भारत में 86 करोड़ लोग काम करते हैं यानी 15 से 64 साल की उम्र के बीच वाले लोग जो काम कर रहे हैं. भारत दुनिया में सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले देशों में से एक है. अब देखा जाए तो ये आबादी जब बूढ़ी होगी तो हमारे देश में ऐसे लोगों की संख्या बहुत बढ़ जाएगी.
रिटायरमेंट और सेविंग्स को लेकर भारत में नियम थोड़ा अजीब है. यहां अपने रिटायरमेंट और पेंशन की चिंता कम ही होती है लोगों को. घर है बेटा है तो क्या जरूरत वही संभालेगा हमारा आने वाला कल, लेकिन आज के समय में क्या इसे ही रिटायरमेंट पॉलिसी मान लेना सही है?
भारत में रिटायरमेंट पॉलिसी कुछ ऐसी हैं कि अगर आपने खुद के लिए इन्वेस्ट नहीं किया है तो आप 100 रुपए से भी कम में महीना गुजारने पर मजबूर हो जाएंगे.
अब अगर ध्यान दें तो सरकार इंदिरा गांधी ओल्ड एज पेंशन स्कीम के तहत आपको महीने के 200 रुपए मिलेंगे. ये उन सभी भारतीयों को मिलती है जो गरीबी रेखा के नीचे है और 60 साल से ऊपर के हैं. बाकी अगर हम अलग-अलग सरकारी स्कीम को देखें तो किसी भी स्कीम की वैल्यू 2000 रुपए से ज्यादा नहीं है.
पब्लिक पेंशन स्कीम या स्टेट पेंशन स्कीम की बात करें तो भारत में लोगों के लिए काम करने की एज और लाइफस्टाइल को देखें तो बुढ़ापे में अक्सर लोगों को काम करते हुए नहीं देखेंगे. विदेशों में तो बुढ़े होने के बाद भी लोग काम करते रहते हैं और वहां की स्कीम भी भारत की तुलना में बेहतर है.
भारत में क्या है हाल...
सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (CES) ने अगस्त ने नवंबर 2016 में गुजरात और राजस्थान में एक सर्वे किया था. इस स्टडी में 1505 लोगों से बात की गई थी जिनकी उम्र 55 साल से ज्यादा...
भारत में 86 करोड़ लोग काम करते हैं यानी 15 से 64 साल की उम्र के बीच वाले लोग जो काम कर रहे हैं. भारत दुनिया में सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले देशों में से एक है. अब देखा जाए तो ये आबादी जब बूढ़ी होगी तो हमारे देश में ऐसे लोगों की संख्या बहुत बढ़ जाएगी.
रिटायरमेंट और सेविंग्स को लेकर भारत में नियम थोड़ा अजीब है. यहां अपने रिटायरमेंट और पेंशन की चिंता कम ही होती है लोगों को. घर है बेटा है तो क्या जरूरत वही संभालेगा हमारा आने वाला कल, लेकिन आज के समय में क्या इसे ही रिटायरमेंट पॉलिसी मान लेना सही है?
भारत में रिटायरमेंट पॉलिसी कुछ ऐसी हैं कि अगर आपने खुद के लिए इन्वेस्ट नहीं किया है तो आप 100 रुपए से भी कम में महीना गुजारने पर मजबूर हो जाएंगे.
अब अगर ध्यान दें तो सरकार इंदिरा गांधी ओल्ड एज पेंशन स्कीम के तहत आपको महीने के 200 रुपए मिलेंगे. ये उन सभी भारतीयों को मिलती है जो गरीबी रेखा के नीचे है और 60 साल से ऊपर के हैं. बाकी अगर हम अलग-अलग सरकारी स्कीम को देखें तो किसी भी स्कीम की वैल्यू 2000 रुपए से ज्यादा नहीं है.
पब्लिक पेंशन स्कीम या स्टेट पेंशन स्कीम की बात करें तो भारत में लोगों के लिए काम करने की एज और लाइफस्टाइल को देखें तो बुढ़ापे में अक्सर लोगों को काम करते हुए नहीं देखेंगे. विदेशों में तो बुढ़े होने के बाद भी लोग काम करते रहते हैं और वहां की स्कीम भी भारत की तुलना में बेहतर है.
भारत में क्या है हाल...
सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (CES) ने अगस्त ने नवंबर 2016 में गुजरात और राजस्थान में एक सर्वे किया था. इस स्टडी में 1505 लोगों से बात की गई थी जिनकी उम्र 55 साल से ज्यादा है. गुजरात वो राज्य है जो भारत का 10वां सबसे अमीर राज्य है और यहां पेशन योजना में 400 रुपए महीने दिए जाते हैं (अब ये 500 रुपए हो गए हैं.) इसके अलावा, राजस्थान 23वें नंबर का राज्य है और यहां भी 500 रुपए के आस-पास पेंशन दी जा रही है. क्या रहा जनता का फैसला...
इस स्टडी में सामने आया कि..
1. पेंशन की रकम कम से कम 2000 रुपए होनी चाहिए.
2. यूनिवर्सल पेंशन स्कीम होनी चाहिए.
3. 21 साल से बड़े जिनके बेटे हैं वो इस स्कीम के लिए (सिर्फ गुजरात में) एलिजिबल नहीं हैं.
4. 75 साल से ज्यादा लोगों को 750 रुपए प्रति माह मिलते हैं, लेकिन इसका अलॉटमेंट सही तरीके से नहीं होता.
5. राजस्थान में 1875 रुपए तक आपको प्रति माह खर्च करने के लिए चाहिए और गुजरात में 2494 रुपए चाहिए होते हैं. अब ऐसे में पेंशन स्कीम में लोगों की जरूरतों को भी समझने की जरूरत है.
बोलिविया जैसे देश में इकोनॉमी भारत के मुकाबले काफी कम है, लेकिन वहां भी 38$ (लगभग 2400 रुपए) पेंशन स्कीम में मिलते हैं.
अमेरिका में 401(k) रिटायरमेंट प्लान चलता है जहां एक वर्कर इन्वेस्ट करता है, बचत करता है और अपने टैक्स के पेबैक की तरह अपने बुढ़ापे केलिए पेंशन इकट्ठा करता है. आसान भाषा में ये कुछ ऐसा है कि आपके एम्प्लॉयर ने टैक्स काटने से पहले आपकी तनख्वाह में से एक हिस्सा निकाल कर बचत कर देगा और फिर टैक्स काटे जाएंगे. इसे पेंशन स्कीम के तहत माना जाता है. हालांकि, ये हमारे पीएफ से अलग है क्योंकि यहां जो पैसा इन्वेस्ट किया जाता है स्टॉक, बॉन्ड्स, मार्केट में.
भारत में कई तरह की स्कीम चलती हैं जिनमें लोगों को पैसा दिया जाता है और ये भी हम मानते हैं कि लोगों के हिसाब से पूरी तरह से पेंशन पॉलिसी बदली भी नहीं जा सकती हैं, लेकिन अगर देखा जाए तो जो पेंशन स्कीम अभी लागू है वो भी कुछ ऐसी नहीं है कि लोगों का फायदा हो सके.
अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में भारत की 60 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या का बुढ़ापा खराब हो जाएगा.
ये भी पढ़ें-
GST के बाद AC हो सकता है महंगा, अभी कैसे चुने अपने लिए बेस्ट मशीन
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.