एक ओर जहां पूरे उत्तर भारत में ठंड ने दस्तक दे दी है, पहाड़ी इलाके बर्फ की चादर ओढ़ चुके हैं और चारों तरफ कड़ाके की ठंड पड़ रही है वहीं दूसरी ओर भारत के कई हिस्से ऐसे हैं जहां गर्मी है और हम भारत के मिले-जुले मौसम के आदी हो चुके हैं. पर दुनिया में कई इलाके ऐसे भी हैं जो ऐसे मौसम की मार झेलते हैं जिसके बारे में सोचकर भी लगने लगे कि भला वहां का जीवन कैसा होगा. लोग कैसे रहते होंगे? और कैसे रोजमर्रा का काम होता होगा?
iChowk.in अपनी ट्रैवल सीरीज 'अजीब शहर: अनोखा जीवन' में ऐसे ही शहरों के बारे में बताएगा जहां लोग एकदम चरम परिस्थितियों में रहते हैं. इसी कड़ी में आज बता रहे हैं दुनिया की आईस सिटी यानी बर्फ के शहर के बारे में, जो चीन में स्थित है. इस शहर का नाम है हर्बिन (HARBIN).
इस शहर को ICE CITY की उपाधि इसलिए भी मिली है क्योंकि ये चीन के सबसे ठंडे शहरों में से एक है और यहां सर्दियों का औसत तापमान होता है -24 डिग्री सेल्सियस और पारा -42 डिग्री तक गिर सकता है, लेकिन आइस सिटी कहलाने का एक और कारण है और वो ये है कि यहां दुनिया का सबसे बड़ा आइस फेस्टिवल होता है.
कहां मौजूद है ये अजूबा शहर?
ये शहर चीन के उत्तर पूर्वी प्रांत हेलॉन्जियांग (Heilongjiang) में मौजूद है. हर्बिन की खास बात ये है कि ये उस प्रांत का सबसे अनोखा और बड़ा शहर है. यहां लगभग 1 करोड़ की आबादी है. 2010 चीनी सेंसस के अनुसार ये चीन का आठवां सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है.
हर्बिन का शाब्दिक अर्थ है वो जगह जहां मछलियों को पकड़ने वाला जाल सुखाया जाता है. इसे इसका नाम इसलिए भी मिला...
एक ओर जहां पूरे उत्तर भारत में ठंड ने दस्तक दे दी है, पहाड़ी इलाके बर्फ की चादर ओढ़ चुके हैं और चारों तरफ कड़ाके की ठंड पड़ रही है वहीं दूसरी ओर भारत के कई हिस्से ऐसे हैं जहां गर्मी है और हम भारत के मिले-जुले मौसम के आदी हो चुके हैं. पर दुनिया में कई इलाके ऐसे भी हैं जो ऐसे मौसम की मार झेलते हैं जिसके बारे में सोचकर भी लगने लगे कि भला वहां का जीवन कैसा होगा. लोग कैसे रहते होंगे? और कैसे रोजमर्रा का काम होता होगा?
iChowk.in अपनी ट्रैवल सीरीज 'अजीब शहर: अनोखा जीवन' में ऐसे ही शहरों के बारे में बताएगा जहां लोग एकदम चरम परिस्थितियों में रहते हैं. इसी कड़ी में आज बता रहे हैं दुनिया की आईस सिटी यानी बर्फ के शहर के बारे में, जो चीन में स्थित है. इस शहर का नाम है हर्बिन (HARBIN).
इस शहर को ICE CITY की उपाधि इसलिए भी मिली है क्योंकि ये चीन के सबसे ठंडे शहरों में से एक है और यहां सर्दियों का औसत तापमान होता है -24 डिग्री सेल्सियस और पारा -42 डिग्री तक गिर सकता है, लेकिन आइस सिटी कहलाने का एक और कारण है और वो ये है कि यहां दुनिया का सबसे बड़ा आइस फेस्टिवल होता है.
कहां मौजूद है ये अजूबा शहर?
