'ऐ दिल ए नादाँ तुझे हुआ क्या है आख़िर इस दर्द की दवा क्या है?' मिर्ज़ा गालिब की ये गजल वाकई बेहद सुकून भरी है, लेकिन ये गजल एक तरह से देखा जाए तो प्यार और दूसरी तरह से देखा जाए तो दिल की बीमारी की ओर इशारा कर रही है. आए दिन कोई न कोई ऐसा किस्सा सुनने को मिल जाता है जहां किसी पहचान के व्यक्ति को दिल की बीमारी हो गई है या दिल काफी कमज़ोर हो गया है. अक्सर ये सुनने को मिलता है कि इतनी कम उम्र में ये बीमारी क्यों हो गई, या फिर अचानक क्या हो गया? लेकिन यकीन मानिए कोई बड़ी बीमारी दबे पांव जरूर आती है, लेकिन कुछ भी अचानक नहीं होता. किसी बड़ी बीमारी से पहले हमारा शरीर हमें कुछ संकेत देता है.
जैसे हम हमेशा सीने के दर्द को हार्ट अटैक से जोड़कर देखते हैं, लेकिन अगर महिलाओं की बात करें तो ऐसा जरूरी नहीं है कि हार्ट अटैक के वक्त उन्हें सीने में दर्द ही हो. उन्हें चेस्ट में जलन या फिर प्रेशर और एंग्जाइटी जैसे लक्षण दिखेंगे. तो किस तरह के लक्षण बताते हैं कि हमारा दिल कमजोर होने वाला है?
1. थकान..
थकान का मतलब ये नहीं कि बहुत काम या वर्कआउट करने के बाद होने वाली थकान को आप गलत समझ लें. यहां बात लंबे वक्त तक बनी रहने वाली थकान की हो रही है. ये लक्षण महिला और पुरुष दोनों में दिखता है, रोजमर्रा के काम जैसे सोने के लिए बिस्तर तैयार करना, बाथरूम तक चलकर जाना या थोड़ा मार्केट में चल लेना उससे भी थकान बनी हुई है और नींद में खलल पड़ रहा है तो चिंता का विषय है.
2. सांस फूलना और जल्दी पसीना आना..
आम तौर पर किसी को ये तो समझ आ ही जाएगा कि कब उसका शरीर ज्यादा थकता है और कितने व्यायाम के बाद पसीना आता है. पर अगर अक्सर ऐसा होने लगे तो खतरे की घंटी...
'ऐ दिल ए नादाँ तुझे हुआ क्या है आख़िर इस दर्द की दवा क्या है?' मिर्ज़ा गालिब की ये गजल वाकई बेहद सुकून भरी है, लेकिन ये गजल एक तरह से देखा जाए तो प्यार और दूसरी तरह से देखा जाए तो दिल की बीमारी की ओर इशारा कर रही है. आए दिन कोई न कोई ऐसा किस्सा सुनने को मिल जाता है जहां किसी पहचान के व्यक्ति को दिल की बीमारी हो गई है या दिल काफी कमज़ोर हो गया है. अक्सर ये सुनने को मिलता है कि इतनी कम उम्र में ये बीमारी क्यों हो गई, या फिर अचानक क्या हो गया? लेकिन यकीन मानिए कोई बड़ी बीमारी दबे पांव जरूर आती है, लेकिन कुछ भी अचानक नहीं होता. किसी बड़ी बीमारी से पहले हमारा शरीर हमें कुछ संकेत देता है.
जैसे हम हमेशा सीने के दर्द को हार्ट अटैक से जोड़कर देखते हैं, लेकिन अगर महिलाओं की बात करें तो ऐसा जरूरी नहीं है कि हार्ट अटैक के वक्त उन्हें सीने में दर्द ही हो. उन्हें चेस्ट में जलन या फिर प्रेशर और एंग्जाइटी जैसे लक्षण दिखेंगे. तो किस तरह के लक्षण बताते हैं कि हमारा दिल कमजोर होने वाला है?
1. थकान..
थकान का मतलब ये नहीं कि बहुत काम या वर्कआउट करने के बाद होने वाली थकान को आप गलत समझ लें. यहां बात लंबे वक्त तक बनी रहने वाली थकान की हो रही है. ये लक्षण महिला और पुरुष दोनों में दिखता है, रोजमर्रा के काम जैसे सोने के लिए बिस्तर तैयार करना, बाथरूम तक चलकर जाना या थोड़ा मार्केट में चल लेना उससे भी थकान बनी हुई है और नींद में खलल पड़ रहा है तो चिंता का विषय है.
2. सांस फूलना और जल्दी पसीना आना..
