बीयर के दीवानों को पीने का एक मौका चाहिए होता है बस. चाहें सर्दी हो या गर्मी लोगों को बीयर पीने से कोई नहीं रोक सकता. अब ऐसे में अगर किसी को पता चले कि जिस बीयर का लुत्फ उठाया जा रहा है वो इंसानी यूरीन की मदद से बनाई गई है तो?
आईचौक की फूड सीरीज 'स्वाद बनाम सेहत' में इसके पहले कई चीजें आपको बताई जा चुकी हैं. आज बात करते हैं उस बीयर की जिसे यूरीन से बनाया गया था.
एक डैनिश (डेनमार्क की) ब्रूरी (शराब बनाने वाली जगह) ने 50 हजार लीटर यूरीन इकट्ठा की और इसकी मदद से बनी एक बीयर.
इस बीयर का नाम है पिसनर (pisner) ये लोकल स्लैंग शब्द पिल्सनर से बना है जिसका मतलब है यूरीन. इसमें असल में यूरीन नहीं है, लेकिन यूरीन का इस्तेमाल उस खेत में किया जाता है जिससे बीयर बनाने के लिए जौं उगाया जाता है. दरअसल, वहां खाद के तौर पर यूरीन को इस्तेमाल किया जाता है.
इस बीयर की सिर्फ 60 हजार बॉटल बनाई गई थीं. इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाले हैनरिक वैंग के अनुसार जब ये खबर फैली कि पिस्नर नाम की कोई बीयर बन रही है तो लोगों ने असल में यूरीन को फिल्टर कर बीयर में डालने की कोशिश की. इसे लेकर काफी बवाल भी हुआ था.
इस बीयर की चर्चा इतनी हुई कि 2017 के बहुत से नए फूड ट्रेंड्स में से एक डेनमार्क की ये बीयर रही. इसके लिए इस्तेमाल की गई यूरीन एक म्यूजिक फेस्टिवल से मनाई गई थी. इसे फिर प्रोसेस किया गया और इस्तेमाल लायक बनाया गया. (यकीनन कोई ये न सोचे की यूरीन सीधे खेत में खाद और पानी की शक्ल में डाल दी गई.)
इस नई बीयर का स्वाद चखने के लिए कई लोग आने लगे.
बीयर असल में 10 तरह की होती है. हर एक अलग तरह से ब्रू की जाती है और इसके स्वाद, फायदे और नुकसान भी अलग होते हैं. अगर कोई बीयर नहीं पीता है तो अच्छी बात है और अगर पीता है तो उसे ये ध्यान रखना चाहिए बीयर...
बीयर के दीवानों को पीने का एक मौका चाहिए होता है बस. चाहें सर्दी हो या गर्मी लोगों को बीयर पीने से कोई नहीं रोक सकता. अब ऐसे में अगर किसी को पता चले कि जिस बीयर का लुत्फ उठाया जा रहा है वो इंसानी यूरीन की मदद से बनाई गई है तो?
आईचौक की फूड सीरीज 'स्वाद बनाम सेहत' में इसके पहले कई चीजें आपको बताई जा चुकी हैं. आज बात करते हैं उस बीयर की जिसे यूरीन से बनाया गया था.
एक डैनिश (डेनमार्क की) ब्रूरी (शराब बनाने वाली जगह) ने 50 हजार लीटर यूरीन इकट्ठा की और इसकी मदद से बनी एक बीयर.
इस बीयर का नाम है पिसनर (pisner) ये लोकल स्लैंग शब्द पिल्सनर से बना है जिसका मतलब है यूरीन. इसमें असल में यूरीन नहीं है, लेकिन यूरीन का इस्तेमाल उस खेत में किया जाता है जिससे बीयर बनाने के लिए जौं उगाया जाता है. दरअसल, वहां खाद के तौर पर यूरीन को इस्तेमाल किया जाता है.
इस बीयर की सिर्फ 60 हजार बॉटल बनाई गई थीं. इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाले हैनरिक वैंग के अनुसार जब ये खबर फैली कि पिस्नर नाम की कोई बीयर बन रही है तो लोगों ने असल में यूरीन को फिल्टर कर बीयर में डालने की कोशिश की. इसे लेकर काफी बवाल भी हुआ था.
इस बीयर की चर्चा इतनी हुई कि 2017 के बहुत से नए फूड ट्रेंड्स में से एक डेनमार्क की ये बीयर रही. इसके लिए इस्तेमाल की गई यूरीन एक म्यूजिक फेस्टिवल से मनाई गई थी. इसे फिर प्रोसेस किया गया और इस्तेमाल लायक बनाया गया. (यकीनन कोई ये न सोचे की यूरीन सीधे खेत में खाद और पानी की शक्ल में डाल दी गई.)
इस नई बीयर का स्वाद चखने के लिए कई लोग आने लगे.
बीयर असल में 10 तरह की होती है. हर एक अलग तरह से ब्रू की जाती है और इसके स्वाद, फायदे और नुकसान भी अलग होते हैं. अगर कोई बीयर नहीं पीता है तो अच्छी बात है और अगर पीता है तो उसे ये ध्यान रखना चाहिए बीयर ज्यादा पीना न सिर्फ लिवर के लिए खतरनाक हो सकता है बल्कि ब्लडप्रेश, बॉडी टेम्प्रेचर, डायबिटीज आदि चीजों को बिगाड़ सकता है. साथ ही बीयर मोटापे का एक कारण भी बन सकती है.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.