कुछ समय पहले ही ब्लू व्हेल गेम चर्चा में आया था, जिसमें बच्चे गेम खेलते-खलते उसकी आखिरी स्टेज में आत्महत्या कर लेते थे. अब एक नया गेम सामने आया है, जिसमें बच्चे खुद की नहीं, बल्कि दूसरों की जान लेते हैं. इस गेम का नाम है हाई स्कूल गैंगस्टर क्रिमिनल गेम. इस गेम का पता चला है हाल ही में ग्रेटर नोएडा में हुए हत्याकांड से. जहां एक 16 साल के लड़के पर शक है कि उसने अपनी मां और बहन की हत्या की है. जो इस खूंखार गेम को खेलने का आदी था.
क्या होता है इस गेम में?
हाई स्कूल गैंगस्टर क्रिमिनल गेम का हीरो लड़कियों को फ्लाइंग किस देता है, दोस्तों के टिफिन से खाना चुराता है, टेस्ट पेपर चोरी करता है, अध्यापक को कागज फेंककर मारता है और दूसरे बच्चों को तंग करने जैसे काम करता है. अगर कोई उसे रोकने की कोशिश करता है तो बच्चा उसकी हत्या भी कर देता है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस गेम का बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ा हो और उसने ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया हो.
बुली गेम को किया गया था ब्लॉक
कुछ समय पहले एक वीडियो गेम 'बुली' भी चर्चा में आया था. इस गेम का हीरो था जिम्मी, जिसने देखा कि स्कूल में बहुत से ऐसे लोग हैं जो दूसरों को मारते-पीटते हैं. जिम्मी इस गेम में स्कूल में शांति लाने की कोशिश करता है. शुरुआत में तो इस गेम को पसंद किया गया, लेकिन इस गेम में स्कूल में मार-पीट जैसी चीजों पर बाद में सवाल उठने लगे. कई देशों ने तो इस गेम को अपने देश में बैन भी कर दिया.
कुछ समय पहले एक वीडियो गेम 'बुली' भी चर्चा में आया था. इस गेम का हीरो था जिम्मी, जिसने देखा कि स्कूल में...
कुछ समय पहले ही ब्लू व्हेल गेम चर्चा में आया था, जिसमें बच्चे गेम खेलते-खलते उसकी आखिरी स्टेज में आत्महत्या कर लेते थे. अब एक नया गेम सामने आया है, जिसमें बच्चे खुद की नहीं, बल्कि दूसरों की जान लेते हैं. इस गेम का नाम है हाई स्कूल गैंगस्टर क्रिमिनल गेम. इस गेम का पता चला है हाल ही में ग्रेटर नोएडा में हुए हत्याकांड से. जहां एक 16 साल के लड़के पर शक है कि उसने अपनी मां और बहन की हत्या की है. जो इस खूंखार गेम को खेलने का आदी था.
क्या होता है इस गेम में?
हाई स्कूल गैंगस्टर क्रिमिनल गेम का हीरो लड़कियों को फ्लाइंग किस देता है, दोस्तों के टिफिन से खाना चुराता है, टेस्ट पेपर चोरी करता है, अध्यापक को कागज फेंककर मारता है और दूसरे बच्चों को तंग करने जैसे काम करता है. अगर कोई उसे रोकने की कोशिश करता है तो बच्चा उसकी हत्या भी कर देता है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस गेम का बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ा हो और उसने ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया हो.
बुली गेम को किया गया था ब्लॉक
कुछ समय पहले एक वीडियो गेम 'बुली' भी चर्चा में आया था. इस गेम का हीरो था जिम्मी, जिसने देखा कि स्कूल में बहुत से ऐसे लोग हैं जो दूसरों को मारते-पीटते हैं. जिम्मी इस गेम में स्कूल में शांति लाने की कोशिश करता है. शुरुआत में तो इस गेम को पसंद किया गया, लेकिन इस गेम में स्कूल में मार-पीट जैसी चीजों पर बाद में सवाल उठने लगे. कई देशों ने तो इस गेम को अपने देश में बैन भी कर दिया.
कुछ समय पहले एक वीडियो गेम 'बुली' भी चर्चा में आया था. इस गेम का हीरो था जिम्मी, जिसने देखा कि स्कूल में बहुत से ऐसे लोग हैं जो दूसरों को मारते-पीटते हैं. जिम्मी इस गेम में स्कूल में शांति लाने की कोशिश करता है. शुरुआत में तो इस गेम को पसंद किया गया, लेकिन इस गेम में स्कूल में मार-पीट जैसी चीजों पर बाद में सवाल उठने लगे. कई देशों ने तो इस गेम को अपने देश में बैन भी कर दिया.
सिटी हाई स्कूल रिवेंज...
ये गेम भी कुछ-कुछ हाईस्कूल गैंगस्टर क्रिमिनल जैसा ही है. इस गेम में भी बच्चे हाईस्कूल में हिंसा को अंजाम देते हैं. प्लॉट भी कुछ-कुछ वैसा ही है. इसमें बच्चे सिक्योरिटी गार्ड से भी बचकर भागते हैं. हिंसा कम नहीं है...
हाई स्कूल ईवल टीचर (Evil Teacher)
इस गेम में स्कूल के अंदर एक दुष्ट टीचर होता है जिसे बच्चों को परेशान करे और फिजिकल पनिशमेंट देने में मजा आता है. कुछ बच्चे भी टीचर का साथ देते हैं और कई मासूम बच्चों पर अत्याचार करते हैं.
हाई स्कूल गैंगस्टर्स रॉबरी...
इस गेम में बच्चों को हाई स्कूल में पढ़ने वाला गैंगस्टर बनना होता है. एक रॉबरी प्लान करनी होती है और शहर की पुलिस से बचना होता है. इस गेम में चोरी भी होती है , बंदूकें भी चलती हैं और पूरे शहर में जुर्म भी होते हैं.
माता-पिता के लिए सलाह:
-मोबाइल अब सबकी जरूरत है, ऐसे में बच्चों को इससे दूर नहीं रखा जा सकता है. लेकिन हां, इसके उपयोग को नियंत्रित जरूर किया जा सकता है.
-अपने बच्चोंक से बात करें. यदि वे 16 या 18 साल के हो रहे हैं तो उन्हीं से पूछें कि क्यार उन्हें किसी ऐसे गेम की जानकारी है, जिसमें खूनखराबा दिखाया जा रहा है.
- इससे बच्चों में भरोसा बढ़ेगा और वे खुद ही ऐसे किसी गेम के आदी होने से बचेंगे.
- यदि किसी को ये लगता है कि उनका बच्चा मोबाइल पर ज्यादा वक्त दे रहा है. और वह हमेशा किसी खास गेम को खेलता है तो उससे उसके बारे में पूछें.
- यदि वह किसी खतरनाक दिखने वाले गेम का पसंद करता है तो उससे आग्रह करें कि वह ऐसा न करें. जरूरत पड़ने पर उसकी विशेषज्ञों से काउंसलिंग कराएं.
- अपने बच्चे के दोस्तों से बात करते रहें. ताकि उसके व्यावहार में आ रहे किसी भी बदलाव का पता चलता रहे.
- बात हाथ से निकले, उससे पहले ही बात को संभाल लेने में समझदारी है.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.