आम तौर पर किसी को ये तो समझ आ ही जाएगा कि कब उसका शरीर ज्यादा थकता है और कितने व्यायाम के बाद पसीना आता है. पर अगर अक्सर ऐसा होने लगे तो खतरे की घंटी है. लगातार आंखों के आगे अंधेरा छाना, सांस फूलना और उसके साथ पसीना आना दिन की बीमारी का संकेत है. ये अक्सर होना बुरी बात है और ऐसे में अगर चेस्ट पेन या हार्ट बर्न जैसी समस्या भी बनी हुई है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
अगर किसी को एकदम से ठंडा पसीना आने लगा है और दिए गए लक्षणों से कोई भी एक लक्षण है तो यकीनन ये चिंता की बात है और कई मामलों में तो ये हार्ट अटैक का लक्षण है.
3. गले, जबड़े, पीठ और हाथ का दर्द..
हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण बाएं हाथ का दर्द माना जाता है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि दिल की समस्या को सिर्फ बाएं हाथ के दर्द से ही देखा जाए. खासतौर पर महिलाओं में ये किसी भी तरफ हो सकता है.
इसके अलावा, अगर लगातार गले के पीछे, जबड़े में या पीठ में दर्द बना हुआ है तो ये खतरे की घंटी है. अगर किसी एक जगह दर्द बार-बार दर्द हो रहा है और ये समझ नहीं आ रहा कि कौन सी मांसपेशी इसके लिए जिम्मेदार है या यूं कहें कि दर्द शिफ्ट हो रहा है तो भी ये चिंता की बात है. ये दर्द अचानक होता है इसके लिए किसी चोट का या किसी व्यायाम का जिम्मेदार होना जरूरी नहीं है.
4. छाती में दबाव..
ये अक्सर तब होता है जब दिल की किसी धमनी या आर्टरी में ब्लॉकेज होने लगता है. हर कोई इस भावना को अलग तरीके से समझाता है. किसी को लगता है कि जैसे सीने में जलन हो रही है, एसिडिटी जैसी फीलिंग है, किसी को चुभन महसूस होती है तो किसी को लगता है कि सीने पर कोई भारी सामान रखा हुआ है. पर अगर दिल की बीमारी से जुड़ी बात है तो छाती में कुछ न कुछ जरूर महसूस होगा. भले ही ये एंग्जाइटी जैसा ही क्यों न लगे. जरूरी नहीं है कि किसी दर्द से ही आप दिल की बीमारी का संकेत लें, बिना दर्द भी ये हो सकता है.
5. चक्कर आना और आंखों के आगे अंधेरा छाना..
अगर किसी ने सुबह से कुछ खाया नहीं है, ज्यादा धूम लिए हैं, ज्यादा काम कर लिया है और ऐसा हो रहा है तो ये नॉर्मल है. पर अगर कोई बिलकुल आराम से खड़े या बैठे हुए हैं और ऐसा होता है. बार-बार होता है तो चिंता की बात है. अक्सर ब्लड प्रेशर के मरीजों के साथ ऐसा होता है क्योंकि दिल ठीक तरह से खून पंप नहीं कर पाता. अगर समस्या ज्यादा बार समझ आ रही है तो डॉक्टर से तुरंत मिलें क्योंकि ये आपके दिल का आपको संकेत भी हो सकता है.
6. खर्राटे..
अगर कोई आम तौर पर खर्राटे लेता है तो ये कोई गलत बान नहीं है, ये साइनस भी हो सकता है, लेकिन खर्राटे से ये समझ आता है कि कहीं दिल की बीमारी तो नहीं. अगर किसी के खर्राटे बदल गए हैं और खर्राटे लेते समय ऐसी आवाज़ आ रही है जैसे कोई चोक हो रहा हो या फिर सांस लेने में दिक्कत समझ आ रही है तो ये स्लीप एप्निया (Sleep Apnea) हो सकता है, ऐसा होने पर दिल पर स्ट्रेस ज्यादा पड़ता है. ऐसे में दिल के कमज़ोर होने की गुंजाइश बढ़ सकती है.
7. पैर, तलवे आदि में सूजन..
ये एक ऐसा लक्षण है जिससे समझ आता है कि आपके दिल को जैसे खून पंप करना चाहिए वैसे नहीं कर रहा है. जब दिल एकदम सही से खून पंप नहीं कर पाता तो इससे मांसपेशियों में सूजन आ जाती है.
दिल के ठीक से काम न करने का असर किडनी पर भी पड़ता है और वो भी अपना काम सही से नहीं कर पाती. इसलिए पैरों में सूजन हो जाती है.
8. दिल की धड़कन का तेज़ होना..
ये आम बात है कि अगर दिल की धड़कन जोश में आकर बढ़ रही है या एक्सरसाइज करने के बाद बढ़ रही है, या डर के कारण बढ़ रही है, लेकिन अगर किसी को ये लगता है कि उसके दिल की धड़कन आम तौर पर कई बार तेज़ हो रही है और ये कुछ सेकंड्स से ज्यादा समय के लिए है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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