इस जमाने में भी वे कौन से लोग हैं जो किसी महिला के दुप्पटे पर नजर रखते हैं. एक महिला को उसके पहनावे से जज करते हैं. जब एक महिला अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रही है, काम कर रही है तो भी लोगों को उसका हुनर नहीं दिखता. उन्हें बस यह दिखता है कि उसने सूट पहना है तो दुपट्टा क्यों नहीं पहना.
असल में आज के जमाने में ऐसे सवाल पूछे जाने पर आप यह सोच सकते हैं कि अब ऐसी बातें कौन करता है यार, लेकिन हाल ही में टीवी इंडस्ट्री की मशहूर एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी (Divyanka Tripathi) को इसी सवाल का सामना करना पड़ा. दरअसल, एक यूजर ने उनसे सोशल मीडिया पर सवाल किया कि क्राइम पेट्रोल शो में आप दुपट्टा क्यों नहीं पहनती हैं? सोचिए उसे दिव्यांका जैसी उम्दा एक्ट्रेस का अभिनय छोड़ उसे सिर्फ उनका दुपट्टा न पहनना ही खटका.
वैसे इस तरह के सवालों से सामना हर लड़की का होता है. कुछ सवाल जुबानी होते हैं, और कुुछ आंखों से ही पूछ लिए जाते हैं. यानी हर लड़की हर बार जवाब भी नहीं दे पाती. चाहें वह घर में हो या बाहर, लोगों की नजरें लड़कियों के कपड़ों पर ही आखिर क्यों पड़ती हैं? वे कोई चीज या सामान थोड़ी हैं, जिसकी क्वालिटी और पैकेजिंग को हर वक्त कसौटी पर कसा जाए. उन्हें इंसान ही रहने दीजिये.
असल में ऐसी मानसिकता वाले लोगों को लड़कियों के जींस से भी प्रॉब्लम होती है और सूट से भी. इस पर एक्ट्रेस ने जो जवाब दिया वह ऐसी मानसिकता वालों को सबक सिखाने वाला है. दिव्यांका त्रिपाठी ने जवाब देते हुए लिखा, 'ताकि आप जैसे बिन दुपट्टे की लड़कियों को भी इज्जत से देखने की आदत डालें. कृपया खुद की और अपने आसपास की लड़कों की नियत सुधारें, ना कि औरत जात के पहनावे का बीड़ा उठाए. मेरा शरीर,...
इस जमाने में भी वे कौन से लोग हैं जो किसी महिला के दुप्पटे पर नजर रखते हैं. एक महिला को उसके पहनावे से जज करते हैं. जब एक महिला अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रही है, काम कर रही है तो भी लोगों को उसका हुनर नहीं दिखता. उन्हें बस यह दिखता है कि उसने सूट पहना है तो दुपट्टा क्यों नहीं पहना.
असल में आज के जमाने में ऐसे सवाल पूछे जाने पर आप यह सोच सकते हैं कि अब ऐसी बातें कौन करता है यार, लेकिन हाल ही में टीवी इंडस्ट्री की मशहूर एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी (Divyanka Tripathi) को इसी सवाल का सामना करना पड़ा. दरअसल, एक यूजर ने उनसे सोशल मीडिया पर सवाल किया कि क्राइम पेट्रोल शो में आप दुपट्टा क्यों नहीं पहनती हैं? सोचिए उसे दिव्यांका जैसी उम्दा एक्ट्रेस का अभिनय छोड़ उसे सिर्फ उनका दुपट्टा न पहनना ही खटका.
वैसे इस तरह के सवालों से सामना हर लड़की का होता है. कुछ सवाल जुबानी होते हैं, और कुुछ आंखों से ही पूछ लिए जाते हैं. यानी हर लड़की हर बार जवाब भी नहीं दे पाती. चाहें वह घर में हो या बाहर, लोगों की नजरें लड़कियों के कपड़ों पर ही आखिर क्यों पड़ती हैं? वे कोई चीज या सामान थोड़ी हैं, जिसकी क्वालिटी और पैकेजिंग को हर वक्त कसौटी पर कसा जाए. उन्हें इंसान ही रहने दीजिये.
असल में ऐसी मानसिकता वाले लोगों को लड़कियों के जींस से भी प्रॉब्लम होती है और सूट से भी. इस पर एक्ट्रेस ने जो जवाब दिया वह ऐसी मानसिकता वालों को सबक सिखाने वाला है. दिव्यांका त्रिपाठी ने जवाब देते हुए लिखा, 'ताकि आप जैसे बिन दुपट्टे की लड़कियों को भी इज्जत से देखने की आदत डालें. कृपया खुद की और अपने आसपास की लड़कों की नियत सुधारें, ना कि औरत जात के पहनावे का बीड़ा उठाए. मेरा शरीर, मेरी आबरू, मेरी मर्जी. आपकी शराफत आपकी मर्जी.'
बात यहीं खत्म नहीं हुई, इसके बाद एक यूजर ने लिखा कि 'अरे मैडम जी घनश्याम जी की आपने बैंड बजा दी, सीधा उनकी नीयत पर सवाल उठा दिया. क्या मालूम वो आपके फैन हों, आप उनको दुपट्टे में अच्छी लगती हों. 'इसका जवाब देते हुए एक्ट्रेस ने लिखा, 'जी संभव है! यदि वह फैन हैं तो उस प्रेम को सलाम. लेकिन महिलाओं के परिधान पर सवाल करना अब पुरातन काल की बात हो गई है. हम अभिनय, विज्ञान, राजनीति, इतिहास, भूगोल कई विषयों पर चर्चा कर सकते हैं. इस हिसाब से दुपट्टे की बात करना काफी छोटी बात है.'
आखिर ऐसी मानसिकता वाले लोग कौन हैं
1- ये वही लोग हैं जो लड़कियों को उनके कपड़ों की वजह से जज करते हैं.
2- वे वही लोग हैं जिन्हें लड़कियों के देर रात घर आने से दिक्कत होती है.
3- वे लोग जिन्हें इस जमाने में भी लड़कियों के मोबाइल और इयरफोन रखने से दिक्कत होती है.
4- वे लोग जो समझते हैं कि घर की इज्जत की जिम्मेदारी केवल लड़की की होती है.
5- जिन्हें लगता है कि घर के काम की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं की होती है.
6- वे लोग जो लड़कियों की प्रतिभा पर शक करते हैं और यह समझते हैं कि यह काम वे नहीं कर सकतीं.
असल में ऐसी धारणाओं की लिस्ट बहुत लंबी है. इतना ही कहा जा सकता है कि ये लोग लड़कियों का आचरण निर्धारित करने वाले स्वयंभू ठेकेदार होते हैं. ऐसे लोगों को जब कमेंट करना होता है तो वे यह नहीं देखते कि किसी लड़की ने कौन सी ड्रेस पहनी है. कमी निकालने वाले तो साड़ी में भी कमी निकाल देते हैं. और हां, ऐसा नहीं है कि दुपट्टे वाली लड़की समाज में बहुत खुशी खुशी स्वीकार होती है. उसके साथ बदसलूकी नहीं होती है. तो समस्या दुपट्टा न पहनने में नहीं, कहीं और है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.