एक लड़की को दूसरी लड़की बलात्कार करे... ये कैसे हो सकता है? दिल्ली से आने वाली तमाम बलात्कार की खबरों के बीच एक ऐसी खबर भी आई जिसने हर किसी को हैरान कर दिया. लेकिन इस घटना में हैरानी सिर्फ इसलिए नहीं है कि यहां एक महिला ने दूसरी महिला का बलात्कार किया. ये निसंदेह ये बात चौंकाने वाले है क्योंकि अब तक महिलाओं से रेप की ही बात सुनी जाती है, महिला किसी दूसरी महिला का रेप करे ये अप्राकृतिक लगता है. लेकिन जब मामले की तह में जाते हैं तो कहानी इससे भी ज्यादा खतरनाक नजर आती है.
12वीं करने के बाद हर लड़की अपने जीवन में कुछ अच्छा करने के हजारों सपने बुनती है. शर्मीली (बदला हुआ नाम) ने भी ऐसा ही सपना देखा. सिलीगुड़ी की निर्मल वादियों से निकलकर वह कुछ बड़ा करना चाहती थी. मार्च 2018 में शर्मीली हिम्मत जुटाकर दिल्ली आती है. भरोसा कुछ रिश्तेदारों पर जो सहारा देने के लिए देश की राजधानी दिल्ली में रहा करते थे. कुछ करना है लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि शुरुआत कहां से की जाए. ऐसे ही महत्वकांक्षी लोगों को अक्सर नेटवर्क मार्केटिंग करने वाले लोग मिलते हैं, जो उन्हें लाखों रुपए के सपने दिखाते हैं और बदले में उन्हें मेंबर बनाकर कुछ प्रोडक्ट्स बेचने को कहते हैं. शर्मीली को शुरुआत में 1.5 लाख की सिक्योरिटी मनी देने को कहा गया जिसके एवज में उसे कुछ प्रोडक्ट्स बेचने थे. उसे ये भी बताया गया कि प्रोडक्ट्स बेचने के लिए वो रेलवे स्टेशन समेत तमाम भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाए, जहां लोगों से आराम से बात हो सके और प्रोडक्ट्स बिक सकें.
जीवन में जब पहला काम मिलता है तो सफल होने के लिए इंसान भरपूर मेहनत करता है. शर्मीली भी पूरे जोश से काम कर रही थी, क्योंकि उसे कुछ बनना था.
काम के सिलसिले में...
एक लड़की को दूसरी लड़की बलात्कार करे... ये कैसे हो सकता है? दिल्ली से आने वाली तमाम बलात्कार की खबरों के बीच एक ऐसी खबर भी आई जिसने हर किसी को हैरान कर दिया. लेकिन इस घटना में हैरानी सिर्फ इसलिए नहीं है कि यहां एक महिला ने दूसरी महिला का बलात्कार किया. ये निसंदेह ये बात चौंकाने वाले है क्योंकि अब तक महिलाओं से रेप की ही बात सुनी जाती है, महिला किसी दूसरी महिला का रेप करे ये अप्राकृतिक लगता है. लेकिन जब मामले की तह में जाते हैं तो कहानी इससे भी ज्यादा खतरनाक नजर आती है.
12वीं करने के बाद हर लड़की अपने जीवन में कुछ अच्छा करने के हजारों सपने बुनती है. शर्मीली (बदला हुआ नाम) ने भी ऐसा ही सपना देखा. सिलीगुड़ी की निर्मल वादियों से निकलकर वह कुछ बड़ा करना चाहती थी. मार्च 2018 में शर्मीली हिम्मत जुटाकर दिल्ली आती है. भरोसा कुछ रिश्तेदारों पर जो सहारा देने के लिए देश की राजधानी दिल्ली में रहा करते थे. कुछ करना है लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि शुरुआत कहां से की जाए. ऐसे ही महत्वकांक्षी लोगों को अक्सर नेटवर्क मार्केटिंग करने वाले लोग मिलते हैं, जो उन्हें लाखों रुपए के सपने दिखाते हैं और बदले में उन्हें मेंबर बनाकर कुछ प्रोडक्ट्स बेचने को कहते हैं. शर्मीली को शुरुआत में 1.5 लाख की सिक्योरिटी मनी देने को कहा गया जिसके एवज में उसे कुछ प्रोडक्ट्स बेचने थे. उसे ये भी बताया गया कि प्रोडक्ट्स बेचने के लिए वो रेलवे स्टेशन समेत तमाम भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाए, जहां लोगों से आराम से बात हो सके और प्रोडक्ट्स बिक सकें.
जीवन में जब पहला काम मिलता है तो सफल होने के लिए इंसान भरपूर मेहनत करता है. शर्मीली भी पूरे जोश से काम कर रही थी, क्योंकि उसे कुछ बनना था.
काम के सिलसिले में दिल्ली के एक रेलवे स्टेशन पर उसकी मुलाकात कुछ लड़के और लड़कियों से होती है, जो इसी तरह का काम करते थे. वो काम में एक दूसरे की मदद भी कर दिया करते. अब शर्मीली के पास कुछ दोस्त थे जो अब उसके घर भी आने लगे थे. नई जगह पर शर्मीली अकेली थी और इसीलिए इन दोस्तों का साथ उसके लिए जरूरी भी था और मजबूरी भी क्योंकि इससे उसका नेटवर्क बढ़ रहा था, जिससे उसके काम में मदद मिलती.
