क्या आपको लगता है कि पूरी दुनिया की तरह आपके या किसी पहचान वाले के ऊपर पर अवसाद का असर हो रहा है. क्या आपको ऐसा लगता है कि आजकल लोगों के पास खुशी कम है और निराशा ज्यादा? लोगों के पास कहने को तो सबकुछ है लेकिन एक सुकून ही नहीं है. वैसे भी आजकल लोग डिप्रेशन (Depression) में जल्दी चले जाते हैं. अगर आपको जरा सा भी शक है तो खुद से यह 5 सवाल पूछिए. इन सवालों के जवाब जानकर आपको डिप्रेशन से छुटकारा पाने में आसानी होगी.
शायद इन सवालों के जवाब से आपको निराशा महसूस हो लेकिन यही सवाल आपकी स्तिथि सुधारने में मदद करेंगे. ये वो सवाल हैं जो आपसे कहेंगे यार ये अवसाद को छोड़ो और खुलकर जिंदगी जियो. दुनियां बहुत बड़ी है और दुखी रहने के लिए तुम बहुत छोटे. तो चलिए जानते हैं कि वो सवाल कौन से हैं?
1- सबसे पहली बात यह है कि क्या आपको सच में डिप्रेशन है या फिर यूं ही भावनाओं में बहकर आपने खुद को दुखी कर रखा है. या फिर क्या आपको परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क किया. अगर डॉक्टर से संपर्क किया भी तो क्या आपने वे काम किए जो डॉक्टर ने आपसे करने के लिए कहा था. याद रखिए मानसिक बीमार होना वैसे ही सामान्य है जैसा बुखार होना. इसके बारे में आप बात कर सकते हैं, इसमें शर्म करने जैसा कुछ है ही नहीं.
2- क्या आप मौज मस्ती करते हैं. मतलब यह है कि एक सामान्य इंसान घूमता है, खाता है, खुश रहने के लिए दोस्तों से मिलता है. वीकेंड पर फिल्म देखता है या फिर वह कोई भी काम जो उसे पसंद है वह करता है. अगर आप ऐसा नहीं कर रहे हैं तो प्लीज खुद के साथ गलत मत कीजिए. जिंदगी जीने का नाम है ना की जैसे-तैसे काटने का.
3- क्या कोई ऐसी बात है जिसे आप भूला नहीं...
क्या आपको लगता है कि पूरी दुनिया की तरह आपके या किसी पहचान वाले के ऊपर पर अवसाद का असर हो रहा है. क्या आपको ऐसा लगता है कि आजकल लोगों के पास खुशी कम है और निराशा ज्यादा? लोगों के पास कहने को तो सबकुछ है लेकिन एक सुकून ही नहीं है. वैसे भी आजकल लोग डिप्रेशन (Depression) में जल्दी चले जाते हैं. अगर आपको जरा सा भी शक है तो खुद से यह 5 सवाल पूछिए. इन सवालों के जवाब जानकर आपको डिप्रेशन से छुटकारा पाने में आसानी होगी.
शायद इन सवालों के जवाब से आपको निराशा महसूस हो लेकिन यही सवाल आपकी स्तिथि सुधारने में मदद करेंगे. ये वो सवाल हैं जो आपसे कहेंगे यार ये अवसाद को छोड़ो और खुलकर जिंदगी जियो. दुनियां बहुत बड़ी है और दुखी रहने के लिए तुम बहुत छोटे. तो चलिए जानते हैं कि वो सवाल कौन से हैं?
1- सबसे पहली बात यह है कि क्या आपको सच में डिप्रेशन है या फिर यूं ही भावनाओं में बहकर आपने खुद को दुखी कर रखा है. या फिर क्या आपको परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क किया. अगर डॉक्टर से संपर्क किया भी तो क्या आपने वे काम किए जो डॉक्टर ने आपसे करने के लिए कहा था. याद रखिए मानसिक बीमार होना वैसे ही सामान्य है जैसा बुखार होना. इसके बारे में आप बात कर सकते हैं, इसमें शर्म करने जैसा कुछ है ही नहीं.
2- क्या आप मौज मस्ती करते हैं. मतलब यह है कि एक सामान्य इंसान घूमता है, खाता है, खुश रहने के लिए दोस्तों से मिलता है. वीकेंड पर फिल्म देखता है या फिर वह कोई भी काम जो उसे पसंद है वह करता है. अगर आप ऐसा नहीं कर रहे हैं तो प्लीज खुद के साथ गलत मत कीजिए. जिंदगी जीने का नाम है ना की जैसे-तैसे काटने का.
3- क्या कोई ऐसी बात है जिसे आप भूला नहीं पा रहे हैं. क्या आपका मन उन्हीं बातों में फंसा रहता है. अगर ऐसा है तो आपको इससे निकलने की जरूरत है. आपको इन यादों को भूलना होगा, क्योंकि जबतक आप इन बातों में फंसे रहेंगे आगे नहीं बढ़ पाएंगे. जिंदगी चलने का नाम है दोस्त, कहीं ठहर गए तो फिर वो बात नहीं रहेगी. आपको खुद को थोड़ा समय देने की जरूरत है.
4- आपकी जिंदगी में वो एक इंसान कौन है जो कभी भी आपकी मदद के लिए तैयार रहता है. हर किसी के जिंदगी में कम से कम एक ऐसा इंसान तो होना ही चाहिए. जो सच में आपकी भलाई चाहता है. क्या आपकी लाइफ में कोई ऐसा है? अगर नहीं है तो किसी को ऐसा दोस्त बनाइए....ये वही शख्स है जो आपकी जिंदगी में रौनकें भर सकता है. आपके दर्द को कम कर सकता है, एक मरहम की तरह.
5- अगर आपको समझ आ गया है कि आप डिप्रेशन में है तो खुद से पूछिए कि मैं इससे पहले कैसा था? कैसी जिंदगी जीता था? कैसे खुश रहता था? ये वो सवाल हैं जो दोबारा आपकी जिंदगी में खुशियां लाने में मदद करेंगे. जब आप खुलकर जीते थे. इस तरह आपके मन में दोबारा जीने की ललक पैदा होगी.
जिंदगी बहुत ही खूबसूरत है, यह तो आपको भी पता है. यह आपकी लाइफ है, आपका मन है, इस पर आपका अधिकार है तो इसे चाहें तो दुखी होकर जीएं या खुश होकर...यह फैसला आपका है. कोई कितना भी बोल लेगा लेकिन करना तो आपको ही है. जिसमें इन सवालों के जवाब आपकी मदद करेंगे. इनकी वजह से ही आप डिप्रेशन को भगाने की कोशिश करेंगे. इसलिए खुद से सवाल कीजिए और ईमानदारी से जवाब दीजिए. यकीन मानिए आपका मन बदलेगा. बस जरूरत है खुद के बारे में थोड़ा सोचने की...विश्वास कीजिए जिंदगी फिर मुस्कुराएगी...
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