मुंबई की सड़कों के एक वीडियो ने देश को शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. मोबीन चंद मोहम्मद शेख और मोहम्मद नकीब सदरियालम अंसारी ने एक कोरियाई लड़की ह्योजियोंग पार्क के साथ छेड़खानी और जबरदस्ती करने की कोशिश की. ये तो भला हो कि अथर्व तिक्खा नाम के लड़के का जो वहां पहुंचा. और, उसने शोहदों को भगाते हुए कोरियाई लड़की की मदद की. वैसे, कहानी का ये हिस्सा सामने नहीं आता. अगर ह्योजियोंग पार्क ने इस घटना का पूरा वीडियो यूट्यूब और ट्विटर पर नहीं डाला होता. खैर, अब मोबीन चंद मोहम्मद शेख और मोहम्मद नकीब सदरियालम अंसारी पुलिस की गिरफ्त में हैं. और, ह्योजियोंग पार्क ने मदद करने वाले अथर्व तिक्खा के साथ लंच करने की तस्वीरें शेयर करते हुए उनका आभार जताया है. इस घटना के बाद यही कहना ज्यादा उचित होगा कि कोरियाई यूट्यूबर से छेड़छाड़ करने वालों पर शर्मिंदा मत होइए, बहुसंख्यक तो अथर्व जैसे हीरो ही हैं.
ह्योजियोंग पार्क के नजरिये से देखिए. तो, साफ हो जाता है कि अथर्व ने उसकी मदद कर बहुसंख्यक वर्ग का हीरो बन गया.
मोबीन और मोहम्मद की वजह से जो शर्मिंदगी महसूस की जा रही है. वो हमारे समाज के बहुसंख्यक अथर्व जैसे लोगों को नहीं महसूस करनी चाहिए. क्योंकि, अथर्व को महिलाओं का सम्मान करने के संस्कार पहले से ही मिले हुए हैं. लेकिन, मोबीन और मोहम्मद जैसे छपरियों के लिए लड़कियां सिर्फ इस्तेमाल किए जाने की चीज ही हैं. वरना, केवल थोड़ा सा फ्रेंडली होकर बात कर लेने भर से मोबीन और मोहम्मद को इस कोरियाई लड़की से चिपकने की इजाजत नहीं मिल गई थी. वरना, जब ह्योजियोंग पार्क खुद को असहज महसूस कर रही थी. तब, ये लड़के जबरदस्ती उसे चूमने और जबरन हाथ पकड़ कर अपनी गाड़ी पर बैठाने के लिए घसीटने की कोशिश नहीं करते.
इसके उलट ह्योजियोंग पार्क को बचाने आए अथर्व ने उन लड़कों को समझाने की कोशिश की. कहा कि वो ऐसा न करें. और, उसे सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया. लेकिन, अथर्व ने मदद करने के बदले कोरियाई लड़की को जबरन चूमना नहीं चाहा. या उसे घसीटकर अपने साथ ले जाने की कोशिश नहीं की. क्योंकि, उसके संस्कार इसकी इजाजत नहीं देते हैं. तिस पर किसी अतिथि का सम्मान करना हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है. और, हम इसका पालन करने में बिलकुल भी असहज नहीं होते हैं. जबकि, मोबीन और मोहम्मद जैसे शोहदे सोचते हैं कि डियो लगाने भर से लड़की इनकी ओर खिंची चली आएगी. बालों में गोल्डन रंग लगाने ले लड़कियां उनकी इस अदा पर बस यूं ही मर मिटेंगी. बालों में क्रीम लगाकर सेट कर लेने से ये खुद को कूल दिखाते हैं. लेकिन, इन तमाम चीजों के बावजूद ये असल में हैं, तो भूखे भेड़िये ही. जो अकेली लड़की को देखते ही अपने दांत उसके शरीर पर गड़ाने की सोचने लगते हैं.
इस पूरी घटना को उस लड़की ह्योजियोंग पार्क के नजरिये से देखिए. तो, साफ हो जाता है कि अथर्व ने उसकी मदद कर बहुसंख्यक वर्ग का हीरो बन गया. लेकिन, मोबीन और मोहम्मद ने अल्पसंख्यकों के लिए लानत-मलानत के द्वार खोल दिए. वैसे भी आजकल इन शोहदों की तरह ही दिखने वाले बहुत से छपरी रील्स इनफ्लुएंसरों ने माहौल ही ऐसा बना दिया है कि कोई भी लड़की अगर आपसे थोड़ा सा भी फ्रेंडली हो रही है. तो, इसका मतलब है कि लड़की का जबरन हाथ खींचना और बिना इजाजत किस कर लेना कोई बड़ी बात नहीं है. और, रील्स जैसे तमाम प्लेटफॉर्म इन जैसे छपरी इनफ्लुएंसरों के ऐसे ही वीडियोज से भरे पड़े हैं. और, ये छपरी इन्हीं वीडियोज को देखकर ऐसी हरकतें करते हैं.
अंत में एक छोटे से कटाक्ष के साथ अपनी बात करूंगा कि अच्छा है कि इस छोटी सी घटना पर कोई बॉलीवुड फिल्म नहीं बनेगी. वरना उत्पीड़न करने वाले और मदद करने वालों को आपस में बदल दिया जाता. अच्छा हुआ कि घटना का पूरा वीडियो सामने आ गया. तो, अब लिबरलों को हिंदुओं के वर्चस्व का एक और उदाहरण मिल गया. जहां एक हिंदू फासीवादी शख्स ने शांतिपूर्ण तरीके से लड़की छेड़ रहे मुस्लिम युवकों को रोक दिया. देश का सामाजिक ताना-बाना खतरे में हैं.
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