वैलेंटाइन वीक चल रहा है, ऐसा सप्ताह जिसका किसी भी बॉय और गर्ल को बेसब्री से इन्तेजार रहता है. एक रिलेशनशिप में ये एक ऐसा सप्ताह है जो प्यार करने वाले दो लोगों के नाम है. हालांकि होने को तो ये पूरा सप्ताह ही खास है. मगर जो चीज इस वीक को सबसे खास बनाती है वो है प्रेमी प्रेमिका को एक दूसरे से मिलने वाले गिफ्ट्स. बात जब गिफ्ट्स पर चल रही हो तो हमें गलती से भी चॉकलेट को भूलने या उसे नकारने की गलती नहीं करनी चाहिए. हमसे भी पहले हमारे जो सीनियर्स थे और जिन्होंने प्यार किया था, उन्होंने कहा है कि प्यार के मार्ग में चॉकलेट को नकारना प्यार जैसे रिश्ते के साथ एक बड़ी बेमानी है.
अब जब प्यार के मार्ग में, चॉकलेट की भूमिका को नकारना लगभग असंभव है तो ऐसे में, शायद ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं हो कि प्यार में पड़े दो लोगों के बीच चॉकलेट किसी पुल की तरह काम करती हैं. प्रायः ये देखा गया है कि एक दूसरे को चॉकलेट गिफ्ट करते हुए प्रेमी और प्रेमिका का यही प्रयास रहता है कि उनके संबंधों में मिठास बनी रहे और वो जीवन भर खुश रहें.
चूंकि आज चॉकलेट डे है तो ऐसे में हमारे लिए ये जानने का प्रयास करना स्वाभाविक था कि दो प्यार करने वालों के बीच चॉकलेट आई कहाँ से? इसका इतिहास क्या था? कब पहली बार एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका या प्रेमिका ने अपने प्रेमी को चॉकलेट दी? चॉकलेट को लेकर हमारे मन में कई प्रश्न थे जिनके जवाब आश्चर्य में डालने वाले थे.
तकरीबन 4 हजार साल पुरानी है चॉकलेट
हम सब की फेवरेट चॉकलेट कोई आज की नहीं है. इसकी हिस्ट्री में ढेर सारी मिस्ट्री है. चॉकलेट का इतिहास 1900 ईसा पूर्व का है और इसके अंश आज के मैक्सिको के आस-पास के इलाकों में रहने वाले प्री-ओल्मेक सभ्यता से...
वैलेंटाइन वीक चल रहा है, ऐसा सप्ताह जिसका किसी भी बॉय और गर्ल को बेसब्री से इन्तेजार रहता है. एक रिलेशनशिप में ये एक ऐसा सप्ताह है जो प्यार करने वाले दो लोगों के नाम है. हालांकि होने को तो ये पूरा सप्ताह ही खास है. मगर जो चीज इस वीक को सबसे खास बनाती है वो है प्रेमी प्रेमिका को एक दूसरे से मिलने वाले गिफ्ट्स. बात जब गिफ्ट्स पर चल रही हो तो हमें गलती से भी चॉकलेट को भूलने या उसे नकारने की गलती नहीं करनी चाहिए. हमसे भी पहले हमारे जो सीनियर्स थे और जिन्होंने प्यार किया था, उन्होंने कहा है कि प्यार के मार्ग में चॉकलेट को नकारना प्यार जैसे रिश्ते के साथ एक बड़ी बेमानी है.
अब जब प्यार के मार्ग में, चॉकलेट की भूमिका को नकारना लगभग असंभव है तो ऐसे में, शायद ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं हो कि प्यार में पड़े दो लोगों के बीच चॉकलेट किसी पुल की तरह काम करती हैं. प्रायः ये देखा गया है कि एक दूसरे को चॉकलेट गिफ्ट करते हुए प्रेमी और प्रेमिका का यही प्रयास रहता है कि उनके संबंधों में मिठास बनी रहे और वो जीवन भर खुश रहें.
