बच्चे जब छोटे होते हैं तो उनका जिज्ञासू मन तरह तरह के सवाल करता है. वो माता-पिता से पूछते हैं- ये क्या है, ये क्यों होता है, वो कौन है, ये कैसे होता है और भी न जाने क्या-क्या. लेकिन जैसे-जैसे वो बड़े होते हैं उनके सवाल भी धीरे-धीरे कम होने लगते हैं. ये हमारी गलतफहमी होती है कि हम ये समझते हैं कि उनकी जिज्ञासा कम हो गई है इसलिए वो सवाल कम करते हैं. जबकि सच तो ये है कि बच्चों के दिमाग में असंख्य सवाल घूम रहे होते हैं, खासकर जब वो अपनी किशोरावस्था में होते हैं. लेकिन तब एक झिझक उन्हें वो पूछने से रोक देती है. क्यों?? क्योंकि उन सवालों के जवाब माता-पिता भी देने से कतराते हैं.
ऐसे कई सवाल एक साथ सुनने को मिले एक गाने में. ये एक रैप सॉन्ग था जो अचानक ही सामने आ गया. इसमें बेटा और बेटी अपने पिता से सवाल पूछना चाह रहे हैं. आप भी सुनिए और बताइए कि क्या आप अपने बच्चों को इन सवालों के जवाब दे पाएंगे?
क्या आप दे पाएंगे इन सवालों के जवाब-
* जीवन का उद्देश्य क्या है? जीने का मतलब क्या है?
* सवाल मन में आए तो पूछने में गलत क्या है?
* क्या मरने से डरना चाहिए?
* सेक्स करना चाहिए या नहीं? एक से साथ करना चाहिए या सबसे साथ?
* गांजे की तलब क्यों होती है?
* मेडिटेशन से क्या होता है?
* क्या मास्टर्बेशन गलत है?
* पीरियड से लोगों को क्यों प्रॉब्लम है? किचन और रसोई में जाने पर मनाही क्यों होती है? क्या ये धर्म है ?
* लड़कों के साथ घूमने पर लोग बातें क्यों बनाते हैं? तब लड़के को स्टड और लड़की को चरित्रहीन क्यों कहा जाता है?
* लड़का पैदा हो तो जश्न होता है, लड़की को पैदा होते ही मार क्यों दिया जाता है?
* बच्चे को पैदा तो मां करती है फिर नाम के आगे मां का नहीं बाप का नाम क्यों लिखा जाता है?
* ग्लोबल वार्मिंग में क्या हम जल जाएंगे? या फिर समंदर में डूब जाएंगे?
* प्लास्टिक खतरनाक क्यों है, क्या हम उसमें दब जाएंगे?
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बच्चे जब छोटे होते हैं तो उनका जिज्ञासू मन तरह तरह के सवाल करता है. वो माता-पिता से पूछते हैं- ये क्या है, ये क्यों होता है, वो कौन है, ये कैसे होता है और भी न जाने क्या-क्या. लेकिन जैसे-जैसे वो बड़े होते हैं उनके सवाल भी धीरे-धीरे कम होने लगते हैं. ये हमारी गलतफहमी होती है कि हम ये समझते हैं कि उनकी जिज्ञासा कम हो गई है इसलिए वो सवाल कम करते हैं. जबकि सच तो ये है कि बच्चों के दिमाग में असंख्य सवाल घूम रहे होते हैं, खासकर जब वो अपनी किशोरावस्था में होते हैं. लेकिन तब एक झिझक उन्हें वो पूछने से रोक देती है. क्यों?? क्योंकि उन सवालों के जवाब माता-पिता भी देने से कतराते हैं.
ऐसे कई सवाल एक साथ सुनने को मिले एक गाने में. ये एक रैप सॉन्ग था जो अचानक ही सामने आ गया. इसमें बेटा और बेटी अपने पिता से सवाल पूछना चाह रहे हैं. आप भी सुनिए और बताइए कि क्या आप अपने बच्चों को इन सवालों के जवाब दे पाएंगे?
