गुरु शिष्य का संबंध खत्म हो रहा है तो इसके पीछे हमारा समाज ज्यादा जिम्मेदार है. क्या आपको अपने पड़ोसी का नाम पता है? बगल के फ्लैट वाले से आखिरी बार बात कब की? आखिरी बार किसकी शव यात्रा में भाग लिया था ये सोचना पड़े तो समझिये समाज से समाजिकता का लोप हो रहा है.
टीचर को जितनी पगार मिलती है वह बच्चों को उतना ही पढ़ाता है. बच्चे को लगता है कि वो पढ़ने के लिए पैसे दे रहा है तो डांट क्यों सुने? दिल्ली में अधिकतर लोग बाहर से आकर बसे हैं, ऐसे में शायद उन्हें भी ये समाज का लोक लाज नही होगा कि उनका बच्चा बिगड़ रहा है तो लोग क्या कहेंगे ?
टीवी, फिल्मो और शौक से शुरू हुआ नशा जब स्टेटस सिम्बल बन जाये तो बच्चा गांजा, शराब और अफीम का नशा करने के लिए स्कूल से बाहर निकलता है. हर टीचर मुकेश कुमार जैसे नही होता. अब तो होते हैं कि कोई बिगड़े तो बिगड़े मेरी बला से. नशा करने वाला दूसरे नसेड़ी को ज्वाइन करता है तो बालिगों के गैंग की हिटलिस्ट में टॉप पर आ जाता है. बालिग गैंग बच्चे को नशे के एवज में पैसे देता है और बदले में किसी की हत्या करवाता है.
यह भी पढ़ें- उस हत्या के बाद एक शिक्षक की बेटी ने अपने पिता से क्या कहा...
वारदात के बाद बच्चा ऐसे सुधार गृह में पहुचता है जहाँ अधिकतर कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं. अधिकतर गृह में सुविधा नदारद है. सोने को चादर नही बिछाने को बिस्तर नही है. माहौल बड़ो की जेल जैसा है. अब वहा पर बच्चा कितना सुधर रहा है कोई क्यों फ़िक्र करे.
इस हत्या में हमार... गुरु शिष्य का संबंध खत्म हो रहा है तो इसके पीछे हमारा समाज ज्यादा जिम्मेदार है. क्या आपको अपने पड़ोसी का नाम पता है? बगल के फ्लैट वाले से आखिरी बार बात कब की? आखिरी बार किसकी शव यात्रा में भाग लिया था ये सोचना पड़े तो समझिये समाज से समाजिकता का लोप हो रहा है. टीचर को जितनी पगार मिलती है वह बच्चों को उतना ही पढ़ाता है. बच्चे को लगता है कि वो पढ़ने के लिए पैसे दे रहा है तो डांट क्यों सुने? दिल्ली में अधिकतर लोग बाहर से आकर बसे हैं, ऐसे में शायद उन्हें भी ये समाज का लोक लाज नही होगा कि उनका बच्चा बिगड़ रहा है तो लोग क्या कहेंगे ? टीवी, फिल्मो और शौक से शुरू हुआ नशा जब स्टेटस सिम्बल बन जाये तो बच्चा गांजा, शराब और अफीम का नशा करने के लिए स्कूल से बाहर निकलता है. हर टीचर मुकेश कुमार जैसे नही होता. अब तो होते हैं कि कोई बिगड़े तो बिगड़े मेरी बला से. नशा करने वाला दूसरे नसेड़ी को ज्वाइन करता है तो बालिगों के गैंग की हिटलिस्ट में टॉप पर आ जाता है. बालिग गैंग बच्चे को नशे के एवज में पैसे देता है और बदले में किसी की हत्या करवाता है. यह भी पढ़ें- उस हत्या के बाद एक शिक्षक की बेटी ने अपने पिता से क्या कहा... वारदात के बाद बच्चा ऐसे सुधार गृह में पहुचता है जहाँ अधिकतर कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं. अधिकतर गृह में सुविधा नदारद है. सोने को चादर नही बिछाने को बिस्तर नही है. माहौल बड़ो की जेल जैसा है. अब वहा पर बच्चा कितना सुधर रहा है कोई क्यों फ़िक्र करे.
घटते लोकलाज से सामाजिकता खत्म हो रही है. समाज का लोगों पर नियंत्रण खत्म हो रहा है. शहरीकरण का असर ये हुआ कि अव्वल तो कोई किसी के मां बाप से उसके बच्चों की बुरी हरकत के बारे में नही बताता. अगर उसने कहा भी तो उलटे बच्चे के मां बाप झगड़े पर उतारू हो जाते हैं. दिल्ली में तो दिल्ली का कोई नही ऐसे में किसी को क्या गरज है सुधार करने की. यहा तो ऐसे लोग भी हैं जो इसलिए फ़ोन बन्द कर देते हैं की कही उनको शमशान घाट पर शव यात्रा में शामिल होने जाना पड़ेगा. यह भी पढ़ें- स्कूल से दो शिक्षकों का तबादला हुआ तो विदाई देने उमड़ा पूरा गांव... चलिए, जासूसी मत करिये पर ये तो पता रखिये आपका बच्चा किससे मिल रहा है? कहा जा रहा है? क्या पी रहा है? किसी को नही पता होता है. नागलोई में मुकेश सर की हत्या में शामिल बच्चा ड्रग एडिक्ट था. पुलिस ने वारदात के बाद दो लड़के गिरफ्तार किये जिसमे से एक नाबालिग है. दोनों अक्सर स्कूल से गैर हाज़िर रहते थे जिसकी शिकायत मुकेश कुमार ने अभिभावक से कर दी जिसकी वजह से दोनों गुस्से में थे और पूरी प्लानिंग के तहत टीचर का मर्डर कर दिया. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |