भारत में फिलहाल अगर सबसे बड़ी समस्या कोई है तो वो है बेरोजगारी. डिग्री लेकर युवा खाली बैठे हैं. लेकिन उन्हें अगले साल खुशखबरी मिलने जा रही है. अब इंटरनेट 30 लाख नौकरियां देने जा रहा है. इस आधुनिक युग में कोई व्यक्ति एेसा नहीं है जो इंटरनेट का इस्तेमाल ना करता हो. आज हर किसी के पास स्मार्टफोन हैं जिसके जरिए वह पूरी दुनिया से जुड़ सकता है.
4जी के आने के बाद मार्केट में नई कंपनियों की एंट्री, डिजिटल वॉलेट आने, स्मार्टफोन की लोकप्रियता से टेक्नोलॉजी और अन्य चीजों की डिमांड टेलिकॉम सेक्टर में लगातार बढ़ी रही है.
इसके चलते ही 2018 तक टेलीकॉम सेक्टर में रोजगार के 30 लाख जॉब के अवसर मिल सकते है. ये बात एक स्टडी में सामने आई है. 2016 में भारत में सब्सक्राइबर्स की संख्या 39.15 करोड थी.
इतनी ज्यादा जॉब्स क्यों
इस सेक्टर की विकास संभावनाओं को देखते अभी लोगों की संख्या कम है और उनमें स्किल यानी जरूरी कौशल की भी कमी है, यानी वर्तमान लोग बढ़ती डिमांड के हिसाब से कुशल नहीं हैं. ऐसे में उन्हें भी नई जरूरत के मुताबिक ट्रेनिंग लेनी होगी.
बढ़ रहा है टेलिकॉम सेक्टर
पिछले कुछ साल में टेलिकॉम सेक्टर सब्सक्राइबर बेस के आधार पर सालाना औसतन 19.6 फीसदी की दर से बढ़ा है, जबकि रेवेन्यू के लिहाज से सालाना औसत ग्रोथ रेट 7.07 फीसदी रही है. स्टडी के अनुसार, टेलिकॉम सेक्टर की ओर से मौजूदा नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण और नेटवर्क्स पर इन्वेस्टमेंट जारी है.
2017 की पहली तिमाही में टेलिकॉम कंपनियों का कैपिटल एक्सपेंडिचर इन्वेस्टमेंट 85,003...
भारत में फिलहाल अगर सबसे बड़ी समस्या कोई है तो वो है बेरोजगारी. डिग्री लेकर युवा खाली बैठे हैं. लेकिन उन्हें अगले साल खुशखबरी मिलने जा रही है. अब इंटरनेट 30 लाख नौकरियां देने जा रहा है. इस आधुनिक युग में कोई व्यक्ति एेसा नहीं है जो इंटरनेट का इस्तेमाल ना करता हो. आज हर किसी के पास स्मार्टफोन हैं जिसके जरिए वह पूरी दुनिया से जुड़ सकता है.
4जी के आने के बाद मार्केट में नई कंपनियों की एंट्री, डिजिटल वॉलेट आने, स्मार्टफोन की लोकप्रियता से टेक्नोलॉजी और अन्य चीजों की डिमांड टेलिकॉम सेक्टर में लगातार बढ़ी रही है.
इसके चलते ही 2018 तक टेलीकॉम सेक्टर में रोजगार के 30 लाख जॉब के अवसर मिल सकते है. ये बात एक स्टडी में सामने आई है. 2016 में भारत में सब्सक्राइबर्स की संख्या 39.15 करोड थी.
इतनी ज्यादा जॉब्स क्यों
इस सेक्टर की विकास संभावनाओं को देखते अभी लोगों की संख्या कम है और उनमें स्किल यानी जरूरी कौशल की भी कमी है, यानी वर्तमान लोग बढ़ती डिमांड के हिसाब से कुशल नहीं हैं. ऐसे में उन्हें भी नई जरूरत के मुताबिक ट्रेनिंग लेनी होगी.
बढ़ रहा है टेलिकॉम सेक्टर
पिछले कुछ साल में टेलिकॉम सेक्टर सब्सक्राइबर बेस के आधार पर सालाना औसतन 19.6 फीसदी की दर से बढ़ा है, जबकि रेवेन्यू के लिहाज से सालाना औसत ग्रोथ रेट 7.07 फीसदी रही है. स्टडी के अनुसार, टेलिकॉम सेक्टर की ओर से मौजूदा नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण और नेटवर्क्स पर इन्वेस्टमेंट जारी है.
2017 की पहली तिमाही में टेलिकॉम कंपनियों का कैपिटल एक्सपेंडिचर इन्वेस्टमेंट 85,003 करोड़ रुपए रहा. स्टडी के अनुसार, टेलिकॉम कंपनियां 4जी और 4जी एडवांस्ड जैसी नई टेक्नोलॉजी पर अपना इन्वेस्टमेंट बढ़ा रही हैं. इसके अलावा फाइबर फुटप्रिंट के एक्सपेंशन और स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम खरीदने पर भी खर्च बढ़ाना कंपनियों की प्राथमिकता है.
2021 तक 8,70,000 को मिलेगी जॉब
एसोचैम-केपीएमजी ने अपनी स्टडी में कहा है कि 5जी, एम2एम जैसी इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी और इन्फार्मेशन एंड कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी (ICT) में हो रहे नए डेवलपमेंट से 2021 तक करीब 8.70 लाख नौकरियों के अवसर बनेंगे.
मैनपावर को टेक्नोलॉजी के साथ करना होगा अपडेट
एसोचैम-केपीएमजी की रिपोर्ट के अनुसार, टेलिकॉम सेक्टर में स्किल्ड मैनपावर की जरूरत इन्फ्रा एंड साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट्स, एप्लीकेशन डेवलपर्स, सेल्स एग्जीक्यूटिव्स, इन्फ्रास्ट्राचर टेक्निशियन, हैंडसेट टेक्निशियनंस के लिए पड़ेगी. दूसरी ओर, मौजूदा मैनपावर को भी आगे आने वाली नई टेक्नोलॉजी के साथ अपडेट करने की जरूरत होगी.
सरकार भी कर रही मदद
टेलिकॉम सेक्टर और अन्य दूसरे सेक्टर्स में पर्याप्त और स्किल्ड मैनपावर उपलब्ध कराने के लिए सरकार की तरफ से स्किल इंडिया जैसी पहल शुरू की गई है. टेलीकॉम सेक्टर की बढ़ रही डिमांड और कौशल संबंधी जरूरत को देखते हुए टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल (टीएसएससी) का गठन किया गया है. इंडस्ट्री ने भी स्पेशलाइज्ड स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स पर अधिक से अधिक फोकस करने की जरूरत जताई है.
ये भी पढ़ें-
पढ़िए आईफोन के जन्म की सीक्रेट कहानी, वो 10 साल का हो गया है
ITI के लिए अचानक क्रेज बढ़ना सुखद है !
डॉक्टरी, इंजीनियरिंग पर फोकस है तो जिंदगी की बड़ी भूल कर रहे हैं
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.