जानती हूं उन लोगों को, जो कत्तई कुंठा के मारे हुए हैं. शायद निजी जीवन में प्रेम न मिला हो, या शायद होने को ये भी हो सकता है कि उनके साथ बचपन में किसी ने कुछ ग़लत किया हो, या फिर होने को ये भी हो सकता है कि सब तो ठीक-ठाक हो लेकिन वे औरतों को सिर्फ़ वजाइना और ब्रेस्ट समझते हों इसलिए उनको ऐसे क्लिप भेजते हों. शायद उनको लगता हो कि इसने पॉर्न नहीं देखा होगा इसे दिखा देते हैं कालज़यी चीज़. तो ऐसे सभी लोगों से कहना चाहती हूं कि, देखिए भाई साहेब पॉर्न तो काफ़ी पहले से देख रखें हैं. जब छोटी थी और इंटरनेट नहीं था तब ट्यूशन से लौटते हुए आप जैसे ही किसी मर्द/लड़के ने हम सारी लड़कियों के बैग में पॉर्नग्राफ़िक पोस्टर डाल दिए थे. उस वक्त छोटी थी और ऐसा कुछ पहली बार देखा था तो डर गयी थी. डर इसलिए भी गयी थी कि किसी ने सेक्स के बारे में कुछ बताया नहीं था और दूसरी बात जिस समाज में पल रही थी वहां कुछ भी ग़लत होने पर लड़की को ही दोषी ठहरा दिया जाता था. लड़के लड़कियों को स्कूल जाते हुए छेड़ते थे तो लड़कों को कुछ नहीं कह कर लोग बेटियों को स्कूल आने से रोक देते थे.
ऐसे में डरना स्वाभाविक था. लगा अम्मा को पता चला तो शायद ट्यूशन जाने से रोक देंगी. लेकिन इसके उलट हुआ, अम्मा को किसी और से ट्यूशन पर हुए कांड का पता चला तो अम्मा ने मोटा-मोटी समझा दिया कि सेक्स सबसे प्राकृतिक चीज़ है. जब इंसान को कुछ भी नहीं पता था अपने शरीर के बारे में तब भी सेक्स होता था, और बच्चे होते थे. वो कॉन्वर्सेशन थोड़ा मुश्किल था हम दोनों के लिए. लेकिन वो दिन है और आज का दिन है, अम्मा से अब हर टॉपिक पर बात हो जाती है.
लेकिन मुश्किल ये है कि हर अनु की ज़िंदगी में उसकी अम्मा जैसी मां नहीं...
जानती हूं उन लोगों को, जो कत्तई कुंठा के मारे हुए हैं. शायद निजी जीवन में प्रेम न मिला हो, या शायद होने को ये भी हो सकता है कि उनके साथ बचपन में किसी ने कुछ ग़लत किया हो, या फिर होने को ये भी हो सकता है कि सब तो ठीक-ठाक हो लेकिन वे औरतों को सिर्फ़ वजाइना और ब्रेस्ट समझते हों इसलिए उनको ऐसे क्लिप भेजते हों. शायद उनको लगता हो कि इसने पॉर्न नहीं देखा होगा इसे दिखा देते हैं कालज़यी चीज़. तो ऐसे सभी लोगों से कहना चाहती हूं कि, देखिए भाई साहेब पॉर्न तो काफ़ी पहले से देख रखें हैं. जब छोटी थी और इंटरनेट नहीं था तब ट्यूशन से लौटते हुए आप जैसे ही किसी मर्द/लड़के ने हम सारी लड़कियों के बैग में पॉर्नग्राफ़िक पोस्टर डाल दिए थे. उस वक्त छोटी थी और ऐसा कुछ पहली बार देखा था तो डर गयी थी. डर इसलिए भी गयी थी कि किसी ने सेक्स के बारे में कुछ बताया नहीं था और दूसरी बात जिस समाज में पल रही थी वहां कुछ भी ग़लत होने पर लड़की को ही दोषी ठहरा दिया जाता था. लड़के लड़कियों को स्कूल जाते हुए छेड़ते थे तो लड़कों को कुछ नहीं कह कर लोग बेटियों को स्कूल आने से रोक देते थे.