ये शहर चीन के उत्तर पूर्वी प्रांत हेलॉन्जियांग (Heilongjiang) में मौजूद है. हर्बिन की खास बात ये है कि ये उस प्रांत का सबसे अनोखा और बड़ा शहर है. यहां लगभग 1 करोड़ की आबादी है. 2010 चीनी सेंसस के अनुसार ये चीन का आठवां सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है.
हर्बिन का शाब्दिक अर्थ है वो जगह जहां मछलियों को पकड़ने वाला जाल सुखाया जाता है. इसे इसका नाम इसलिए भी मिला क्योंकि यहां शुरुआती दौर में मछुआरे रहा करते थे और शोन्घुआ (SongHA) नदी के किनारे अपने घर बनाया करते थे. इसे 1898 में बसाया गया था यहां रशिया का पैसा लगा था और इसके बसने के बाद ही यहां चीनी इस्टर्न रेलवे की शुरुआत हुई थी. यहां अधिकतर रशिया से आए हुए अप्रवासी लोगों ने बसने की शुरुआत की थी. अधिकतर लोग शुरुआती दौर में यहां जंग से बचने के लिए आ गए थे. इसीलिए मूलत: यहां के लोगों को रशियन भी आती है.
आइस सिटी में जीना इतना भी आसान नहीं-
यहां के लोग ज्यादातर चलना पसंद करते हैं. यहां की लाइफ स्टाइल अधिकतर दिन में ही दिखती है. बेहद खराब मौसम के कारण रात में यहां 9 बजे के बाद दुकाने बंद हो जाती हैं. यहां की नाइट लाइफ इतनी खराब भी नहीं है. यहां कुछ बार भी हैं और साथ ही ऐसी कई जगह हैं जहां लोग देर रात तक रह सकते हैं. शहर की सबसे अच्छी बात ये है कि यहां जितनी भी बिल्डिंग हैं सब अंदर से काफी गर्म हैं और शहर का हीटिंग सिस्टम यहां के नागरिकों को अच्छा माहौल देता है. हां, जब भी बाहर निकलना हो तो बहुत कठिन हो जाता है. खास तौर पर टूरिस्ट के लिए क्योंकि ये शहर टूरिस्ट के बीच भी काफी फेमस है. टूरिस्ट अक्सर ठंड के हिसाब से तैयारी करके नहीं आते और उन्हें थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है.
अगर आप कहीं बाहर से ठंड के मौसम में हर्बिन जाएं तो आपका सामना होगा एक लगभग जमे हुए एयरपोर्ट से. एक ऐसा एयरपोर्ट जहां बहुत सारे लोग नहीं दिखेंगे. यहां आम सर्दियों के कपड़ों से काम नहीं चलेगा. थर्मल के साथ, भारी कोट, स्कार्फ, हैट, ग्लव्ज, मोटे मोजे, भारी जूते लगेंगे.
ऐसे शहर में रहना आसान नहीं है. अगर आपको लगता है कि यहां शुद्ध हवा और आरामदायक माहौल मिलेगा तो ये गलत है.
क्योंकि ये शहर साल के अधिकतर समय ठंडा रहता है तो इस शहर में हीटिंग की जरूरत ज्यादा होती है. यहां कोयले पर आधारित हीटिंग सिस्टम की भी कमी नहीं है और इस कारण यहां प्रदूषण भी ज्यादा होता है. यहां तक कि 2013 में प्रदूषण की वजह से विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम रह गई थी. दिल्ली की तरह हर्बिन में भी स्मॉग की समस्या काफी ज्यादा है. इसका अहम कारण कोयले पर आधारित हीटिंग सिस्टम हैं.
बावजूद इसके यहां के स्थानीय निवासी हर्बिन को अपना घर मानते हैं और इसे छोड़कर कहीं जाना नहीं चाहते. यहां की ठंड उन्हें बहुत पसंद है और क्योंकि यहां अक्सर पारा -40 डिग्री तक गिर जाता है तो यहां के लोगों ने इस जीवन को ही अपना लिया है.
