'किसी के इतना करीब आना कि जिस्मों के बीच हवा की गुंजाइश भी न रहे'... या फिर 'दूरी न रहे कोई आज इतना करीब आओ'... जनाब ये रोमांस से लबरेज़ बातें जिन्हें आपने अब तक सिर्फ फिल्मी गीतों और डॉयलॉग्स में सुना था, उन्हें अब हकीकत में देख लीजिए. यकीनन ये तस्वीरें यही बयां कर रही हैं.
आसपास हवा का नामोनिशान तक नहीं...क्योंकि ये दो इंसान सामानों की तरह पॉलीथीन में वैक्यूम पैक्ड हैं, 'pack of love' की तरह. और ऐसा किया क्यों गया है??? तो सुन लीजिए... क्रिएटिविटी जनाब... जापानियों की 'क्रिएटिव फोटोग्राफी' या फिर क्रिएटिव वेडिंग फोटोग्राफी.
रिश्तों में भले ही कभी कभी दम घुटता सा महसूस होता हो, फिर भी दो लोग अपने जीवन में इतना कुछ साझा कर चुके होते हैं कि वो आखिरकार एक ही हो जाते हैं. जापान के फोटोग्राफर हल का यही मानना है. और इसी सोच के साथ वो कई सालों से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जिसे उन्होंने 'Flesh Love' नाम दिया है.
'किसी के इतना करीब आना कि जिस्मों के बीच हवा की गुंजाइश भी न रहे'... या फिर 'दूरी न रहे कोई आज इतना करीब आओ'... जनाब ये रोमांस से लबरेज़ बातें जिन्हें आपने अब तक सिर्फ फिल्मी गीतों और डॉयलॉग्स में सुना था, उन्हें अब हकीकत में देख लीजिए. यकीनन ये तस्वीरें यही बयां कर रही हैं.
आसपास हवा का नामोनिशान तक नहीं...क्योंकि ये दो इंसान सामानों की तरह पॉलीथीन में वैक्यूम पैक्ड हैं, 'pack of love' की तरह. और ऐसा किया क्यों गया है??? तो सुन लीजिए... क्रिएटिविटी जनाब... जापानियों की 'क्रिएटिव फोटोग्राफी' या फिर क्रिएटिव वेडिंग फोटोग्राफी.
रिश्तों में भले ही कभी कभी दम घुटता सा महसूस होता हो, फिर भी दो लोग अपने जीवन में इतना कुछ साझा कर चुके होते हैं कि वो आखिरकार एक ही हो जाते हैं. जापान के फोटोग्राफर हल का यही मानना है. और इसी सोच के साथ वो कई सालों से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जिसे उन्होंने 'Flesh Love' नाम दिया है.
हल का कहना है कि इन तस्वीरों के जरिए वो ये दिखाना चाहते हैं कि दो लोग एक दूसरे के कितना करीब हैं और उनमें कितना प्यार है.
हल ने आर्ट प्रोजेक्ट के रूप में ये तस्वीरें लेनी शुरू की थीं, लेकिन लोग इन तस्वीरों को देखकर दीवाने हो गए और अब जोडे उनके पास ऐसी तस्वीरें खिंचवाने आते हैं, खासकर नए शादीशुदा जोड़े.
खतरे का सौदा है 'Flesh Love'-
पहले जोड़े को ये बताया जाता है कि उनके साथ क्या होने वाला है. शूट से पहले एक रिहर्सल भी की जाती है. फिर जोड़े को एक पॉलीथीन बैग में जाने को कहा जाता है. बैग में दोनों एक दूसरे से सटकर आरामदायक पोज में बैठ जाते हैं. फिर एक वैक्यूम क्लीनर की मदद से बैग की सारी हवा बाहर निकाल ली जाती है.
10 सेकंड के लिए जोड़े को सांस रोकनी होती है. और फोटोग्राफर के पास फोटो खींचने के लिए सिर्फ 4 सेकंड होते हैं. जल्द से जल्द फोटोग्राफर फोटो खींचकर बैग खोल देता है, जिससे जोड़े का दम न घुटे.
वीडियो देखिए और खुद समझिए-
इस फोटोशूट में 10 सेकंड लगते हैं या ये भी कह सकते हैं कि 10 सेकंड के लिए ये जोड़े इस अजीबो गरीब फोटोशूट के लिए अपनी जिंदगियां दांव पर लगाते हैं. प्यार के लिए. हालांकि हेल का कहना है कि अभी तक किसी भी व्यक्ति की जान इस फोटोशूट में नहीं गई है, पर कुछ लोगों को दम घुटने से थोड़ी परेशानी जरूर हुई.
हेल ठहरे फोटोग्राफर, जिन्होंने प्यार के नाम पर आर्ट प्रोजेक्ट शुरू किया और आज तमाम जगहों पर इससे जुड़ी प्रदर्शनी भी लगाते हैं. प्यार की कोरी कल्पनाओं को हकीकत में ढाल रहे हैं. ये प्यार है या पागलपन आप खुद ही फैसला कीजिए. पर आजकल के प्रेमी जोड़ों से मेरा यही निवेदन है कि कृपा करके प्रेम के नाम पर इस क्रिएटिव फोटोशूट को आप खुद पर ट्राय न करें, कहीं प्यार-प्यार में जान से हाथ न धोना पड़ जाए.
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कई दिलों के दर्द बयां करता है ये फोटोशूट
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.