चूंकि आज चॉकलेट डे है तो ऐसे में हमारे लिए ये जानने का प्रयास करना स्वाभाविक था कि दो प्यार करने वालों के बीच चॉकलेट आई कहाँ से? इसका इतिहास क्या था? कब पहली बार एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका या प्रेमिका ने अपने प्रेमी को चॉकलेट दी? चॉकलेट को लेकर हमारे मन में कई प्रश्न थे जिनके जवाब आश्चर्य में डालने वाले थे.
तकरीबन 4 हजार साल पुरानी है चॉकलेट
हम सब की फेवरेट चॉकलेट कोई आज की नहीं है. इसकी हिस्ट्री में ढेर सारी मिस्ट्री है. चॉकलेट का इतिहास 1900 ईसा पूर्व का है और इसके अंश आज के मैक्सिको के आस-पास के इलाकों में रहने वाले प्री-ओल्मेक सभ्यता से जुड़ते हैं. पहले इसे कोको के पेड़ों में देखा गया और यहीं से चॉकलेट बनाने की शुरुआत हुई. आपको बताते चलें कि पहले इसे खाया नहीं बल्कि पिया जाता था और स्वाद की दृष्टि से ये बेहद कड़वी और तीखी होती थी.
किसी मुद्रा की तरह हुआ चॉकलेट का इस्तेमाल
आज की तरह पूर्व में भी चॉकलेट कितनी महत्वपूर्ण थी इसे इस बात से समझा जा सकता है कि 14वीं शताब्दी एज्टेक सभ्यता के लोग इसका इस्तेमाल मुद्रा की तरह करते थे और इससे चीजों की खरीद फरोख्त होती थी.
जब चॉकलेट को कहा गया "ईश्वर का भोजन"
शायद आपको जानकार आश्चर्य हो मगर प्राचीन माया सभ्यता के लोगों के बीच ये धारणा थी कि कोको को भगवान ने एक वरदान की तरह दिया है. लोग इसकी पूजा करते और उसे ईश्वर का भोजन मानते हुए इसका आदर करते.
सिर्फ "ऊंचे" कुल के लोगों को थी चॉकलेट के इस्तेमाल की इजाजत
आज भले ही राजा से लेकर रंक तक कोई भी चॉकलेट को खा सकता है. मगर पहले ऐसा बिल्कुल भी नहीं था प्राचीन माया सभ्यता के अनुसार चॉकलेट को शासकों, योद्धाओं, पुजारियों और उच्चकुलीन लोगों के उपभोग की चीज समझा जाता था और केवल इन्हें ये अधिकार था कि वो इसका इस्तेमाल करें. बताया जाता है कि कोई निम्न वर्ग का व्यक्ति अगर इसे खाता था तो माया समाज उसे कठोर दंड देता था.
एक कड़वी ड्रिंक से मीठे तक का सफर
जैसा कि हम बता चुके हैं अपने शुरुआती दौर में चॉकलेट का टेस्ट बेहद कड़वा था. जिसे बाद में रोस्ट कर पीसा गया और इसमें पानी, वनीला, शहद, मिर्च और दूसरे मसाले डालकर इसका स्वाद बदला गया. पूर्व में इसे शाही पेय समझा जाता था और इसका इस्तेमाल खास मौकों पर ही किया जाता था.
चॉकलेट से करते थे इलाज
प्राचीन माया सभ्यता में न सिर चॉकलेट पवित्र थी बल्कि इसका इस्तेमाल भयंकर बीमारीयों के निदान के लिए भी किया जाता था. बताया जाता है कि इसके इस्तेमाल से युद्ध में घायल सिपाहियों के जख्म तक भरे जाते थे.
