हम कहते हैं कि आप बेटे और बेटी में भेदभाव करते हैं. आप बचाव में असली बात को बड़ी भावुकता भरी चालाकी से गोल करते हुए कहते हैं कि "ऐसा नहीं है. हम अपनी बेटी को बेटे से भी ज्यादा प्यार करते हैं."
'हम अपनी बेटी को बेटे से भी ज्यादा प्यार करते हैं' |
हमने बात की अधिकारों और मापदंडों की समानता की और आप उसे ले गए प्यार मुहब्बत पर. दोनों एकदम अलग चीज़ें हैं. आपके प्यार पर हमें तनिक भी संदेह नहीं है. हमें पता है आप उसे एक से एक कपड़े, जूते, खिलौने लाकर देते हैं. उसके पसंद की हर चीज़ उसके मुंह खोलने से पहले उसके हाथों में आ जाती है. आपकी बिटिया आपकी बहुत लाडली है. ये निश्चित रूप से आपका प्रेम है.
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लेकिन...
1- क्या आप उसकी शादी को अपनी सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी मानते हुए चिंतित रहते हैं ?
2- क्या उसकी वर्जिनिटी को उसकी इज़्ज़त समझते हुए उस इज़्ज़त की रक्षा के लिए चिंतित रहते हैं ?
3- अपने बेटे के समान उसे दोस्तों के साथ आज़ादी से घूमने पर यह कहते हुए राशनिंग करते हैं कि 'लड़कियों का इस तरह घूमना अच्छा नहीं माना जाता, शादी के बाद जो चाहे करना'
4- क्या पढ़ा लिखाकर नौकरी का निर्णय उसके पति व ससुराल वालों पर छोड़ते हैं ?
5- क्या आपने बेटे और बेटी को समान रूप से किचिन और बाहर के कार्यों की सिखलाई नहीं दी है...
हम कहते हैं कि आप बेटे और बेटी में भेदभाव करते हैं. आप बचाव में असली बात को बड़ी भावुकता भरी चालाकी से गोल करते हुए कहते हैं कि "ऐसा नहीं है. हम अपनी बेटी को बेटे से भी ज्यादा प्यार करते हैं."
'हम अपनी बेटी को बेटे से भी ज्यादा प्यार करते हैं' |
हमने बात की अधिकारों और मापदंडों की समानता की और आप उसे ले गए प्यार मुहब्बत पर. दोनों एकदम अलग चीज़ें हैं. आपके प्यार पर हमें तनिक भी संदेह नहीं है. हमें पता है आप उसे एक से एक कपड़े, जूते, खिलौने लाकर देते हैं. उसके पसंद की हर चीज़ उसके मुंह खोलने से पहले उसके हाथों में आ जाती है. आपकी बिटिया आपकी बहुत लाडली है. ये निश्चित रूप से आपका प्रेम है.
ये भी पढ़ें- बेटियों का ये दुलार शहर से मेरे गाँव कब पहुंचेगा?
लेकिन...
1- क्या आप उसकी शादी को अपनी सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी मानते हुए चिंतित रहते हैं ?
2- क्या उसकी वर्जिनिटी को उसकी इज़्ज़त समझते हुए उस इज़्ज़त की रक्षा के लिए चिंतित रहते हैं ?
3- अपने बेटे के समान उसे दोस्तों के साथ आज़ादी से घूमने पर यह कहते हुए राशनिंग करते हैं कि 'लड़कियों का इस तरह घूमना अच्छा नहीं माना जाता, शादी के बाद जो चाहे करना'
4- क्या पढ़ा लिखाकर नौकरी का निर्णय उसके पति व ससुराल वालों पर छोड़ते हैं ?
5- क्या आपने बेटे और बेटी को समान रूप से किचिन और बाहर के कार्यों की सिखलाई नहीं दी है ?
6- क्या आपकी वर्किंग बीवी या बहू आपकी इस उम्मीद का शिकार है कि बाहर के साथ किचिन की ज़िम्मेदारी भी वही संभाले ?
7- क्या आप बेटी को प्रोपर्टी में उसका हिस्सा देने की बजाय उसे दहेज़ देना पसंद करेंगे ?
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यदि इनमें से एक या अधिक या पूरे प्रश्नों के उत्तर हाँ हैं तो आप लड़का और लड़की में निश्चित रूप से भेदभाव करते हैं. हाँ.. आप बेटी से प्रेम करते हैं, इसमें कतई संदेह नहीं.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.