ऐसे में डरना स्वाभाविक था. लगा अम्मा को पता चला तो शायद ट्यूशन जाने से रोक देंगी. लेकिन इसके उलट हुआ, अम्मा को किसी और से ट्यूशन पर हुए कांड का पता चला तो अम्मा ने मोटा-मोटी समझा दिया कि सेक्स सबसे प्राकृतिक चीज़ है. जब इंसान को कुछ भी नहीं पता था अपने शरीर के बारे में तब भी सेक्स होता था, और बच्चे होते थे. वो कॉन्वर्सेशन थोड़ा मुश्किल था हम दोनों के लिए. लेकिन वो दिन है और आज का दिन है, अम्मा से अब हर टॉपिक पर बात हो जाती है.
लेकिन मुश्किल ये है कि हर अनु की ज़िंदगी में उसकी अम्मा जैसी मां नहीं होती. बेटियां जैसे-जैसे बड़ी होती हैं मां-बाप से दूर होने लगती हैं. पीरियड, सेक्स जैसी बातें इंटरनेट या फिर किसी दोस्त के मुंह से सुनती हैं जो अधकचरा होता है. ऐसे में आप जैसी कुंठित मानसिकता के लोग पॉर्न क्लिप भेजते हैं तो लगता है कि ज़माना अब भी वहीं ठहरा हुआ है. 'मर्दानगी' महसूस करने के लिए अब भी वही चिंदी हरकतें!
ख़ैर, मुझे पॉर्न भेज कर अपना अकाउंट डिऐक्टिवेट करने की आपको ज़रूरत नहीं है क्योंकि वैसे भी मैं आपको ब्लॉक ही करती. आपको समझाने या धमकाने नहीं जाती क्योंकि ये काम आपके मां-बाप का था. यह लेख लिखती भी नहीं, अगर ऐसी हरकतें सिर्फ़ मेरे साथ होतीं तो. लेकिन इंटरनेट यूज़ करने वाली अमूमन हर बच्ची से लेकर औरत के साथ ऐसा होता है.
औरतें स्ट्रॉंग होती हैं इग्नोर कर देती हैं, बच्चियां मासूम होती हैं डर जाती हैं. तो यह लेख उन सभी बच्चियों के लिए है जिनको कभी किसी ने पॉर्न क्लिप या अपने प्राइवेट पार्ट की फ़ोटो भेज कर परेशान करने की कोशिश की हो. मेरी जान, ऐसा कुछ भी हो तो घबराना मत. सबसे पहले अपनी मां से बताना वो समझ जाएंगी और तुम्हें दुनिया की तमाम गंदगी से बचाएंगी भी.
तुम जानती हो न कि अगर कोई WhatsApp या Instagram पर ऐसे मैसेज करता है या फ़ोन करके परेशान कर रहा है तो पुलिस उसको पकड़ कर जेल में डाल सकती है. ये क़ानून की नज़र में भी जुर्म है तो तुम्हें डरने की जरूरत नहीं हैं. और ऑनलाइन स्कूलिंग के चलते मम्मी-पापा ने अपने बच्चों को स्मार्टफ़ोन दे रखा है, तो उनसे गुजारिश है कि प्लीज़ चेक करते रहिए कि उन स्मार्टफोन पर कुछ गलत तो नहीं हो रहा है.
हम बहुत मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं. कुछ बुरा हो जाए इसके बाद गुनहगार को सज़ा दिलवा सकते हैं, लेकिन जो हो गया उसे undo कैसे करेंगे. तो प्लीज़ ख़्याल रखिए ज़रा. पॉर्न क्लिप भेजने वाले 'मर्द' लोगों को बाप की जरूरत है, मां-बहन की नहीं. क्योंकि उनके लिए वे भी तो सिर्फ़ वजाइना भर ही होंगी?
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