आपने यह नजारा तो बार-बार देखा होगा जब एक पत्नी अपने पति के के पैर छूती है, क्योंकि पति परमेश्वर होता है. वैसे तो पत्नियां भी घर की लक्ष्मी मानी जाती हैं लेकिन कितने पति अपनी पत्नी के पैर (groom touches bride feet) छूते हैं?
अरे घबराइए नहीं हम आपको पैर छूने के लिए कह भी नहीं रहे हैं. हमारे हिसाब से सिर्फ पैर छू लेने भर से कोई किसी का आदर-सम्मान नहीं करता, क्योंकि सम्मान दिल से होता है. लोग बड़ों का चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेते हैं. यह हमारी संस्कृित है. हालांकि पत्नी या पति का सम्मान करने के लिए उसके पैर पड़ना जरूरी नहीं हैं.
असल में इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें शादी के बाद पत्नी अपने पति के पैर छू रही है. इसके बाद पति भी अपनी पत्नी के पैर छू कर आशीर्वाद लेता है. हालांकि पत्नी कुछ सेकेण्ड में ही उछलकर पीछे हट जाती है. शायद उसे भी पता है कि ऐसा करना कितना बड़ा पाप है, भला एक पति कैसे अपनी पत्नी के पैर छू सकता है? वह पुरुष है, जिसका ओहदा पत्नी से काफी उपर माना गया है. पति तो परमेश्वर होते हैं और परमेश्वर की जगह चरणों में कैसे हो सकती है?
पत्नी तो परमेश्वर की दासी है तो अगर वो पैर छूती है को यह उसका फर्ज है और इसमें कोई नई बात तो है नहीं, क्योंकि हमारे यहां तो यही रिवाज है. अब भला रिवाज को कौन बदल सकता है? पत्नी है तो पैर तो छूना ही पड़ेगा वरना लोग उसे असंस्कारी बता देंगे. सिर्फ उसे ही नहीं उसकी मां, उसके घरवारे और यहां तक की उसकी परवरिश पर भी सवाल खड़े हो जाएंगे.
मायके वालों ने कुछ सिखाकर भेजा ही नहीं. मुंह दिखाई में जितने लोग आएं सबको झुककर प्रणाम करना है. भले दूल्हे मियां पता नहीं, शायद कहीं दोस्तों के साथ बैठकर गप्पे लड़ा रहे हों...
आपने यह नजारा तो बार-बार देखा होगा जब एक पत्नी अपने पति के के पैर छूती है, क्योंकि पति परमेश्वर होता है. वैसे तो पत्नियां भी घर की लक्ष्मी मानी जाती हैं लेकिन कितने पति अपनी पत्नी के पैर (groom touches bride feet) छूते हैं?
अरे घबराइए नहीं हम आपको पैर छूने के लिए कह भी नहीं रहे हैं. हमारे हिसाब से सिर्फ पैर छू लेने भर से कोई किसी का आदर-सम्मान नहीं करता, क्योंकि सम्मान दिल से होता है. लोग बड़ों का चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेते हैं. यह हमारी संस्कृित है. हालांकि पत्नी या पति का सम्मान करने के लिए उसके पैर पड़ना जरूरी नहीं हैं.
असल में इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें शादी के बाद पत्नी अपने पति के पैर छू रही है. इसके बाद पति भी अपनी पत्नी के पैर छू कर आशीर्वाद लेता है. हालांकि पत्नी कुछ सेकेण्ड में ही उछलकर पीछे हट जाती है. शायद उसे भी पता है कि ऐसा करना कितना बड़ा पाप है, भला एक पति कैसे अपनी पत्नी के पैर छू सकता है? वह पुरुष है, जिसका ओहदा पत्नी से काफी उपर माना गया है. पति तो परमेश्वर होते हैं और परमेश्वर की जगह चरणों में कैसे हो सकती है?
पत्नी तो परमेश्वर की दासी है तो अगर वो पैर छूती है को यह उसका फर्ज है और इसमें कोई नई बात तो है नहीं, क्योंकि हमारे यहां तो यही रिवाज है. अब भला रिवाज को कौन बदल सकता है? पत्नी है तो पैर तो छूना ही पड़ेगा वरना लोग उसे असंस्कारी बता देंगे. सिर्फ उसे ही नहीं उसकी मां, उसके घरवारे और यहां तक की उसकी परवरिश पर भी सवाल खड़े हो जाएंगे.
मायके वालों ने कुछ सिखाकर भेजा ही नहीं. मुंह दिखाई में जितने लोग आएं सबको झुककर प्रणाम करना है. भले दूल्हे मियां पता नहीं, शायद कहीं दोस्तों के साथ बैठकर गप्पे लड़ा रहे हों या कोल्ड ड्रिंक के मजे ले रहे हों. फर्ज तो सारा का सरा बहू के सिर होता है, क्योंकि बेटा तो अपना है ना…
वैसे भी हम कैसी बातें कर रहे हैं? जो मां अपनी आंखों के सामने बेटे को अपनी बहू का घर के कामों में हाथ बटाना बर्दाश्त नहीं कर सकती वो ये कैसे झेल पाएगी कि बेटा घर की बहू यानी अपनी पत्नी के पैर छूए. जो पति यह बर्दाश्त नहीं कर सकते कि उनके जूतों के उपर गलती से भी पत्नी अपनी सैंडल रख दे, वे उसके पैर कैसे छू सकते हैं?
ऐसे में इस वीडियो में दिख रहे दूल्हे ने अपनी पत्नी के पैर छूकर समाज को यह संदेश दिया है कि पत्नी का सम्मान किया जाना चाहिए. अपनी दुल्हन का चरण स्पर्श करके इस लड़के ने बता दिया कि अगर पत्नी पैर छू सकती है तो एक पति क्यों नहीं, आखिर यह रिश्ता बराबरी का है. ना मैं उसका भगवान हूं ना वो मेरी दासी है, हम दोनों तो बस साथी हैं जो जिंदगी को मिलकर संभालेंगे.
इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लव मैरिज लिखा गया है. मुझे लगता है कि शादी लव हो या अरेंज, रिश्ते में सम्मान होना चाहिए. लोगों ने इस दूल्हे की जमकर तारीफ की है, इससे समझ में आता है कि एक सकारात्म पहल समाज की सोच बदल सकती है…
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