कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को बेंगलुरू में इंदिरा कैंटीन का उद्घाटन किया. इस मौके पर राहुल गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की तारीफ करते हुए कहा कि यह गरीबों को सस्ता और अच्छा खाना मुहैया कराने के लिए शुरू किया गया है. ऐसा पहली बार नहीं है इससे पहले तमिलनाडु में अम्मा कैंटीन भी आ चुकी है. इसकी याद खुद राहुल गांधी ने करा दी. जब वो इंदिरा कैंटीन की जगह अम्मा कैंटीन बोल गए.
अब उन्होंने ये गलती कर ही दी है तो अम्मा कैंटीन के बारे में भी जानना जरूरी है. इंदिरा कैंटीन 10 रुपए में भरपेट भोजन कराएगी. अम्मा कैंटीन भी इसी उदेश्य के साथ चल रही है. कर्नाटक को भूख मुक्त बनाने और श्रमिक वर्ग व गरीब प्रवासियों को सस्ती दरों पर भोजन मुहैया कराने के लिए ये दोनों कैंटीन है. लेकिन देखा जाए तो अम्मा कैंटीन से अलग इंदिरा कैंटीन है. क्योंकि इसमें वो सभी चीजें हैं जो अम्मा की थाली में नहीं. आइए जानते हैं अम्मा कैंटीन से इंदिरा कैंटीन क्यों अलग है ?
अम्मा कैंटीन
साल 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री जयाललिता ने अम्मा कैंटीन की शुरुआत की थी. जिसमें बेहद सस्ते दामों में खाना परोसा जाता है. यहां हर रोज हजारों लोग खाना खाने आते हैं. सुबह के नाश्ते के साथ रात के डिनर तक ये कैंटीन सर्व करती है.
· सुबह का नाश्ता (7 बजे से 10 बजे तक) - इडली, एक रुपये और पोंगल राइस, पांच रुपये
· दोपहर का लंच (12 बजे से 3 बजे तक) - सांभर चावल, लेमन राइस, करी पत्ता चावल, पांच रुपये और दही चावल, तीन रुपये
· रात का डिनर (5 बजे से 7:30 बजे तक) - दो चपाती दाल के साथ, तीन रुपये
इंदिरा...
कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को बेंगलुरू में इंदिरा कैंटीन का उद्घाटन किया. इस मौके पर राहुल गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की तारीफ करते हुए कहा कि यह गरीबों को सस्ता और अच्छा खाना मुहैया कराने के लिए शुरू किया गया है. ऐसा पहली बार नहीं है इससे पहले तमिलनाडु में अम्मा कैंटीन भी आ चुकी है. इसकी याद खुद राहुल गांधी ने करा दी. जब वो इंदिरा कैंटीन की जगह अम्मा कैंटीन बोल गए.
अब उन्होंने ये गलती कर ही दी है तो अम्मा कैंटीन के बारे में भी जानना जरूरी है. इंदिरा कैंटीन 10 रुपए में भरपेट भोजन कराएगी. अम्मा कैंटीन भी इसी उदेश्य के साथ चल रही है. कर्नाटक को भूख मुक्त बनाने और श्रमिक वर्ग व गरीब प्रवासियों को सस्ती दरों पर भोजन मुहैया कराने के लिए ये दोनों कैंटीन है. लेकिन देखा जाए तो अम्मा कैंटीन से अलग इंदिरा कैंटीन है. क्योंकि इसमें वो सभी चीजें हैं जो अम्मा की थाली में नहीं. आइए जानते हैं अम्मा कैंटीन से इंदिरा कैंटीन क्यों अलग है ?
अम्मा कैंटीन
साल 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री जयाललिता ने अम्मा कैंटीन की शुरुआत की थी. जिसमें बेहद सस्ते दामों में खाना परोसा जाता है. यहां हर रोज हजारों लोग खाना खाने आते हैं. सुबह के नाश्ते के साथ रात के डिनर तक ये कैंटीन सर्व करती है.
· सुबह का नाश्ता (7 बजे से 10 बजे तक) - इडली, एक रुपये और पोंगल राइस, पांच रुपये
· दोपहर का लंच (12 बजे से 3 बजे तक) - सांभर चावल, लेमन राइस, करी पत्ता चावल, पांच रुपये और दही चावल, तीन रुपये
· रात का डिनर (5 बजे से 7:30 बजे तक) - दो चपाती दाल के साथ, तीन रुपये
इंदिरा कैंटीन:
अब इंदिरा कैंटीन की बात करें तो यह बहुत अलग है. सुबह 7.30 बजे से लेकर रात को 9.30 बजे तक यहां खाना खा सकते हैं, और खाने के मीनू भी अलग रहेगा. आइए जानते हैं.
इंदिरा कैंटीन की खासियत यह है कि इसमें सबसे सस्ता खाना लोगों को मिलेगा. ब्रेकफास्ट से लेकर लंच और डिनर तक सस्ते दाम में मिलेगा. इस कैंटीन में लोग जहां 5 रुपये में ब्रेकफास्ट कर सकेंगे वहीं 10 रुपये में लंच और इतने ही पैसे में रात का खाना सकेंगे. यहां हर दिन अलग खाना परोसा जाएगा. फ्ते के सातों दिन यहां आपको इडली का ऑप्शन मिल जाएगा. इसके अलावा सांभर के साथ पोंगल, रवा खिचड़ी, केसरी भात रोजाना मिलेगा.
इस कैंटीन में नाश्ते का समय सुबह 7:30 से लेकर 9:30 बजे तक रखा है. ब्रेकफास्ट की कीमत सिर्फ 5 रुपये है. कैंटीन में डिनर में ज्यादातर वही चीजें मिलेंगी जो लंच के मेन्यू होती हैं. हां सोमवार के मेन्यू में टोमैटो भात और सांभर जोड़ा गया है. डिनर के लिए खाना मिलने का समय शाम 7:30 बजे से लेकर रात के 9:30 बजे तक है.
अब ये देखना होगा कि अम्मा कैंटीन की तरह इंदिरा कैंटीन में हजारों लोग पहुंचते हैं या उससे भी ज्यादा लोग जाना पसंद करेंगे.
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