अच्छी हाउसवाइफ बनने के लिए जहां जगह-जगह कोर्स कराए जा रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर महिलाओं के लिए अच्छी बहू और अच्छी पत्नी बनने का ज्ञान भी बिखरा पड़ा है. मकसद सबका यही कि कैसे महिलाएं सुपर से भी ऊपर बन सकें. क्योंकि उनका जन्म तो हुआ ही इसलिए है कि वो सबकुछ कर सकें.
सबसे पहले बात करते हैं एक फेसबुक पोस्ट की जो वायरल है. इसे जसवंत ने शेयर किया है जो खुद को नास्तिक और फेमिनिस्ट कहते हैं. इस पोस्ट के जरिए उन्होंने समाज की सोच पर तंज किया है.
इसी तरह का एक और मैसेज वायरल हो रहा है जो शायद किसी महिला ने ही लिखा है क्योंकि ये बातें एक भुक्त भोगी हाउसवाइफ ही समझ सकती है. ये कुछ इस तरह है-
आजकल हाउसवाइफ बनने के लिए मिनिमम क्वालिफिकेशन ये है-
1. आपको अमेरिकन, इटैलियन, चाइनीज़ और तंदूरी खान बनाना आना चाहिए.
2. बच्चों को स्कूल, योगा और डांस क्लास छोड़ने और पिक करने के लिए गाड़ी चलाना आना चाहिए.
3. बच्चों के प्रोजेक्ट बनाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल भी इतना अच्छी तरह आना चाहिए.
4. तीसरी क्लास में पढ़ने वाले बच्चे को मैथ्स पढ़ाने के लिए हमारे जमाने की 10वीं की मैथ्स आनी चाहिए.
5. अगर बच्चे 12वीं में हों तो उनकी आगे की पढ़ाई क्या और कैसी हो, उसके विश्लेषण भी करक सके.
6. पति के लिए मॉर्डन हो और सास-ससुर का ख्याल रखने वाली हो.
7. सिल बट्टे पर पुराने स्टाइल की मिर्च की चटनी बनानी आती हो और आई फोन8 की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के बारे में भी जानती हो.
8. जो व्यवसाय में सलाह भी दे सके और मेड की तरह...
अच्छी हाउसवाइफ बनने के लिए जहां जगह-जगह कोर्स कराए जा रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर महिलाओं के लिए अच्छी बहू और अच्छी पत्नी बनने का ज्ञान भी बिखरा पड़ा है. मकसद सबका यही कि कैसे महिलाएं सुपर से भी ऊपर बन सकें. क्योंकि उनका जन्म तो हुआ ही इसलिए है कि वो सबकुछ कर सकें.
सबसे पहले बात करते हैं एक फेसबुक पोस्ट की जो वायरल है. इसे जसवंत ने शेयर किया है जो खुद को नास्तिक और फेमिनिस्ट कहते हैं. इस पोस्ट के जरिए उन्होंने समाज की सोच पर तंज किया है.
इसी तरह का एक और मैसेज वायरल हो रहा है जो शायद किसी महिला ने ही लिखा है क्योंकि ये बातें एक भुक्त भोगी हाउसवाइफ ही समझ सकती है. ये कुछ इस तरह है-
आजकल हाउसवाइफ बनने के लिए मिनिमम क्वालिफिकेशन ये है-
1. आपको अमेरिकन, इटैलियन, चाइनीज़ और तंदूरी खान बनाना आना चाहिए.
2. बच्चों को स्कूल, योगा और डांस क्लास छोड़ने और पिक करने के लिए गाड़ी चलाना आना चाहिए.
3. बच्चों के प्रोजेक्ट बनाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल भी इतना अच्छी तरह आना चाहिए.
4. तीसरी क्लास में पढ़ने वाले बच्चे को मैथ्स पढ़ाने के लिए हमारे जमाने की 10वीं की मैथ्स आनी चाहिए.
5. अगर बच्चे 12वीं में हों तो उनकी आगे की पढ़ाई क्या और कैसी हो, उसके विश्लेषण भी करक सके.
6. पति के लिए मॉर्डन हो और सास-ससुर का ख्याल रखने वाली हो.
7. सिल बट्टे पर पुराने स्टाइल की मिर्च की चटनी बनानी आती हो और आई फोन8 की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के बारे में भी जानती हो.
8. जो व्यवसाय में सलाह भी दे सके और मेड की तरह घर के काम भी कर सके.
9. देश में घट रही ताजा घटनाएं भी उसे पता हों और इलाज के लिए देसी नुस्खे भी उसे मालूम हों.
10. कभी-कभी माथे पर रोली चंदन लगाकर, बालों में फूल सजाकर पावन दिखाई दे और जीन्स टीशर्ट पहनकर मॉर्डन बनना भी आता हो.
11. घर को म्यूज़ियम की तरह साफ-सुथरा रखे.
12. भले ही कितना काम किया हो, लेकिन थकी हुई न दिखे और चेहरे पर मुस्कान हमेशा बनाए रखे.
13. और घर के सारे काम निपटाने के बाद, गहरी सांस लेकर जब हाथ में फोन लेने पर जब कमेंट मिलें कि 'तुम्हारी तो ऐश है, हमेशा व्हाट्एप और फेसबुक पर ही लगी रहती हो' तो धैर्य रखना आना चाहिए.
यानी एक शब्द में कहा जाए तो हाउसवाइफ बनने के लिए औरत को 'superwoman' होना जरूरी है.
हां, ये वो बाते हैं जो आपमें हों तो आप एक बेहतरीन हाउसवाइफ कहलाई जाएंगी. लेकिन अफसोस कि आज तक कोई महिला ऐसी हुई ही नहीं जिसे घरवालों ने इस परीक्षा में पास किया हो. वो चाहे कोई भी हो लेकिन एक आधा नंबर से हमेशा फेल हो ही जाती है. हाउसवाइफ की लाइफ तो आपने देखी जिससे आप कामकाजी महिलाओं की लाइफ का अंदाज़ा लगा सकते हैं. बस यूं समझिए कि इतने कामों के अलावा उन्हें 9 घंटे ऑफिस में भी बिताने होते हैं.
अब एक और वायरल मैसे पढ़िए जिसके जरिए बाकायदा बताया गया है कि पुरुष चाहे जैसा भी हो, लेकिन लड़कियों को कैम करना आना चाहिए, तभी उसे सम्मान मिलेगा वरना नहीं-
यानी काम करो काम, वरना न सम्मान मिलेगा और न उचित स्थान. पति चाहे जो करे, उसे कोई काम करना आए न आए, वो घर पर ध्यान दे न दे, लेकिन पत्नी सब संभाल ले.
आज हर माहिला मशीन बनी हुई है, चाहे वो घर में रहती हो या फिर कामकाजी हो. हम यहां पुरुषों से उनकी तुलना नहीं कर रहे क्योंकि वो की ही नहीं जा सकती. लेकिन उन इच्छाओं के बारे में बात कर रहे हैं, जो समाज एक महिला से चाहता है, बिना उसकी इच्छा जाने. वो चाहे शादी का मामला हो या नौकरी पाने का, महिलाओं को जिस तरीके से परखा जाता है उसके मापदंड़ बेहद पुराने और घटिया हैं. समाज महिलाओं से बेहतरी की उम्मीद करता है. और खुद को साबित करने के लिए महिलाएं बेहतर बनकर भी दिखा रही हैं. लेकिन सवाल फिर भी वहीं का वहीं है कि 'सुपरवूमन' बनने के बाद भी आखिर समाज महिलाओं को दे क्या रहा है??
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