हर्बिन खाने के लिए भी बहुत फेमस है. क्योंकि ये जगह बहुत ठंडी है इसलिए यहां ऐसा खाना ज्यादा बनाया जाता है जो चर्बी वाला हो. गाऊ बाऊ राऊ ( “Guo Bao Rou“) यहां की एक प्रचलित डिश है जो मीठे और खट्टे पोर्क सूप को कहते हैं. अक्सर यहां का खाना ग्रेवी वाला और तीखा होता है ताकि लोगों के शरीर में गर्मी ज्यादा आ सके. साथ ही खाने के साथ वोदका लेने का चलन यहां रशिया से ही आया है और वोदका यहां काफी सस्ते दामों में मिलती है.
यहां गर्मियां भी बेहद अजीब होती हैं. पारा +40 डिग्री तक चढ़ जाता है और लोग जो ठंड के आदी हो चुके हैं उनके हाल बेहाल हो जाते हैं, लेकिन ये बहुत कम समय के लिए होता है. गर्मियों का आम टेम्प्रेचर यहां 20-25 डिग्री के बीच रहता है. यहां के लोग बेहद मिलनसार हैं और इस शहर में चीन के बाकी शहरों के मुकाबले महंगाई काफी कम है.
वो त्योहार जिसने हर्बिन को दिलाई पहचान-
अगर आप असल जिंदगी में नार्निया देखना चाहते हैं तो यहां जाएं. जो नार्निया के बारे में नहीं जानते उन्हें बता दूं कि ये एक फिल्म का नाम है जिसके पहले पार्ट में स्नो क्वीन से लड़ाई जीतनी होती है. स्नो क्वीन के राज में नार्निया पूरी तरह से जमा हुआ होता है. वहां की नदी भी बर्फ में जमी हुई होती है और यही हाल है हर्बिन का. यहां नदी इस कदर जम चुकी होती है कि उसके किनारे से स्थानीय निवासी बर्फ की सिल्लियां काटकर ले जाते हैं जिससे आकार लेती हैं दुनिया के सबसे बड़े आइस फेस्टिवल की कलाकृतियां.
ये किसी विंटर वंडरलैंड से कम नहीं. यहां दुनिया भर के आइस आर्टिस्ट आकर बेहद विशाल कलाकृतियां बनाते हैं. हां पूरा का पूरा विंटर कासल यानी बर्फीला किला बनाया जाता है. Harbin International Snow and Ice Festival की शुरुआत 20 दिसंबर से ही हो जाती है और ये फरवरी तक चलता है क्योंकि यहां का मौसम इतना ठंडा होता है कि बर्फ पिघलती नहीं है.
इस शो में कई थीम पर बड़ी बर्फीली कलाकृतियां बनाई जाती हैं. ये इतनी विशाल होती हैं कि लोग इसपर आराम से चल फिर सकते हैं और रात के समय इन्हें रंग बिरंगी LED लाइट्स से जगमगा दिया जाता है. सबसे खास अट्रैक्शन होता है हर्बिन आइस एंड स्नो वर्ल्ड जिसे बनाने में 1 लाख 80 हज़ार क्यूबिक मीटर बर्फ लगती है और ये लगभग 750,000 वर्ग मीटर की जगह में फैला होता है.
इस फेस्टिवल में जितनी भी बर्फ का इस्तेमाल होता है वो पूरी की पूरी बर्फ सॉन्घुआ नदी से ही आती है. जरा सोचिए कितनी ठंड होगी कि ये नदी पूरी जम जाती है. यहां हर साल अलग-अलग कलाकृतियों का रेप्लिका बनाया जाता है.
आप जब भी हर्बिन जाएंगे आपको बहुत अच्छा मौसम मिलेगा और यहां के लोग भी बहुत मिलनसार हैं. हालांकि, यहां एक बार सर्दियों में जाना बेहद रोमांचक अनुभव होगा. आइस फेस्टिवल के कारण टूरिस्ट के लिए यहां बेहद अच्छी सुविधाएं मौजूद रहती हैं.
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