राजा को इतना बुरा लगा टेस्ट की उसने कहा इसे सूअरों को पिलाओ
बताया जाता है कि अपने आगमन पर स्पेन के एक खोजी हर्नेन्डो कोर्टेस ने इसे राजा मॉन्तेज़ुमा को गिफ्ट किया. जब राजा ने पहली बार चॉकलेट को टेस्ट किया तो उसे इसका स्वाद बेहद कड़वा और इसकी महक बदबूदार लगी. इसे पीकर राजा मॉन्तेज़ुमा को इतना गुस्सा आया कि उसने इसे सुअरों के लिए पीने वाला कड़वा पेय कहा.
खैर ये तो बात हो गयी चॉकलेट के इतिहास और भूगोल की मगर इसके अलावा भी कई रोचक मिथक है जो चॉकलेट से जुड़े हैं और लगातार लोगों के बीच रिसर्च का विषय बने हुए हैं. अब चूंकि बात चॉकलेट से जुड़ी है तो आइये एक नजर चॉकलेट से जुड़े इन मिथकों पर भी डाल लेते हैं.
चॉकलेट नहीं खाना चाहिए इसमें कैफीन होता है
जो लोग चॉकलेट नहीं पसंद करते हैं उनके पास इसे नापसंद करने के अपने अलग कारण हैं. ऐसे लोगों के बीच मान्यता है कि चॉकलेट का सेवन इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें अत्याधिक कैफीन होता है. यदि आप एक 1.4 ऑन्स का चॉकलेट का बार खा रहे हैं तो आप केवल 6 एमजी कैफीन ले रहे हैं जबकि आपका एक कॉफी का कप आपको 65 से 135 एमजी कैफीन दे रहा है.
चॉकलेट में सैचुरेटेड फैट होता है जिससे कॉलेस्ट्रोल बढ़ता है
यदि अब तक आप ये सुनते आए हैं कि चॉकलेट में "सैचुरेटेड फैट होता है और इससे कॉलेस्ट्रोल बढ़ता है तो अब आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. इस कथन को कई सारे शोध ने खारिज कर दिया है और माना है कि ये मिथक है. शोधकर्ताओं के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति 1.4 ऑन्स चॉकलेट रोजाना खा रहा है तो इससे उसका गुड कॉलेस्ट्रोल सही रहता है.
चॉकलेट मत खाओ इसमें कोई पोषक तत्व नहीं होते
चॉकलेट को लेकर एक बड़ा मिथक ये भी है कि इसे इसलिए भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें भी तरह का कोई पोषक तत्व नहीं होता. इस कथन के विपरीत सच्चाई ये है कि चॉकलेट मैग्नीशियम, कॉपर , आयरन और जिंक का सबसे बेहतर सोर्स है और इसमें कई ऐसे तत्व है जो मानव शरीर को अन्य बीमारियों से लड़ने की शक्ति देते हैं.
चॉकलेट से वेट गेन होता है.
होने को तो हर उस चीज से मानव शरीर का वजन बढ़ता है जिसका हम अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं. चॉकलेट के बारे में फैलाया गया ये मिथक कि इसके इस्तेमाल से वजन बढ़ता है पूर्णतः झूठ है. शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि व्यक्ति सही मात्रा में इसका सेवन करें तो ये वेट को स्टेबल करता है.
तो ये हो गयीं चॉकलेट और उससे जुड़ी बातें आशा है कि अब आप भविष्य में जब भी चॉकलेट खरीदेंगे तो इस बात को याद रखेंगे कि कोको से चॉकलेट बनने में कई सदियां लगी हैं. अब जाहिर सी बात है जिस चीज को बनने में लम्बा वक़्त लगा हो उसका स्वाद तो जीभ गीली करने वाला होगा ही.
ये भी पढ़ें -
चॉकलेट, ज्वालामुखी और डार्क फैंटेसी
चॉकलेट खाने के 1 घंटे के अंदर शरीर में होता है ये सब...
Chocolate day : हमारे जमाने में तो चॉकलेट की खदानें हुआ करती थीं
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.