एक फिल्म आई थी विवाह. जिसमें घर में आग लगने के कारण दुल्हन के शरीर का कुछ हिस्सा जल जाता है फिर भी लड़के वाले पीछे नहीं हटते हैं और अस्पताल (Hospital) में ही शादी (Marriage) की रस्म अदा करते हैं. वह रील लाइफ थी और लोगों को वह सीन काफी पसंद आया था. दर्शकों ने उस फिल्म की तारीफ की थी. मगर रियल लाइफ में ऐसे कितने लोग हैं जो ऐसा करने की हिम्मत जुटा पाते हैं. कई लड़के वाले तो जरा सा कुछ होने पर तुरंत शादी तोड़ देते हैं. बारात लेकर लौट आते हैं. मगर मध्य प्रदेश के खंडवा में हुई शादी ने लोगों को इंस्पायर करने का काम किया है.
असल में उज्जैन के भेरूघाट के रहने वाले राजेंद्र अपनी बारात लेकर खंडवा आने वाले थे, जहां 16 फरवरी को धर्मशाला में शादी होने वाली थी. मगर शादी के तीन दिन पहले ही होने वाली दुल्हन शिवानी का एक्सीडेंट हो गया. हादसे में उसका एक हाथ और पैर फ्रैक्चर हो गया. परिवार वालों ने इलाज के लिए बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया. हादसे के कारण जहां 16 फऱवरी को शिवानी की बारात आनी थी वहां उसका ऑपरेशन हो रहा था. बारात रूक गई थी. इस कारण शिवानी और राजेंद्र की शादी नहीं हो पाई. घरवालों के चेहरे पर मायूसी छा गई थी. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि बेटी का भविष्य क्या होगा? भला इस हाल में लड़की को कौन अपनाएगा? लड़की वाले इसी चिंता में डूबे थे.
खैर, ऑपरेशन के बाद शिवानी को बेड पर शिफ्ट किया गया. सबके मन में एक ही सवाल था कि अब क्या होगा? दोनों को हल्दी लग चुकी थी शादी को टाला नहीं जा सकता था. जब लड़का औऱ लड़की पक्ष ने बात की तो सारी समस्या का समाधान मिल गया. लड़के वालों ने कहा कि हम अस्पताल में ही सादगी से साथ दोनों की शादी करा देंगे. इस पर दोनों परिवार वाले राजी हो...
एक फिल्म आई थी विवाह. जिसमें घर में आग लगने के कारण दुल्हन के शरीर का कुछ हिस्सा जल जाता है फिर भी लड़के वाले पीछे नहीं हटते हैं और अस्पताल (Hospital) में ही शादी (Marriage) की रस्म अदा करते हैं. वह रील लाइफ थी और लोगों को वह सीन काफी पसंद आया था. दर्शकों ने उस फिल्म की तारीफ की थी. मगर रियल लाइफ में ऐसे कितने लोग हैं जो ऐसा करने की हिम्मत जुटा पाते हैं. कई लड़के वाले तो जरा सा कुछ होने पर तुरंत शादी तोड़ देते हैं. बारात लेकर लौट आते हैं. मगर मध्य प्रदेश के खंडवा में हुई शादी ने लोगों को इंस्पायर करने का काम किया है.
असल में उज्जैन के भेरूघाट के रहने वाले राजेंद्र अपनी बारात लेकर खंडवा आने वाले थे, जहां 16 फरवरी को धर्मशाला में शादी होने वाली थी. मगर शादी के तीन दिन पहले ही होने वाली दुल्हन शिवानी का एक्सीडेंट हो गया. हादसे में उसका एक हाथ और पैर फ्रैक्चर हो गया. परिवार वालों ने इलाज के लिए बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया. हादसे के कारण जहां 16 फऱवरी को शिवानी की बारात आनी थी वहां उसका ऑपरेशन हो रहा था. बारात रूक गई थी. इस कारण शिवानी और राजेंद्र की शादी नहीं हो पाई. घरवालों के चेहरे पर मायूसी छा गई थी. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि बेटी का भविष्य क्या होगा? भला इस हाल में लड़की को कौन अपनाएगा? लड़की वाले इसी चिंता में डूबे थे.
खैर, ऑपरेशन के बाद शिवानी को बेड पर शिफ्ट किया गया. सबके मन में एक ही सवाल था कि अब क्या होगा? दोनों को हल्दी लग चुकी थी शादी को टाला नहीं जा सकता था. जब लड़का औऱ लड़की पक्ष ने बात की तो सारी समस्या का समाधान मिल गया. लड़के वालों ने कहा कि हम अस्पताल में ही सादगी से साथ दोनों की शादी करा देंगे. इस पर दोनों परिवार वाले राजी हो गए.
इसके बाद अस्पताल प्रबंधन से परमिशन ली गई. शिवानी के बेड के पास ही मंडप सजाया गया. शिवानी की जेठानी ने उसे दुल्हन की तरह तैयार किया. पंडित जी को बुलाया गया औऱ दोनों परिवार वालों की मौजूदगी में साधारण तरीके से शादी संपन्न हुई. वरमाला के दौरान शिवानी और राजेंद्र खुशी से हंस रहे थे. सारे परिवार की चिंता अब खत्म हो चुकी थी. वे खुध को धन्य मान रहे थे कि हमारी लड़की इतनी अच्छी सोच वालों के घर जा रही है, जो बेटी और बहू में अंतर नहीं करते हैं. फिलहाल शिवानी अस्पताल में है मगर कुछ दिनों में वह अपने सुसराल जाएगी.
सोचिए जहां छोटी-छोटी बात पर लड़के वाले रिश्ता तोड़ने पर आतुर हो जाते हैं. लड़की के पिता को लड़के वालों के समाने झुक कर रहना पड़ता है. वहां राजेंद्र और उसके परिवार ने समाज को प्रेरणा देने का काम किया है. कई लोग तो दहेज के लिए बारात लौटा देते हैं ऐसे में इस परिवार ने बिना शहनाई, बिना बैंडबाजा शादी करके मिसाल पेश की है. सच में अगर ऐसे लड़के वाले हों तो लड़कियों की जिंदगी संवर जाए. ऐसे लोगों से दूसरों को सीखने की जरूरत है. वैसे इस शादी के बारे में आपकी क्या राय है?
देखिए शादी की वीडियो-
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