आईएसआईएस को दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन माना जाता है. पिछले काफी समय से यह भारत में अपनी पैठ गहरी करने की कोशिश करता रहा है. ताजा घटनाक्रम में लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में संदिग्ध आईएसआईएस के आतंकी के साथ मुठभेड़ हुआ. इसी बीच पुलिस ने कानपुर के चकेरी इलाके से एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक इस आतंकी का नाम फैजल है और यह भी कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस का सदस्य है. अभी उत्तर प्रदेश में चुनाव का भी माहौल है. जाहिर है वहां प्रशासन मुस्तैद था और आतंकी के बारे में पता चल गया.
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आतंकी संगठन आईएसआईएस भारत में पैठ नहीं जमा रहा है? देश भर में हाल की घटनाएं तो शायद यही संकेत दे रहे हैं.
आइये एक नजर डालते हैं कि कैसे हाल फिलहाल में इसके आतंकी कैसे और कहां से पकड़े गए.
06 मार्च 2017: असम सरकार ने आईएसआईएस की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट रहने और संवेदनशील इलाके में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए.
26 फरवरी 2017: गुजरात के राजकोट और भावनगर से एटीएस ने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के दो संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़ा. दोनों संदिग्ध आतंकियों के आलाकमान के संपर्क में थे. ये दोनों संदिग्ध रिश्ते में सगे भाई और दोनों कंप्यूटर एक्सपर्ट थे. गुजरात क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर आईके भट्ट के अनुसार ये लोग भारत में लोन वूल्फ अटैक की साजिश रच रहे थे. ये दोनों तीन साल पहले ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर आईएसआईएस से जुड़े लोगों की संपर्क में आने के बाद उनसे प्रभावित हुए थे और लोगों को मारने और गाडियां जलाने आदि जैसी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का प्रयास कर रहे थे.
14 फरवरी 2017: NIA ने दिल्ली के इंदिरा गांधी...
आईएसआईएस को दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन माना जाता है. पिछले काफी समय से यह भारत में अपनी पैठ गहरी करने की कोशिश करता रहा है. ताजा घटनाक्रम में लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में संदिग्ध आईएसआईएस के आतंकी के साथ मुठभेड़ हुआ. इसी बीच पुलिस ने कानपुर के चकेरी इलाके से एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक इस आतंकी का नाम फैजल है और यह भी कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस का सदस्य है. अभी उत्तर प्रदेश में चुनाव का भी माहौल है. जाहिर है वहां प्रशासन मुस्तैद था और आतंकी के बारे में पता चल गया.
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आतंकी संगठन आईएसआईएस भारत में पैठ नहीं जमा रहा है? देश भर में हाल की घटनाएं तो शायद यही संकेत दे रहे हैं.
आइये एक नजर डालते हैं कि कैसे हाल फिलहाल में इसके आतंकी कैसे और कहां से पकड़े गए.
06 मार्च 2017: असम सरकार ने आईएसआईएस की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट रहने और संवेदनशील इलाके में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए.
26 फरवरी 2017: गुजरात के राजकोट और भावनगर से एटीएस ने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के दो संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़ा. दोनों संदिग्ध आतंकियों के आलाकमान के संपर्क में थे. ये दोनों संदिग्ध रिश्ते में सगे भाई और दोनों कंप्यूटर एक्सपर्ट थे. गुजरात क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर आईके भट्ट के अनुसार ये लोग भारत में लोन वूल्फ अटैक की साजिश रच रहे थे. ये दोनों तीन साल पहले ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर आईएसआईएस से जुड़े लोगों की संपर्क में आने के बाद उनसे प्रभावित हुए थे और लोगों को मारने और गाडियां जलाने आदि जैसी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का प्रयास कर रहे थे.
14 फरवरी 2017: NIA ने दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से मोईनुद्दीन पराकाडवथ नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था. ये शख्स केरल का रहने वाला था और अबु धाबी में रहकर केरल में ISIS का मॉडयूल बनाने की कोशिश कर रहा था.
8 फरवरी 2017: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एक ऑस्ट्रेलियाई मूल के शख्स को आईएसआईएस समर्थक होने के संकेत मिलने के बाद वापस भेज दिया गया था.
2016 में 50 आईएसआईएस आतंकियों की गिरफ्तारी.
भारत के गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर के अनुसार साल 2016 में 50 आईएसआईएस आतंकियों को सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा गिरफ्तार किया गया था. इसमें सबसे ज्यादा 11 महाराष्ट्र से, 11 ही तेलंगना से, कर्नाटक से 7, केरल से 6, उत्तराखण्ड से 4, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश से 2-2, राजस्थान, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर और बिहार से 1-1 गिरफ्तारियां हुई थीं.
काफी पढ़े लिखे होते हैं
NIA के अनुसार वर्ष 2016 में गिरफ्तार हुए आईएसआईएस आतंकियों में 20 इंजीनियर थे. इसमें 12 डिप्लोमा होल्डर्स और 3 पोस्ट ग्रैज़ुएट भी थे. 80 प्रतिशत आतंकी स्कूली शिक्षा प्राप्त थे.
अगर इन सभी घटनाओं की कड़ियों को जोड़कर देखा जाए तो देश में आईएस के बढ़ते खतरे के संकेत मिलते हैं. हालांकि ये बात अलग है कि इन सभी घटनाओं में आईएसआईएस के सीधे-तौर पर संलिप्त होने की पुष्टि नहीं हुई है और न ही यह संगठन देश में किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सका है. लेकिन अगर भारत में इसके बढ़ते प्रभाव को रोका नही गया तो इसके भयावह परिणाम हमारे देश को भुगतना पड़ सकते हैं.
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