इंसान और जानवर... जानवर कभी इंसान नहीं बन सकता और इंसान... बस पांच मिनट का इंतजार करना है. इंसान अपना वो चेहरा दिखा देगा जो इतना क्रूर और विभत्स होगा कि जानवर भी डर के कहीं दुबक जाए और ये सोचे कि अच्छा हुआ हम जानवर ही ठीक हैं थू है ऐसे इंसान और ऐसी इंसानियत पर. मानव कितनी जल्दी पशु बन सकता है गर जो इस बात को समझना हो तो हमें Tamilnadu का रुख करना चाहिए और Elephant Death Viral Video के उन विजुअल्स हो देखना चाहिए जिसमें इंसान ने हाथी को भगाने के लिए उसपर जलता हुआ टायर फेंका और आग की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई. मामला तमिलनाडु में पड़ने वाले नीलगिरी के मासिनागुड़ी का है जहां एक हाथी रास्ता भटक गया और भटकते हुए एक प्राइवेट रिसॉर्ट में जा पहुंचा. रिसॉर्ट में जंगली हाथी देख कर काम करने वाले लोग बौखला गए और उनके अंदर का पशु बाहर आ गया. एक वर्कर को न जाने क्या सूझा की उसने हाथी पर जलता हुआ टायर फेंक दिया और कुछ ही देर में हाथी जल कर स्वाहा हो गया.
जितनी आसानी से हमने इस बात को कहा उतनी ही आसानी से आपने इसे पढ़ लिया. याद करिए वो वक़्त जब आप दोस्तों के साथ बॉन फायर का आनंद ले रहे हो और आंच ने आपकी पैंट या जीन्स को इतना गर्म कर दिया हो कि आपको जलन महसूस हुई हो. आप ऐसा उठे हों कि काफी देर तक फिर आप आग के पास न आए हों. आप वो वक़्त भी याद कर सकते हैं जब लाइट न आने पर आपने मोमबत्ती जलाई हो और उस जली हुई मोमबत्ती के मोम की एक गर्म बूंद गिरी हो. आपको याद है जलन?
अच्छा हो सकता है ये सब आपके साथ न हुआ हो. मगर गर्म चाय या दूध ने तो आपको परेशान किया ही होगा. जब शरीर पर गर्म चाय या दूध गिरती है तो हालत ख़राब हो...
इंसान और जानवर... जानवर कभी इंसान नहीं बन सकता और इंसान... बस पांच मिनट का इंतजार करना है. इंसान अपना वो चेहरा दिखा देगा जो इतना क्रूर और विभत्स होगा कि जानवर भी डर के कहीं दुबक जाए और ये सोचे कि अच्छा हुआ हम जानवर ही ठीक हैं थू है ऐसे इंसान और ऐसी इंसानियत पर. मानव कितनी जल्दी पशु बन सकता है गर जो इस बात को समझना हो तो हमें Tamilnadu का रुख करना चाहिए और Elephant Death Viral Video के उन विजुअल्स हो देखना चाहिए जिसमें इंसान ने हाथी को भगाने के लिए उसपर जलता हुआ टायर फेंका और आग की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई. मामला तमिलनाडु में पड़ने वाले नीलगिरी के मासिनागुड़ी का है जहां एक हाथी रास्ता भटक गया और भटकते हुए एक प्राइवेट रिसॉर्ट में जा पहुंचा. रिसॉर्ट में जंगली हाथी देख कर काम करने वाले लोग बौखला गए और उनके अंदर का पशु बाहर आ गया. एक वर्कर को न जाने क्या सूझा की उसने हाथी पर जलता हुआ टायर फेंक दिया और कुछ ही देर में हाथी जल कर स्वाहा हो गया.
जितनी आसानी से हमने इस बात को कहा उतनी ही आसानी से आपने इसे पढ़ लिया. याद करिए वो वक़्त जब आप दोस्तों के साथ बॉन फायर का आनंद ले रहे हो और आंच ने आपकी पैंट या जीन्स को इतना गर्म कर दिया हो कि आपको जलन महसूस हुई हो. आप ऐसा उठे हों कि काफी देर तक फिर आप आग के पास न आए हों. आप वो वक़्त भी याद कर सकते हैं जब लाइट न आने पर आपने मोमबत्ती जलाई हो और उस जली हुई मोमबत्ती के मोम की एक गर्म बूंद गिरी हो. आपको याद है जलन?
अच्छा हो सकता है ये सब आपके साथ न हुआ हो. मगर गर्म चाय या दूध ने तो आपको परेशान किया ही होगा. जब शरीर पर गर्म चाय या दूध गिरती है तो हालत ख़राब हो जाती है शरीर पर गर्म फोफले निकल आते हैं. किसी भी तरह जलने पर हम फौरन ही डॉक्टर के पास भागते हैं. बात बड़े शहरों की हो तो बाकायदा वहां मौजूद अस्पतालों में Burn and Trauma का एक अलग सेक्शन होता है.
आप भी सोच रहे होंगे कि हम बात को कहां से जहां ले आए. कहां तो जिक्र हाथी का हुआ और कहां हम इंसानों की बात करने लग गए. तो सुनिये ये सब आपको एहसास दिलाने के लिए है कि तब क्या होता है जब आप एक इंसान के रूप में आग की चपेट में आते हैं? अब वापस मुद्दे पर आते हैं. सोचिये जब हल्की सी गर्म मोम या कुछ मिलीलीटर गर्म चाय या दूध गिरने पर हम इतना तड़प उठते हैं क्या हाल हुआ होगा उस हाथी का जिसके ऊपर रिसॉर्ट के उस बेहूदे एम्प्लॉयी ने जलता हुआ टायर डाला होगा.
हाथी तो हमारी आपकी तरह अपनी भावनाओं को व्यक्त भी नहीं कर सकता. बहुत हुआ होगा तो वो मारे दर्द और डर के इधर उधर भागा होगा. जिस पीड़ा का सामना उस हाथी ने किया होगा उसे सोचिये, सोचने मात्र से रौंगटे खड़े हो जाते हैं. शरीर थर थर कांपने लगता है. क्या उस समय जब जलता हुआ टायर पड़ा होगा एक बार भी उस शख्स को दया नहीं आई होगी? क्या उसकी आंखों में पड़ा शर्म का पानी सूख गया होगा? जवाब हम नहीं जानते लेकिन जिस बात को हम जानते हैं वो ये कि Theory Of Evolution के तहत भले ही हम मानव बन गए हों मगर इंसान बनने में अभी बहुत लंबा वक्त लगेगा.
वीडियो इंटरनेट पर वायरल है ख़ुद देखिये और बताइये कि क्या हम इंसान कहलाने के काबिल हैं?
उपरोक्त सवाल के बाद यदि आपका जवाब हां है तो हमें कुछ नहीं कहना लेकिन यदि सवाल के बाद आप गफलत में आ गए हों और सोच विचार में पड़ गए हों तो समझ लीजिएगा कि आपके अंदर विवेक है और आप सही और गलत के बीच फैसला करने में सक्षम हैं.
अंत में हम बस ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि टायर में लगी आग से मरना हाथी की नियति नहीं थी. उसे वन में गमन करना था प्रकृति से संतुलन बनाना था. मगर अब चूंकि इंसान की जाहिलियत के चलते हाथी अपनी जान गंवा चुका है इंसानियत फिर शर्मसार हुई है और मानवता के मुंह पर करारा तमाचा पड़ा है.
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