Covid-19 से पूरा देश जूझ रहा है. एक तरफ अस्पताल में बेड नहीं हैं. ऑक्सीजन और दवाइयों का अकाल पड़ा है तो दूसरी तरफ कोरोना के नए अवतार (Covid Double mutant) ने एक्सपर्ट की नींद उड़ा दी है. यह नया स्ट्रेन (Corona new strain B 1617) दक्षिण भारत में तेजी से फैल रहा है जो मौजूदा स्ट्रेन N440K की जगह ले रहा है.
इस बारे में सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) के वैज्ञानिकों ने बताया. चलिए आपको बताते हैं कि क्यों डबल म्यूटेंट कहा जाने वाला यह स्ट्रेन अधिक खतरनाक है. जिस तरह यह (AP Strain) तेजी से फैल रहा है इसकी क्या वजह क्या है और बचाव का उपाय क्या है. क्यों कोरोना (Covid Infection) के इस नए अवतार को ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है.
15 गुना ज्यादा खतरनाक?
कई एक्सपर्ट का मानना (coronavirus news) है कि यह 15 गुना ज्यादा खतरनाक है. सीसीएमबी (CCMB) के पूर्व डायरेक्टर राकेश मिश्रा के अनुसार डबल म्यूटेंट के कारण दक्षिण भारत के कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं. इस साल लगभग पांच हजार वेरिएंट की जांच करने के बाद CCMB इस परिणाम पर पहुंचा था कि N440K दूसरे वेरिएंट की तुलना में ज्यादा तेजी से फैल रहा है लेकिन अब नया स्ट्रेन B 1617 इसे भी पीछे छोड़ रहा है.
इस वेरिएंट (corona new strain B 1617) को इसलिए ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है, क्योंकि इसके पहले लोगों की हालत खराब होने में एक हफ्ते का टाइम लगता था. वहीं अब B 1617 कोरोना के नए अवतार में तीन से चार दिन में ही लोगों की हालत खराब हो जा रही है और कोरोना पेशेंट में ऑक्सीजन (Corona patient Oxygen) की कमी दिखने लग रही है. नया स्ट्रेन इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है...
Covid-19 से पूरा देश जूझ रहा है. एक तरफ अस्पताल में बेड नहीं हैं. ऑक्सीजन और दवाइयों का अकाल पड़ा है तो दूसरी तरफ कोरोना के नए अवतार (Covid Double mutant) ने एक्सपर्ट की नींद उड़ा दी है. यह नया स्ट्रेन (Corona new strain B 1617) दक्षिण भारत में तेजी से फैल रहा है जो मौजूदा स्ट्रेन N440K की जगह ले रहा है.
इस बारे में सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) के वैज्ञानिकों ने बताया. चलिए आपको बताते हैं कि क्यों डबल म्यूटेंट कहा जाने वाला यह स्ट्रेन अधिक खतरनाक है. जिस तरह यह (AP Strain) तेजी से फैल रहा है इसकी क्या वजह क्या है और बचाव का उपाय क्या है. क्यों कोरोना (Covid Infection) के इस नए अवतार को ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है.
15 गुना ज्यादा खतरनाक?
कई एक्सपर्ट का मानना (coronavirus news) है कि यह 15 गुना ज्यादा खतरनाक है. सीसीएमबी (CCMB) के पूर्व डायरेक्टर राकेश मिश्रा के अनुसार डबल म्यूटेंट के कारण दक्षिण भारत के कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं. इस साल लगभग पांच हजार वेरिएंट की जांच करने के बाद CCMB इस परिणाम पर पहुंचा था कि N440K दूसरे वेरिएंट की तुलना में ज्यादा तेजी से फैल रहा है लेकिन अब नया स्ट्रेन B 1617 इसे भी पीछे छोड़ रहा है.
इस वेरिएंट (corona new strain B 1617) को इसलिए ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है, क्योंकि इसके पहले लोगों की हालत खराब होने में एक हफ्ते का टाइम लगता था. वहीं अब B 1617 कोरोना के नए अवतार में तीन से चार दिन में ही लोगों की हालत खराब हो जा रही है और कोरोना पेशेंट में ऑक्सीजन (Corona patient Oxygen) की कमी दिखने लग रही है. नया स्ट्रेन इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि यह उन्हें भी चपेट में ले रहा है, जिसकी इम्यूनिटी (Immunity) अच्छी है. यह युवाओं (Weak Immune System) को भी अपना शिकार बना रहा है.
कैसे करें बचाव
इससे बचने के लिए घर से बाहर न निकलें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. मास्क (double mask) पहनें यानी प्रोटोकॉल का पालन करें. हेल्दी डाइट लें, खाने में तरल पदार्थ शामिल करें. खुद को हाइड्रेट रखें. डाइट से कोरोना वायरस (coronavirus news) का क्या लेना-देना है यह तो अभी साफ नहीं हुआ है, लेकिन बीमारी से लड़ने की क्षमता जरूर मिल सकती है. लक्षण दिखने पर खुद हकीम न बनें और डॉक्टर से संपर्क करें.
सोचिए कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर (Coronavirus second wave) से अभी कितने बुरे हालात हैं तो अगर यह नया स्ट्रेन B 1617 (corona new strain B 1617 in India) भारत में फैल जाएगा तो क्या होगा. इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने तो तीसरी लहर (Corona third wave) का भी दावा किया है. देश के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर विजय राघवन ने तीसरी लहर (Coronavirus third wave) की भी भविष्यवाणी कर दी है. उनके मुताबिक इसे आने से कोई रोक नहीं सकता. ऐसे में हमें इसके लिए तैयारी करनी होगी और हिम्मत के साथ बेहद सतर्क होकर सामना करना होगा.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.