क्या आप दे पाएंगे इन सवालों के जवाब-
* जीवन का उद्देश्य क्या है? जीने का मतलब क्या है?
* सवाल मन में आए तो पूछने में गलत क्या है?
* क्या मरने से डरना चाहिए?
* सेक्स करना चाहिए या नहीं? एक से साथ करना चाहिए या सबसे साथ?
* गांजे की तलब क्यों होती है?
* मेडिटेशन से क्या होता है?
* क्या मास्टर्बेशन गलत है?
* पीरियड से लोगों को क्यों प्रॉब्लम है? किचन और रसोई में जाने पर मनाही क्यों होती है? क्या ये धर्म है ?
* लड़कों के साथ घूमने पर लोग बातें क्यों बनाते हैं? तब लड़के को स्टड और लड़की को चरित्रहीन क्यों कहा जाता है?
* लड़का पैदा हो तो जश्न होता है, लड़की को पैदा होते ही मार क्यों दिया जाता है?
* बच्चे को पैदा तो मां करती है फिर नाम के आगे मां का नहीं बाप का नाम क्यों लिखा जाता है?
* ग्लोबल वार्मिंग में क्या हम जल जाएंगे? या फिर समंदर में डूब जाएंगे?
* प्लास्टिक खतरनाक क्यों है, क्या हम उसमें दब जाएंगे?
* गाय हमारी माता है या भारत देश हमारी माता है?
* फिर हर घंटे यहां रेप क्यों हो जाता है, कोई क्यों नहीं बचाता है? तब भगवान कहा चला जाता है?
* अगर जीवन ही असली स्कूल है तो जो स्कूल जाते हैं वो क्या फूल होते हैं?
आसान सवालों के जवाब तो माता-पिता तुरंत दे देते हैं, लेकिन ऐसे असंख्य मुश्किल सवालों के जवाब माता-पिता भी नहीं दे पाते. और बच्चे कुछ मामले में कनफ्यूज़ ही रह जाते हैं. ये सवाल तो बहुत कम हैं, ऐसे तमाम सवालों को समाज के सामने रखा जाना चाहिए, लेकिन नहीं रखा जाता. बच्चे पूछने की कोशिश करते हैं तो उन्हें चुप करा दिया जाता है. लेकिन ये सवाल बढ़ते बच्चों के दिमाग पर हमेशा चोट करते हैं. और इसमें कोई शक नहीं है कि इनके जवाब न मिलने पर उनके व्यवहार और व्यक्तित्व पर भी असर पड़ता होगा.
समाज भले ही इन सवालों के जवाब नहीं देना चाहता, लेकिन ये रैप सॉन्ग इसीलिए बनाया गया है कि बच्चों को जिन सवालों के जवाब कहीं से नहीं मिल पा रहे वो सदगुरू से पूछें. जिन्हें नहीं पता कि सदगुरू कौन हैं, उन्हें बता दें कि सदगुरू एक योगी और लेखक होने के साथ-साथ एक बेहतरीन वक्ता भी हैं. उनके लेख और उनकी बातें लोगों के दिलों में उतरती हैं. उनकी खास बात ये है कि लोग उनके विचारों से संतुष्ट हो जाते हैं, वो इसलिए क्योंकि वो अपना ज्ञान आधुनिक समय के हिसाब से देते हैं और यही वजह है कि बच्चे भी उनकी बातों से प्रभावित होते हैं. ये आज के जमाने के गुरू हैं जो सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल कर रहे हैं. अपनी बातें लोगों तक पहुंचाने का इससे बेहतर माध्यम और हो भी क्या सकता है. Sadhguru और Sadhguru Hindi के नाम से यूट्यूब पर चैनल हैं जहां ऐसे ही असंख्य सवालों के जवाब सदगुरू दे रहे हैं, क्योंकि बच्चों की जिज्ञासाएं कभी खत्म नहीं होतीं.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.