बिहार के कैमूर जिले में एक 14 साल की लड़की को 4 लड़के उठा ले गए. एक लड़का उसका रेप कर रहा था और बाकी के तीन वहीं थोड़ी दूरी पर खड़े होकर यह सब देख रहे थे. आवाज सुनकर हेडमास्टर सुरेंद्र कुमार भास्कर वहां पहुंचा. हेडमास्टर को देख लड़के भाग गए. लड़की को लगा कि वह उसे बचा लेगा मगर 14 साल की खून से लथपथ बच्ची को देखकर हेडमास्टर की नियत बदल गई, उसने भी लड़की के साथ रेप किया...जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो इंसान किस पर भरोसा करे?
लड़की आठवीं क्लास की छात्रा है. घायल बच्ची में हेडमास्टर को हाड़-मांस ही दिखा. एक जीव नहीं जो मदद मांग रही थी. हेडमास्टर ने बच्ची के विश्वास को तोड़ दिया. लड़की के शरीर पर लगी चोट भर भी जाए मगर उसके मन पर लगी चोट कैसे भरेगी?
हे भगवान ये कैसे लोग हैं? पक्का उन्हें तुमने नहीं बनाया होगा. देखा तुम्हारी दुनिया में लोग कैसे पापी हो गए हैं...रेप करने वाला गुरु नहीं दरिंदा है. जो खुद पर काबू न कर सका. वह चाहता तो लड़की को बचा सकता था मगर उसके मन में खोंट था. इसलिए उसके अंदर का जानवर जाग उठा.
इसलिए लड़कियों को अपने आस-पास एक घेरा बनाकर रखने की जरूरत है ताकि उनकी तरफ देखने की किसी की हिम्मत न हो सके. बड़े महानगरों की बात अलग है मगर कस्बों और गावों में ऐसा बहुत काम होता है कि किसी अनजान लड़की को कुछ लोग किडनैप करके रेप कर दें. हो सकता है कि मामला कुछ और हो और रिपोर्ट में कोई औऱ बात लिखवाई गई हो.
हम सभी जानते हैं कि जब एक नाबालिग लड़की का किसी लड़के संग अफेयर होता है और वह उसके भाग जाती है तो रिपोर्ट में बहलाफुसलाकर भगा ले जाने और रेप की बात कही जाती है.
असल में कुछ इंसान रूपी दरिंदों को लड़कियों की सिर्फ...
बिहार के कैमूर जिले में एक 14 साल की लड़की को 4 लड़के उठा ले गए. एक लड़का उसका रेप कर रहा था और बाकी के तीन वहीं थोड़ी दूरी पर खड़े होकर यह सब देख रहे थे. आवाज सुनकर हेडमास्टर सुरेंद्र कुमार भास्कर वहां पहुंचा. हेडमास्टर को देख लड़के भाग गए. लड़की को लगा कि वह उसे बचा लेगा मगर 14 साल की खून से लथपथ बच्ची को देखकर हेडमास्टर की नियत बदल गई, उसने भी लड़की के साथ रेप किया...जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो इंसान किस पर भरोसा करे?
लड़की आठवीं क्लास की छात्रा है. घायल बच्ची में हेडमास्टर को हाड़-मांस ही दिखा. एक जीव नहीं जो मदद मांग रही थी. हेडमास्टर ने बच्ची के विश्वास को तोड़ दिया. लड़की के शरीर पर लगी चोट भर भी जाए मगर उसके मन पर लगी चोट कैसे भरेगी?
हे भगवान ये कैसे लोग हैं? पक्का उन्हें तुमने नहीं बनाया होगा. देखा तुम्हारी दुनिया में लोग कैसे पापी हो गए हैं...रेप करने वाला गुरु नहीं दरिंदा है. जो खुद पर काबू न कर सका. वह चाहता तो लड़की को बचा सकता था मगर उसके मन में खोंट था. इसलिए उसके अंदर का जानवर जाग उठा.
इसलिए लड़कियों को अपने आस-पास एक घेरा बनाकर रखने की जरूरत है ताकि उनकी तरफ देखने की किसी की हिम्मत न हो सके. बड़े महानगरों की बात अलग है मगर कस्बों और गावों में ऐसा बहुत काम होता है कि किसी अनजान लड़की को कुछ लोग किडनैप करके रेप कर दें. हो सकता है कि मामला कुछ और हो और रिपोर्ट में कोई औऱ बात लिखवाई गई हो.
हम सभी जानते हैं कि जब एक नाबालिग लड़की का किसी लड़के संग अफेयर होता है और वह उसके भाग जाती है तो रिपोर्ट में बहलाफुसलाकर भगा ले जाने और रेप की बात कही जाती है.
असल में कुछ इंसान रूपी दरिंदों को लड़कियों की सिर्फ एक कमजोरी का इंतजार रहता है, जिसका फायदा उठाकर वे लड़की के जिस्म को नोंचने की कोशिश करते हैं. इसलिए लड़कियों तुम को यही मानों की ये दुनिया एक नर्क है और तुम्हें इसमें से बचकर रहना है.
हेडमास्टर को छात्रा के रूप में अगर अपनी बेटी दिखती, अपनी भांजी दिखती, अपनी भतीजी दिखती तो वह ऐसा नहीं करता. मगर उसने छात्रा में अपनी बच्ची नहीं एक विपरीत लिंग की लड़की दिखी, जिसे उसने अपने हवस का शिकार बना लिया.
हो सकता है कि एक लड़की का किसी लड़के संग अफेयर हो. वह उससे मिलने जाए और वह लड़का अपने दोस्तों को वहां बुला ले. बाद में वे सब मिलकर लड़की का रेप कर दें.
लड़कियों तुम्हारे चारों तरफ गंदगी है और तुम्हें ही इससे बचकर रहना है. इसलिए अगर माएं यह कहती हैं कि बाहर ढींठ बनकर रहो तो उनकी बातों को गौर करो और अपने अंदर की शक्ति को जगाओ. किसी पर ऐसे भरोसा मत करो. किसी पर आंख बंद कर यकीन मत करो. किसी की बातों में मत आओ. किसी के बहकावे में मत बहको.
तुम्हें इस बात को समझना होगा कि लोगों के लिए रेप और महिला अपराध की घटनाएं अब जैसे जिंदगी का हिस्सा हो गईं है, जो हर रोज घटती हैं मगर किसी को समझ नहीं आ रहा कि इसे कैसे रोका जाए? आखिर रेप करने वाले वाले भी तो किसी के बेटे औऱ भाई होंगे. कोई मां-बाप अपने बेटों से यह नहीं कहता कि तुम किसी लड़की का रेप कर दो फिर वे ऐसी घिनौनी हरकत कर कैसे देते हैं?
अगर आज तुम्हारे मन में तुम्हारी सुरक्षा को लेकर डर है तो अब अपनी रक्षा की जिम्मेदारी तुम्हें खुद ही लेनी होगी. तुम्हें अकेले बाहर निकलने में डर लगता है. मगर जब तुम्हारे साथ गलत करने वाले तुम्हारे अपने लोग हों तो? ऐसे में तुम कहां जाओगी? ऐसी कौन सी जगह है जो तुम्हारे लिए सुरक्षित है? शायद कोई नहीं, इसलिए तुम्हें ही संभलकर अपनी रक्षा करनी होगी. तुम सही रहोगी तो सब सही रहेगा, इसलिए अपने आस-पास एक दायरा बना लो जिसे चाहकर भी कोई पार न कर पाए.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.