हिंदुस्तान अपनी आबादी के मामले में जल्द ही चीन को भी पीछे छोड़ देगा. ये कहना है कई रिपोर्ट्स का जो ये दावा करती हैं कि जल्दी ही भारत सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा. ये शायद कुछ हद तक सही भी है. चीन की जनसंख्या भारत के मुकाबले काफी धीमी गति से बढ़ रही है.
पर अगर ये पूछा जाए कि भारत की जनसंख्या में किस जाति के लोग ज्यादा तेज़ी से बढ़ रहे हैं और किसके कम तो? इसी तरह की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें साफ किया गया है कि भारत में महिलाओं का टोटल फर्टिलिटी रेट (TFR) कम हो गया है.
हिंदुओं और मुस्लिम के अलावा, बाकी धर्मों में ये रेट इस कदर कम हो रहा है कि आने वाले समय में इन धर्मों की संख्या मौजूदा संख्या से भी कम हो जाएगी.
क्या हो गया है फर्टिलिटी रेट...
हिंदुओं का फर्टिलिटी रेट जो 2004-05 में 2.8 था वो अब 2.1 हो गया है. इसी जगह मुस्लिमों का फर्टिलिटी रेट 3.4 से गिरकर 2.6 हो गया है. ये डेटा नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) 2015-16 का है जो हाल ही में सार्वजनिक किया गया है.
किन धर्मों का सबसे कम फर्टिलिटी रेट है...
1.2 बच्चे प्रति जोड़े के हिसाब से सबसे कम फर्टिलिटी रेट जैन धर्म में है. यहां बच्चों की और महिलाओं की शिक्षा सबसे ज्यादा है. इसके बाद सिख धर्म है जहां फर्टिलिटी रेट 1.6 है. बौद्ध धर्म में ये 1.7 है और इसाई धर्म में 2. भारत का औसत टोलट फर्टिलिटी रेट 2.2 है.
ये फर्टिलिटी रेट अभी भी हम दो हमारे दो के आंकड़े से ज्यादा है, लेकिन फिर भी अगर देखा जाए तो दो धर्मों को छोड़कर ये बाकी धर्मों में बच्चों की संख्या तेज़ी से कम हो रही है.