन सिम्पटम बताए हैं. यानी दोनों लक्षण लगभग एक जैसे ही हैं जो किसी को भी भ्रमित कर सकते हैं. दूध, सब्जी या राशन लेने के लिए घर से बाहर निकले हों और अनजाने में कोरोना से कॉन्टैक्ट हो गया. आपने लक्षणों को सामान्य मान लिया तो मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है.
बदलाव ऑब्जर्व करने में देरी ना करें
यहां ध्यान रखने वाली बात है कि शरीर पर तापमान के बदलाव का असर लगभग 24 से 48 घंटे में दिखना शुरू हो जाता है. जबकि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति में लक्षण औसत चार से पांच दिन में दिखने शुरू हो जाते हैं. लक्षण डिटेक्ट होने में 14 दिन भी लग सकता है. अगर आप किसी ना किसी कारण से घर से बाहर निकल रहे हैं तो लक्षणों को नजरअंदाज ना करें.
एक्सपर्ट की सलाह सबसे बेहतर
सबसे पहले घर के अंदर खुद को आइसोलेट करें. मास्क का इस्तेमाल करें और परिवार के दूसरे सदस्यों से कॉन्टैक्ट गाइडलाइन के मुताबिक़ करें. खुद को ऑब्जर्व करें. सबसे अच्छा तो ये होगा कि डॉक्टरों की तुरंत सलाह लें. सीधे अस्पताल जाने की बजाय ऑनलाइन और फोन के माध्यम से सलाह लेने की कोशिश करें. ताकि अगर आप इन्फेक्टेड हों तो संक्रमण को एक सीमा में ही रोकने का उपक्रम हो सके. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह लेने की बेहतर सुविधा दी है. संपर्क कर उसे फॉलो करें.
अपने कॉन्टैक्ट को भी बताएं
चिकित्सकीय परामर्श के अलावा जो चीज आपको करना जरूरी है वो ये कि आप खुद के संपर्क में आए लोगों से कॉल कर बात करें कि कहीं वो भी वैसी ही दिक्कतों का सामना तो नहीं कर रहे हैं. अगर आपके कॉन्टैक्ट के व्यक्ति में भी वैसे ही लक्षण हैं तो उन्हें भी चिकित्सकीय परामर्श लेने और खुद को ऑब्जरवेशन पर रखने की सलाह दें. सबसे अच्छी बात ये है कि कोरोना महामारी घातक जरूर है. लेकिन अगर हम चौकन्ने हैं तो इसे आसानी से हराया जा सकता है.
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