लेकिन छोटे शहर से आने वाले लोग बड़े शहर के खतरों को भांप नहीं पाते. शर्मीली के दोस्त अब उसके साथ हंसी-मजाक के साथ-साथ ओपन भी होने लगे थे. यानी अब मजाक का लेवल बदलने लगा था. शर्मीली को महसूस हुआ कि जिन्हें वो दोस्त कहती है वो असल में उससे झूट ले रहे हैं, फायदा उठाना चाह रहे हैं. और इससे पहले कि वो कुछ कर पाती एक दिन उसके साथ वो हुआ जिसकी कल्पना भी उसने नहीं की थी.
जिसे वो अपने दोस्त समझती थी वो असल में उसके शिकारी थे. एक दिन उन्हीं दोस्तों ने शर्मीली का गैंगरेप किया. शर्मीली के ये दोस्त असल में सेक्स रैकेट चलाने वाले लोग थे जो शर्मीली पर ताक लगाए बैठे थे. शर्मीली नॉर्थ ईस्ट से आई थी. गोरी थी, देखने में सुंदर थी. दमड़ी के लिए चमड़ी के धंधे में लगे लोगों को इससे ज्यादा क्या चाहिए था. सेक्स रैकेट में धकेलने के लिए उसके साथ गैंगरेप एक रस्म भर था. इसके बाद तो ये सिलसिला थमा ही नहीं.
शर्मीली को दो कमरों के एक फ्लैट में कैद करके रखा गया था. उसके लिए कस्टमर लाए जाते और जबरन उसे लोगों से संबंध बनाने पड़ते थे. कुछ बनने के ख्वाब लेकर महानगर में आई शर्मीली को वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया. अब तक सब किसी दर्दनाक फिल्मी की कहानी की तरह हो रहा था, जो एक लड़की के लिए हकीकत थी.
हद तो तब होती है जब इस ग्रुप की एक महिला सदस्य शिवानी उसे इस धंधे में आने के फायदे बताती हैं. वो ग्रुप सेक्स का हिस्सा भी होती है. उसे इस माहौल का आदी बनाया जा रहा था. इसी बीच वो गर्भवती भी हुई. लेकिन गर्भवती होना इस धंधे में गैरजरूरी था. दो माह का गर्भ गिराया जाता है. शर्मीली अब इन लोगों के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई थी.
लेकिन सितंबर 2018 में शर्मीली का धैर्य जवाब दे गया. एक दिन ग्रुप सेक्स के वक्त उसके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पाई. उसके साथ अप्राकृतिक सेक्स किया गया. और ऐसा करने वाली शिवानी थी. शिवानी ने एक सेक्स टॉय अपनी कमर से बांधा और फिर शर्मीली के साथ जबरन सेक्स किया. अति तब हुई जब सेक्स टॉय को शिवानी ने उसकी गुदा में डाल दिया. अपने साथ हो रही इस जबरदस्ती से शर्मीली होश खो बैठी और उसने पुलिस से इस पूरे मामले की शिकायत की. उस वक्त पुलिस ने बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज की थी. लेकिन आरोपी बनाए गए थे वो लड़के. लेकिन शर्मीली को अंदर तक तोड़ देने वाली एक लड़की थी. और उस वक्त शिवानी पर किसी भी आरोप में बलात्कार का मामला नहीं बनता था क्योंकि उसी वक्त सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक संबंधों को गैरकानूनी बनाने वाली धारा को अमान्य घोषित किया था. सेम सेक्स अपराध नहीं था. पुलिस ने शर्मीली को टका सा जवाब दे दिया कि एक लड़की दूसरी लड़की का रेप कर ही नहीं सकती है. और इसी दुविधा का फायदा शिवानी को मिला और वो बच गई.
लेकिन जब समलैंगिकता और इससे जुड़े संदेहों से धुंध छंटी तो शर्मीली दोबारा पुलिस की मदद लेने पहुंची जिससे अपनी गुनहगार को सजा दिलवा सके. इस बार पुलिस ने शर्मीली के बयान के आधार पर धारा 377 के तहत मुकदमा दर्ज किया और शिवानी को गिरफ्तार कर लिया गया.
इस घटना को बहुत आश्चर्य से देखा जा रहा था क्योंकि सतही तौर पर एक महिला का बलात्कार एक महिला ने किया. लेकिन इस पूरी कहानी में सिर्फ एक महिला ही गुनहगार नहीं थी बल्कि पुरुष भी थे. ये सिर्फ बलात्कार करने या धारा 377 का मामला नहीं था, बल्कि ह्यूमन ट्रेफिकिंग का भी मामला था. और इन सबसे बड़ा मामला था खून का, जो शिवानी के उन सपनों का हुआ था.
पूर्वोत्तर की वो लड़की जो आखों में उम्मीदें लिए सपनों के शहर आती है उससे इस शहर ने सबकुछ छीन लिया. अब शर्मीली की आंखों में सिर्फ नाउम्मीदी की किरचें चुभती हैं. वो खाली हाथ और निराशा लेकर अपने शहर लौट रही है.
ये भी पढ़ें -
2 मार्च को दी जाने वाली फांसी समाज को बदलने की ताकत रखती है!
भारत को 'Rapistan' कहने से पहले जरा रुकिये...
रेप पीड़ित की अंडरवियर लहराना किसी कोर्ट कार्रवाई का हिस्सा हो सकता है?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.