कोरोना वायरस (corona virus) से ठीक होने के बाद कोई दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम तो नहीं होगी? इस महामारी से जुड़े ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में पैदा हो रहे हैं. साथ ही वैज्ञानिक लगातार ऐसे सवालों के जवाब खोजने में लगे हुए हैं और कई रिसर्च कर रहे हैं. हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों को अपनी रिसर्च में कुछ ऐसा पता चला है जो काफी गंभीरता से ध्यान देने वाली बात है.
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से रिकवर हो जाने वाले पेशेंट को लापरवाही (oxygen problems) बरतने की गलती बिल्कुल नहीं करनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि रिसर्च में पता चला है कि कोरोना से रिकवर हो जाने वाले पेशेंट्स को हार्ट (heart attack) से जुड़ी प्रॉब्लम पैदा हो सकती है. ऐसे में हार्ट अटैक आने की संभावना पैदा हो सकती है.
वैज्ञानिकों ने यह बात इसलिए कही क्योंकि भारत सहित दुनियाभर में कई कोरोना पेशेंट्स (Corona patience) के ठीक हो जाने के बाद ब्लड क्लॉट और हार्ट से जुड़ी प्रॉब्लम्स देखी गई हैं. ऐसे में पेशेंट की जान भी जा सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से रिकवर होने के बाद एक बार हार्ट का चेकअप करवा लें, ताकि यह पता चल सके कि कोरोना की वजह से आपके हार्ट पर कितना बुरा असर पड़ा है. ऐसा नहीं किया गया तो आपकी स्थिति गंभीर भी हो सकती है.
ऊपर दी गई जानकारी को पढ़ने के बाद आपको घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि समझदारी से काम लेना है. अगर आप कोरोना से ठीक हुए हैं और आपको पहले से हार्ट से जुड़ी किसी प्रकार की प्रॉब्लम है तो जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह से हार्ट (heart attack in corona) की जांच कराएं. साथ ही वे लोग जिन्हें कोरोना पॉजिटिव होने के दौरान चेस्ट में पेन हो रहा था, उन्हे भी...
कोरोना वायरस (corona virus) से ठीक होने के बाद कोई दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम तो नहीं होगी? इस महामारी से जुड़े ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में पैदा हो रहे हैं. साथ ही वैज्ञानिक लगातार ऐसे सवालों के जवाब खोजने में लगे हुए हैं और कई रिसर्च कर रहे हैं. हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों को अपनी रिसर्च में कुछ ऐसा पता चला है जो काफी गंभीरता से ध्यान देने वाली बात है.
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से रिकवर हो जाने वाले पेशेंट को लापरवाही (oxygen problems) बरतने की गलती बिल्कुल नहीं करनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि रिसर्च में पता चला है कि कोरोना से रिकवर हो जाने वाले पेशेंट्स को हार्ट (heart attack) से जुड़ी प्रॉब्लम पैदा हो सकती है. ऐसे में हार्ट अटैक आने की संभावना पैदा हो सकती है.
वैज्ञानिकों ने यह बात इसलिए कही क्योंकि भारत सहित दुनियाभर में कई कोरोना पेशेंट्स (Corona patience) के ठीक हो जाने के बाद ब्लड क्लॉट और हार्ट से जुड़ी प्रॉब्लम्स देखी गई हैं. ऐसे में पेशेंट की जान भी जा सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से रिकवर होने के बाद एक बार हार्ट का चेकअप करवा लें, ताकि यह पता चल सके कि कोरोना की वजह से आपके हार्ट पर कितना बुरा असर पड़ा है. ऐसा नहीं किया गया तो आपकी स्थिति गंभीर भी हो सकती है.
ऊपर दी गई जानकारी को पढ़ने के बाद आपको घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि समझदारी से काम लेना है. अगर आप कोरोना से ठीक हुए हैं और आपको पहले से हार्ट से जुड़ी किसी प्रकार की प्रॉब्लम है तो जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह से हार्ट (heart attack in corona) की जांच कराएं. साथ ही वे लोग जिन्हें कोरोना पॉजिटिव होने के दौरान चेस्ट में पेन हो रहा था, उन्हे भी डॉक्टर से बात करके बिना समय गवाएं हार्ट की जांच करानी चाहिए.
विशेषज्ञों का मानना है कि जांच के जरिए पता लगाया जा सकता है कि कोरोना का आपके हृदय के मसल्स पर क्या असर हुआ है. समय पर जांच कराने से आप हार्ट फेलियर जैसी गंभीर समस्या से बचे रह सकते हैं.
अब हम आपको हार्ट फेल (heart attack fail) होने के कुछ संकेत बता रहे हैं. अगर ये संकेत किसी भी कोरोना पेशेंट के ठीक होने के बाद उसमें दिखाई दें तो बिना लापरवाही किए डॉक्टर से इलाज कराएं.
-अगर पेशेंट (corona patient) को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, कमजोरी और थकान भी महसूस हो रही है तो डॉक्टर से सलाह लें.
-इसके साथ ही पैरों में सूजन और टखनों में दर्द हो तो यह हार्ट फेलियर (heart fail) का संकेत हो सकता है.
-हार्ट बीट (heart beat) तेज हो जाना हो जाना और एक्सरसाइज करने में दिक्कत आना.
-लगातार कई दिनों तक खांसी (cough problem) चलना और भूख की कमी आना.
-साथ ही वजन और पेशाब करने की इच्छा बढ़ जाना हार्ट फेलियर (corona attack on heart) का संकेत हो सकता है.
यहां बताए गए संकेतों में से कुछ संकेत अगर कोरोना से रिकवर (post covid) होने के बाद नजर आएं, तो इन्हें गंभीरता से लें, ताकि पेशेंट को सही समय पर सही ट्रीटमेंट मिल सके.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.