सोशल मीडिया विशेषकर फेसबुक और ट्विटर जब आए थे तो उद्देश्य था लोगों को जोड़ना. तब उस दौर में ट्विटर इंटीलेक्चुअक्स की प्रॉपर्टी था. तो वहीं फेसबुक ऐसा माध्यम, जहां इंसान अपने नर्सरी, केजी के दोस्तों को खोजता उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता. हाय हेलो बोलकर हाल चाल लेता. फिर जैसे जैसे अपडेट आए, तकनीक विकसित हुई फेसबुक और ट्विटर का स्वरूप बदला अब की तस्वीर पहले से जुदा है. आज जो नफरत लोगों के बीच बढ़ी, जानकर कहते हैं उसकी एक बड़ी वजह ये प्लेटफॉर्म हैं. सच में बड़ा ही मुश्किल वक़्त है और इस मुश्किल वक़्त में कब तिल का ताड़ बन जाए 'तनिष्क' (Tanishq Ad Controversy) के ताजे विवाद को देखकर हम भली भांति समझ सकते हैं. तनिष्क को हिंदू मुस्लिम (Hindu-Muslim nity) एकता का पैरोकार बनना था लेकिन लेने के देने पड़ गए. ब्रदरहुड की लाख बातें हों भले ही क्रिएटिविटी की दुहाई दी जाए लेकिन बहुत निष्पक्ष होकर कहा जाए तो तनिष्क ने जो किया उसे वो नही करना चाहिए था. सोशल मीडिया पर बवाल बढ़ा तो तनिष्क ने अपना एड हटा दिया और ट्विटर पर एक खर्रा लिखकर माफी मांग ली. तनिष्क का वीडियो हटाना और माफ़ी मांगना विज्ञापन में अपनी आवाज़ देने वाली एक्टर दिव्या दत्ता को आहत कर गया और उन्होंने ये कहकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया कि तनिष्क को इस विज्ञापन को नहीं हटाना चाहिए था.
तनिष्क मामले पर दिव्या दत्ता व्यर्थ में भावुक हो रही हैं
दरअसल हुआ कुछ यूं है कि एक यूजर ने तनिष्क के इस विवादित विज्ञापन को आधार बनाकर ट्वीट के जरिये दिव्या से पूछ लिया कि क्या विज्ञापन में सुनाई दे रही आवाज़ उनकी है? यूजर के इस सवाल का जवाब दिव्या ने हां में दिया और कहा कि कंपनी को इसे नहीं हटाना चाहिए था. ये अपने आप में दुखद है.
यूजर के ट्वीट का जवाब देते हुए दिव्या ने लिखा कि, 'लेकिन सर क्या हम भाईचारे को बढ़ावा नहीं दे सकते?? हम सभी लोग भारतीय हैं. यह हमारी आत्मा है. भिन्नता में एकता है, बचपन में सुनते थे. ऐसे तो कितने विज्ञापन होते थे. कोई कुछ नहीं कहता था... पर चलें सबके अपने विचार.'
अब जबकि एड हटने से आहत दिव्या अपनी सफाई दे चुकी हैं और उन्होंने ज्ञान की बड़ी बड़ी बातें कर ली हैं. ये एड पूर्णतः व्यवसायिक था और इसमें भाई चारे जैसा कुछ नहीं था. एक ऐसे वक्त में जब कोरोना जे चलते बाजार मंदी की मार झेल रहा हो तनिष्क ने जो किया सोच समझकर लिया और पूरी प्लानिंग के साथ किया.
औरों की तरह हम इस पूरे मामले पर किसी तरह का कोई ज्ञान नहीं देंगे और न ही हम इस मामले में लव जिहाद, हिंदू मुस्लिम एकता जैसी कोई बात करेंगे.चूंकि ये एड पूर्णतः कमर्शियल है इसलिए जो भी बात होगी इन्हीं बिंदुओं के इर्द गिर्द होगी. चूंकि दिव्या दत्ता ने इस एड की आड़ में भारतीय संस्कृति की बात की है तो बिल्कुल हमारी संस्कृति हमें दूसरे धर्म की इज्ज़त करना सिखाती है लेकिन ये भी संभव नहीं कि हम संस्कृति की आड़ लेकर हर गैर जरूरी बात को सही ठहराएं.
तनिष्क को बिजनेस करना था. और भी सैंकड़ों तरीके थे उनका पालन करना चाहिए था. ये क्या बात हुक कि हर चीज़ में नैतिकता उड़ेल दी जाए और नैतिकता भी ऐसी जो उस टॉपिक पर हो जो हर तरह से संवेदनशील है. तनिष्क ने अपने एड को अभी हाल ही में लांच किया यानी जो उत्पाद वो बाजार में लेकर आया उसकी लॉन्चिंग त्योहारों के मद्देनजर हुई मगर इसमें त्योहारों की जगह गोदभराई को दिखाया गया.
ये विज्ञापन तब सही मायनों में एक फेस्टिव विज्ञापन होता जब तनिष्क की ज्वेलरी में हिंदू और मुस्लिम परिवारों को एक साथ दशहरा या दीपावली मनाते हुए दिखाया जाता या फिर कुछ ऐसा होता जिसमें बात सिर्फ त्योहारों के मद्देनजर होती.
शायद तनिष्क को उम्मीद रही होगी कि मुस्लिम परिवार में हिंदू लड़की दिखाएंगे तो लोगों का हृदय परिवर्तन होगा और ग्राहकों की लंबी लंबी लाइनें स्टोर के बाहर होंगी. बात सीधी और एकदम साफ है तनिष्क और उनकी क्रिएटिव टीम की तरफ से मूर्खता हुई है और ज़बरदस्त हुई है. हम फिर से इस बात को दोहराएंगे कि रचनात्मकता की दृष्टि से ये विज्ञापन कहीं से भी खराब नहीं है बस वो सोच खराब है जिसे ध्यान में रखकर दीपावली से ऐन वक्त पहले इस ऐड का निर्माण किया गया और विवाद को अपने नाम किया गया.
उपरोक्त पंक्तियों में एक्टर दिव्या दत्ता का जिक्र हुआ है साथ ही ये भी बताया गया कि कैसे एक यूजर को जवाब देते हुए उन्होंने कहा है कि तनिष्क के फैसले से खासी आहत हैं वो, तो अगर वाक़ई दिव्या आहत हैं तो उन्हें तनिष्क पर भी आहत होना चाहिए क्योंकि भाईचारे के नाम पर मूर्खता तनिष्क की तरफ से हुई है उससे कहीं न कहीं देश का माहौल प्रभावित हुआ है.
अंत में बस इतना ही कि, तनिष्क हो या फिर कोई और वो बिजनेस करे और दिल खोल कर करे. मगर उसमें धार्मिक ट्विस्ट न दे और हिंदू मुस्लिम भाईचारे वाला ट्विस्ट तो भूलकर भी न दे. पूर्व में जनता खामोश रहकर खूब बेवकूफ बन चुकी मगर अब समय बदल गया है. जनता चुप नहीं रहेगी। वो जवाब देगी. सवाल पूछेगी और फिर चाहे तनिष्क हो या कोई और सिर्फ माफ़ी मांग लेना समस्या का समाधान नहीं रहेगा.
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