लालच बुरी बला है. हम बचपन से अक्सर यही सुनते आ रहे हैं कि लालच नहीं करना चाहिए. हमारे अंदर संतोष का भाव होना बेहद जरूरी है. लेकिन फिर भी कुछ लोग लालच के वशीभूत हो जाते हैं. कहते हैं न 'लालच या दुविधा में दोनों गए, माया मिली न राम'. कुछ ऐसा ही दिल्ली से सटे गाजियाबाद में देखने को मिला है. यहां एक शख्स ने लालच और गुस्से में आकर कुछ ऐसा किया कि उसकी खुद जिंदगी हमेशा के लिए बर्बाद हो गई. जिस पैसे के लिए उसने परिवार को दांव पर लगाया, वो तो मिला नहीं, परिवार भी हमेशा के लिए उससे दूर हो गया. अब उसकी जिंदगी सलाखों के पीछे कटने वाली है. ये कहानी है गाजियाबाद के महिंद्रा एंक्लेव के एक अपार्टमेंट में रहने वाले अजय कुमार यादव की, जो पेशे से मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है.
इसके बाद अजय ने अपने एक दोस्त राम प्रकाश से सारी बातें बताई. अब दोस्त तो ठहरा दोस्त. वह भी रोज के इनके झगड़ों के बारे में सुन-सुनकर तंग आ चुका था. उसे भी लगा कि शायद अजय सही सोच रहा है. उसने...
लालच बुरी बला है. हम बचपन से अक्सर यही सुनते आ रहे हैं कि लालच नहीं करना चाहिए. हमारे अंदर संतोष का भाव होना बेहद जरूरी है. लेकिन फिर भी कुछ लोग लालच के वशीभूत हो जाते हैं. कहते हैं न 'लालच या दुविधा में दोनों गए, माया मिली न राम'. कुछ ऐसा ही दिल्ली से सटे गाजियाबाद में देखने को मिला है. यहां एक शख्स ने लालच और गुस्से में आकर कुछ ऐसा किया कि उसकी खुद जिंदगी हमेशा के लिए बर्बाद हो गई. जिस पैसे के लिए उसने परिवार को दांव पर लगाया, वो तो मिला नहीं, परिवार भी हमेशा के लिए उससे दूर हो गया. अब उसकी जिंदगी सलाखों के पीछे कटने वाली है. ये कहानी है गाजियाबाद के महिंद्रा एंक्लेव के एक अपार्टमेंट में रहने वाले अजय कुमार यादव की, जो पेशे से मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है.
इसके बाद अजय ने अपने एक दोस्त राम प्रकाश से सारी बातें बताई. अब दोस्त तो ठहरा दोस्त. वह भी रोज के इनके झगड़ों के बारे में सुन-सुनकर तंग आ चुका था. उसे भी लगा कि शायद अजय सही सोच रहा है. उसने अजय को एक सुपारी किलर गजराज से मिलवाया. महिला और बच्चे की हत्या के लिए 10 लाख रुपये की सुपारी तय की गई. लेकिन अजय की एक शर्त थी. वह चाहता था कि सुपारी किलर सीधे गोली मारने की बजाए कुछ ऐसा करे, जिससे की ये घटना एक हादसा लगे. ऐसा होने से किसी को हत्या का शक भी नहीं जाएगा और बीमा की क्लेम मिलने में भी आसानी रहेगी. तय योजना के मुताबिक, गजराज अजय के घर सेल्समैन बनकर पहुंचा. वहां राखी और उसका मासूम बच्चा मौजूद थे. बच्चे को देखकर गजराज का दिल पिघल गया.
बीते 25 फरवरी की ये बात है. बच्चे की मासूमियत से पिघले गजराज ने दोनों की जान बख्श दी. राखी से सारा सच बयां कर दिया. इतना ही नहीं उसने राखी को एक वीडियो भी दिखाया जिसमें अजय उनको मारने की बातें कह रहा है. इसके बाद सुपारी किलर वहां से फरार हो गया. राखी ने पति की सच्चाई जानने के लिए तुरंत पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची. जांच पड़ताल के बाद अजय और राम प्रकाश को हिरासत में ले लिया गया. उनसे जब कड़ाई से पूछताछ की गई, तो सच सामने आ गया. जानकारी के मुताबिक अजय ने एक साल पहले ही राखी की पालिसी कराई थी, जिसके क्लेम की रकम हड़पने को वह राखी की हत्या कराना चाहता था. एमबीए की पढ़ाई कर चुका अजय एक दवा कंपनी में एमआर यानि मेडिकल रिप्रजेंटेटिव है.
क्षेत्राधिकारी अवनीश कुमार ने बताया कि अजय कुमार यादव और राम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों के पास से दो तमंचे और पांच कारतूस बरामद किए गए हैं. इसे राखी की हत्या के लिए खरीदा गया था. इस घटना के बाद से गजराज फरार है. उस पर लूट और गैंगस्टर की धारा में कई केस दर्ज हैं. वह पहले भी जेल जा चुका है. थाने पहुंची राखी ने गजराज के साथ हुई अपनी बातचीत की रिकार्डिंग पुलिस को सौंपी है. उसका आरोप है कि पिछले कुछ दिनों से उसके पति अजय का व्यवहार बदल गया था. वह हर बात पर गुस्सा करने लगा था. उसे इस बात की आशंका है कि अजय की किसी दूसरी महिला से अवैध संबंध हो सकते हैं. पुलिस दोनों ही बिन्दुओं को ध्यान में रखकर अपनी जांच कर रही है. गजराज की भी तलाश हो रही है.
पति और पत्नी का रिश्ता दुनिया में सबसे ज्यादा पवित्र और निस्वार्थ माना जाता है. उसमें भी यदि बच्चा हो गया हो तो हर समस्या से परे पति-पत्नी का कर्तव्य उसकी परवरिश होता है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि लव मैरिज करने वाले अजय और राखी के प्यार के रिश्ते में ऐसा क्या हुआ कि नफरत पैदा हो गई? तीन सदस्यों के छोटे से परिवार में ऐसा क्या हुआ कि पति ने पत्नी की हत्या की साजिश रच डाली? आखिर राखी को ऐसा क्यों लग रहा है कि उसके पति का किसी दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध है? इन सभी सवालों के जवाब मिलने अभी बाकी है. पुलिस अपना काम कर रही है. लेकिन इस पूरी कहानी में 'हीरो' तो वो कथित 'हत्यारा' निकला, जिसके अंदर किसी मासूम के लिए दिल धड़क रहा था, उसे उसकी जान बख्श दी.
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