फिल्म पिंक में साफ-साफ कहा गया है कि लड़कियों के ना का मतलब ना ही होता है. मगर फिर भी कुछ लोग इस बात को समझने के लिए तैयार नहीं हैं. वे लड़कियों के खुलेपन व्यवहार में अपने लिए हां खोज लेते हैं. वे अपनी मर्जी में उसकी मर्जी समझ लेते हैं. हमारे समाज में अगर किसी लड़की के साथ गलत होता है तो आरोपी में गलती निकालने के बदले लोग उस लड़की को ही जज करते हैं.
जैसे घटना के समय वह क्या कर रही थी? उसने कैसे कपड़े पहने थे. वह किसके साथ थी? वह कहां जा रही थी? ब्ला-ब्ला...लोग उस लड़की को ही कोसते हैं. उसी को दोष देते हैं कि इतनी रात गई वह बाहर क्या कर रही थी? वह फलाने के साथ क्यों थी? उसने वैसे कपड़े क्यों पहन रखे थे? कई लोग उस लड़की के बिहेवियर को जज करते हैं और उस पर इल्जाम लगा देते हैं.
भाई लड़कियां हैं, कोई सामान नहीं जिसे पैक करके घर के कोने में छिपा देंगे. उसकी भी अपनी लाइफ है. उसके भी दोस्त हैं. उसे भी खुलकर जीने का हक है. उसके कपड़े को देखकर उसे जज करने वाले आप होते कौन हैं?
लड़की आपको उत्पीड़न के लिए निमंत्रण नहीं दे रही है-
भले ही वह लड़की सिगरेट पी रही हो
भले ही वह लड़की क्लब में पार्टी कर रही हो
भले ही वह लड़की अकेले ड्रिंक कर रही हो
भले ही वह लड़की आपसे बातें कर रही हो
भले ही वह लड़की खुलकर हंस रही हो
भले ही वह लड़की सोलो ट्रेवल कर रही हो
भले ही वह लड़की मिलनसार...
फिल्म पिंक में साफ-साफ कहा गया है कि लड़कियों के ना का मतलब ना ही होता है. मगर फिर भी कुछ लोग इस बात को समझने के लिए तैयार नहीं हैं. वे लड़कियों के खुलेपन व्यवहार में अपने लिए हां खोज लेते हैं. वे अपनी मर्जी में उसकी मर्जी समझ लेते हैं. हमारे समाज में अगर किसी लड़की के साथ गलत होता है तो आरोपी में गलती निकालने के बदले लोग उस लड़की को ही जज करते हैं.
जैसे घटना के समय वह क्या कर रही थी? उसने कैसे कपड़े पहने थे. वह किसके साथ थी? वह कहां जा रही थी? ब्ला-ब्ला...लोग उस लड़की को ही कोसते हैं. उसी को दोष देते हैं कि इतनी रात गई वह बाहर क्या कर रही थी? वह फलाने के साथ क्यों थी? उसने वैसे कपड़े क्यों पहन रखे थे? कई लोग उस लड़की के बिहेवियर को जज करते हैं और उस पर इल्जाम लगा देते हैं.
भाई लड़कियां हैं, कोई सामान नहीं जिसे पैक करके घर के कोने में छिपा देंगे. उसकी भी अपनी लाइफ है. उसके भी दोस्त हैं. उसे भी खुलकर जीने का हक है. उसके कपड़े को देखकर उसे जज करने वाले आप होते कौन हैं?
लड़की आपको उत्पीड़न के लिए निमंत्रण नहीं दे रही है-
भले ही वह लड़की सिगरेट पी रही हो
भले ही वह लड़की क्लब में पार्टी कर रही हो
भले ही वह लड़की अकेले ड्रिंक कर रही हो
भले ही वह लड़की आपसे बातें कर रही हो
भले ही वह लड़की खुलकर हंस रही हो
भले ही वह लड़की सोलो ट्रेवल कर रही हो
भले ही वह लड़की मिलनसार हो
भले ही वह लड़की आपको मैसेज करती हो
भले ही वह लड़की वेस्टर्न ड्रेस पहनी हुई हो
आप अपना दिमाग इस बात के लिए खोल लीजिए कि, वह आपको आमंत्रण नहीं दे रही है. यह उसकी अपनी लाइफस्टाइल है. आप यह मत सोचिए कि उसने भड़काऊ कपड़े आपको दिखाने को लिए पहने हैं. अगर वह मिलनसार है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह आपके गलत इरादों के लिए हां कहेगी. अगर वह आपसे दोस्ताना व्यवहार कर रही है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह आपके साथ सोने के लिए राजी है. इसलिए अपनी गंदी मानसिकता अपने पास रखिए.
हाल ही में मुंबई में कोरियाई लड़की के साथ छेड़खानी का एक ऐसा ही मामला सामने आया था. इस घटना के बारे में लड़की ने कहा था कि वहां मौजूद लोग यह कह रहे थे कि मैं फ्रेंडली थी, इसलिए मेरे साथ यह हादसा हुआ. पहली बात को वह विदेश की रहने वाली है. विदेशियों में कितना खुलापन है, यह आप भी जानते हैं.
दूसरी बता यहां का माहौल उसके लिए नया था. उसे समझ ही नहीं आया कि उसके साथ ये क्या हो रहा है? जब बात आगे बढ़ी तब उसे पता लगा कि उसके साथ गलत हो रहा है. क्या फ्रेंडली होने का मतलब यह है कि कोई भी किसी लड़की के साथ कुछ भी करके चला जाएगा. शायह हां, तभी हो हमारे यहां हंसी मतलब फंसी की कहावत फेमस है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.