भारतीय जुगाड़ में माहिर हैं. जुगाड़ भी ऐसे कि सोचकर यकीन करना मुश्किल होता है कि किसी चीज़ से ऐसा काम भी लिया जा सकता है. जुगाड़ तो अपनी जगह है, लेकिन अगर किसी एक चीज़ का कई तरह से इस्तेमाल लिया जा सके तो उसके बारे में क्या कहेंगे? ऐसी कई चीजें होती हैं जिनका इस्तेमाल एक से ज्यादा काम के लिए किया जा सकता है. उसमें से एक है विक्स वेपोरब. ये सेहत के लिए अच्छा भी साबित हो सकता है और बुरा भी.
क्या-क्या काम आ सकता है विक्स...
विक्स वेपोरब सिर्फ सर्दी दूर करने के लिए ही नहीं बल्कि और भी 10 तरह से काम आ सकता है. जैसे...
1. अरोमाथैरिपी के लिए..
अगर आपके पास ह्यूमिडिफायर है (humidifier) तो थोड़ा सा विक्स काफी बड़े काम कर सकता है. कमरे की हवा साफ करने के साथ खून के बहाव को भी ठीक करेगा.
2. मसल्स के लिए..
अगर किसी तरह का वर्कआउट करने से मसल्स में दर्द हो गया है तो विक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है.
3. दरवाज़े की आवाज़ के लिए..
ग्रीस की जगह विक्स भी जंग लगे नट बोल्ट या आवाज़ करते दरवाज़े पर काम कर सकता है.
4. कान का दर्द...
अगर कान में तेज़ दर्द है तो रुई में थोड़ा सा विक्स लगाकर उसे कान के अंदर रख लें. दर्द में थोड़ी राहत मिलेगी.
5. मुंह की बदबू..
अगर मुंह से बदबू आ रही है तो थोड़ी सी विक्स नाक के नीचे लगा लें. इसे होठ पर नहीं लगाना है. इससे मुंह की बदबू दूर होगी.
6. पैरों की फंगस..
पैरों से बदबू आना और फंगस लगना उन लोगों के लिए आम है जिन्हें पानी में अक्सर काम करना पड़ता है या पसीना ज्यादा आता है. वो लोग पैरों को धोकर सुखाकर हल्का विक्स उनमें लगा लें.
7. फटी एड़ियों के लिए...
सोने से पहले पैर धोकर-सुखाकर विक्स वेपोरब उनमें लगाया जा सकता है. इससे फटी एड़ियों की समस्या से निजाद मिलेगी.
8. नहाते समय
विक्स वेपोरब से शावर बॉम्ब भी बनाया जा सकता है जो सर्दी होने पर भी मदद करेगा. इसके लिए विक्स, बेकिंग सोडा और पानी बराबर मात्रा में मिलाएं और इस्तेमाल करें.
9. विक्स को स्ट्रेच मार्क दूर करने के लिए भी लगाया जा सकता है.
अच्छा तो ठीक, लेकिन बुरे का क्या?
विक्स वेपोरब एक आयुर्वेदिक फॉर्मूले पर आधारित है. यही फॉर्मूला मामूली फेरबदल के साथ बाम बनाने वाले कई ब्रांड भी इस्तेमाल करते हैं. विक्स सहित ये सभी ब्रांड अपनी पैकिंग पर साफतौर पर चेतावनी लिखते हैं कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों पर इसका इस्तेमाल रिएक्शन कर सकता है.
वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर ब्रूस रूबिन की रिसर्च कहती है कि 2 साल से कम उम्र वाले बच्चों पर ऐसी दवाओं का इस्तेमाल कुछ मामलों में सांस लेने में दिक्कत पैदा करता है. कपूर और पुदीने का सत अगर किसी चीज में इस्तेमाल होता है तो वो बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है. इससे बच्चों में सांस लेने की समस्या पैदा हो सकती है क्योंकि ये म्यूकस प्रोडक्शन करता है और सांस नली को बंद करता है. ये रिपोर्ट जर्नल चेस्ट (Chest) में पब्लिश की गई थी.
वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक जब इस बारे में प्रॉक्टर एंड गैम्बल के प्रवक्ता डेविड बर्नेन्स से बात की गई थी तो उन्होंने ये कहा था कि एक केस विक्स को खराब नहीं बता सकता. डेविड का कहना था कि इस प्रॉडक्ट की हिस्ट्री रही है सेफ रहने की. इसे पैकेज डायरेक्शन के हिसाब से ही इस्तेमाल करना चाहिए. इसे हजारों बच्चों पर टेस्ट किया गया है.
कुलमिलाकर कहानी का सार यह है कि किसी भी दवा या मल्हम का इस्तेमाल करें, लेकिन सावधानी के साथ. जैसा कि ये कंपनियां खुद कहती हैं.
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