नया और सख्त मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू हो चुका है. मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे राज्य भारी भरकम जुर्माने को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इस सख्ती के चलते सड़क दुर्घटनाओं और यातायात नियमों का उल्लंघन कम होगा. इसी बीच मंगलवार शाम ट्विटर पर '23000 रुपए' सबसे ऊपर ट्रेंड करने लगा. ये 23 हजार रुपए चालान के हैं, जो काटा है गुरुग्राम पुलिस ने. थोड़ा हैरानी इस बात पर भी हो सकती है कि ये चालान किसी ट्रक-बस या फिर कार का नहीं, बल्कि स्कूटी का काटा गया है. यही वजह है कि 23 हजार रुपए ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा है.
हो सकता है कि एक नजर में आपको उस शख्स के साथ सहानुभूति हो जाए, जिसका 23 हजार रुपए का चालान काटा गया है. आखिरकार इस शख्स का चालान भी तो इतने रुपयों का कटा है जितनी शायद इस वक्त उसकी सेकेंड हैंड स्कूटी की कीमत हो. और तो और, चालान काटने के साथ ही स्कूटी भी जब्त कर ली गई है. इस शख्स के साथ वाकई बुरा हुआ, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार भी वह खुद ही है. अभी भले ही आपके मन में सहानुभूति आ रही होगी, लेकिन जैसे ही आप उसके द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन की लिस्ट देखेंगे, सारी सहानुभूति खत्म हो जाएगी और मुंह से यही निकलेगा कि पुलिस ने उसका चालान काटकर बहुत अच्छा किया.
'गुनाहों' की लिस्ट लंबी है !
गुरग्राम पुलिस ने जिस शख्स का चालान काटा है, उनका नाम दिनेश मदन है. वह अपनी एक्टिवा स्कूटी से 2 सितंबर की दोपहर कहीं जा रहे थे, तभी गुरुग्राम कोर्ट के पास चेकिंग के दौरान पुलिस ने उनका चालान काट दिया. दिनेश ने एक दो नहीं, बल्कि कई नियमों का उल्लंघन किया. पुलिस के अनुसार दिनेश ने न तो हेलमेट पहना...
नया और सख्त मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू हो चुका है. मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे राज्य भारी भरकम जुर्माने को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इस सख्ती के चलते सड़क दुर्घटनाओं और यातायात नियमों का उल्लंघन कम होगा. इसी बीच मंगलवार शाम ट्विटर पर '23000 रुपए' सबसे ऊपर ट्रेंड करने लगा. ये 23 हजार रुपए चालान के हैं, जो काटा है गुरुग्राम पुलिस ने. थोड़ा हैरानी इस बात पर भी हो सकती है कि ये चालान किसी ट्रक-बस या फिर कार का नहीं, बल्कि स्कूटी का काटा गया है. यही वजह है कि 23 हजार रुपए ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा है.
हो सकता है कि एक नजर में आपको उस शख्स के साथ सहानुभूति हो जाए, जिसका 23 हजार रुपए का चालान काटा गया है. आखिरकार इस शख्स का चालान भी तो इतने रुपयों का कटा है जितनी शायद इस वक्त उसकी सेकेंड हैंड स्कूटी की कीमत हो. और तो और, चालान काटने के साथ ही स्कूटी भी जब्त कर ली गई है. इस शख्स के साथ वाकई बुरा हुआ, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार भी वह खुद ही है. अभी भले ही आपके मन में सहानुभूति आ रही होगी, लेकिन जैसे ही आप उसके द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन की लिस्ट देखेंगे, सारी सहानुभूति खत्म हो जाएगी और मुंह से यही निकलेगा कि पुलिस ने उसका चालान काटकर बहुत अच्छा किया.
'गुनाहों' की लिस्ट लंबी है !
गुरग्राम पुलिस ने जिस शख्स का चालान काटा है, उनका नाम दिनेश मदन है. वह अपनी एक्टिवा स्कूटी से 2 सितंबर की दोपहर कहीं जा रहे थे, तभी गुरुग्राम कोर्ट के पास चेकिंग के दौरान पुलिस ने उनका चालान काट दिया. दिनेश ने एक दो नहीं, बल्कि कई नियमों का उल्लंघन किया. पुलिस के अनुसार दिनेश ने न तो हेलमेट पहना था, ना ही दिनेश के पास ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, प्रदूषण सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस था. यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि बिना किसी कागज के ही वह सड़क पर स्कूटी दौड़ा रहा था. अब ऐसे में चालान कटना तो बनता है. मुझे नहीं लगता कि इतना सब जानने के बाद किसी को भी दिनेश जैसे लोगों के साथ सहानुभूति होगी.
ऐसा भी नहीं कहा जा सकता कि पुलिस झूठ बोल रही है, क्योंकि खुद मदन ने माना है कि वह बिना किसी कागज के गाड़ी चला रहे थे. मदन ने कहा- 'मैंने हेलमेट नहीं पहना था और मेरे पास रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी नहीं था. पुलिस ने मेरी स्कूटी की चाबी मांगी तो मैंने मना कर दिया, जिसके बाद उन्होंने मेरा 23 हजार रुपए का चालान काट लिया और स्कूटी भी जब्त कर ली.'
किस चीज के लिए कितना फाइन लगा मदन का?
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाना- 5000 रुपए
बिना रजिस्ट्रेशन सर्टिकेट के गाड़ी लेकर सड़क पर निकलना- 5000 रुपए
गाड़ी का इंश्योरेंस भी नहीं- 2000 रुपए
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं- 10000 रुपए
बिना हेलमेट के गाड़ी चलाना- 1000 रुपए
कुल जुर्माना- 23,000 रुपए
सोशल मीडिया पर क्या कह रहे हैं लोग?
मदन की बात पर सोशल मीडिया पर काफी रिएक्शन आ रहे हैं. खास बात ये है कि अधिकतर लोग मदन की गलती मान रहे हैं और पुलिस को सही बता रहे हैं. हालांकि, कुछ ऐसे भी हैं जो प्रशासन की कमियां गिना रहे हैं. ट्विटर पर कोई कह रहा है कि अब बहाने नहीं चलेंगे, तो कोई कह रहा है कि बिना किसी कागज की गाड़ी पर भी पुलिस चालान नहीं करेगी तब तो अपराध रुकेंगे ही नहीं. ट्वविटर पर तो बहुत से मीम भी शेयर होने शुरू हो गए हैं. कुछ लोग तो मस्ती तक करने लगे हैं कि गाड़ी 15 हजार की और चालाना कट गया 23 हजार का, ये तो वही बात हो गई- 'जेतना के बबुआ ना, उतना के झुनझुना.'
कुछ लोगों ने खराब सड़कों का हवाला देते हुए सरकार के सख्त नियमों पर सवाल भी उठाए हैं, लेकिन देखा जाए तो ये सख्ती जरूरी थी. सड़कों पर बहुत से लोग यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं, जिसकी वजह से सड़क हादसे भी होते हैं और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं भी होती हैं. नियम तो पहले से ही बने हुए हैं, लेकिन सख्ती नहीं होने की वजह से लोगों में उसका डर नहीं था. अब भारी भरकम जुर्माने का डर लोगों को खुद ही ट्रैफिक रूल्स तोड़ने से रोकेगा. तो दिनेश मदन जैसे लोगों से सहानुभूति न दिखाएं, बल्कि ऐसे लोगों को टोकें, ताकि यातायात नियमों का पालन हो किसी को दिक्कत ना हो.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.