कुत्ते भले ही आज इंसानों के बीच आतंक का पर्याय बने हों. लेकिन इंसान और कुत्तों के बीच बढ़ी ये दूरियां हमेशा ऐसी नहीं थीं. कुत्तों और इंसान का साथ तब का है, जब इंसान ने पहिये का अविष्कार किया था. तब मनुष्य अकेले न करके समूह में शिकार करता था. देश दुनिया में तमाम ऐसी गुफाएं हैं जहां बनी कलाकृतियां इस बात की तस्दीख करती नजर आती हैं. गूगल पर अगर उन पेंटिंग्स या ये कहें कि कलाकृतियों को खोजा जाए तो सर्च रिजल्ट में ऐसी तमाम तस्वीरें आएंगी जिनमें कहीं जाते हुए मनुष्य को कुत्ता फॉलो कर रहा है. सोचने वाली बात ये है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि जो कुत्ता कभी इंसान के पीछे दुम हिलाता था आज उसे देखकर गुर्रा रहा है. काट रहा है और बदले में इंसान उससे भी बड़ा जानवर बन उसे सूली पर चढ़ा रहा है और पूरी बेशर्मी के साथ खुश हो रहा है.
जी हां. भले ही सुनने में एक बार के लिए ये बातें अजीब हों. मगर जो कुछ तीन लोगों ने गाजियाबाद के लोनी में एक कुत्ते के साथ किया. शर्म आती है ऐसे लोगों को इंसान कहने में. लोनी के इन लोगों की घृणित करतूत देखकर मन में यही आता है कि ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. ताकि एक उदहारण सेट हो और वो तमाम लोग जो राह चलते जानवरों विशेषकर कुत्तों को व्यर्थ में छेड़ते हैं, उन्हें एक ऐसा सबक मिले जो उन्हें जन्म जन्म याद रहे.
दरअसल इंटरनेट पर एक वीडियो जंगल में लगी आग की तरह तैर रहा है. वीडियो को देखें और उसका अवलोकन करें तो मिलता है कि लोनी की ट्रॉनिका सिटी में तीन लोगों ने एक कुत्ते को लोहे की चेन...
कुत्ते भले ही आज इंसानों के बीच आतंक का पर्याय बने हों. लेकिन इंसान और कुत्तों के बीच बढ़ी ये दूरियां हमेशा ऐसी नहीं थीं. कुत्तों और इंसान का साथ तब का है, जब इंसान ने पहिये का अविष्कार किया था. तब मनुष्य अकेले न करके समूह में शिकार करता था. देश दुनिया में तमाम ऐसी गुफाएं हैं जहां बनी कलाकृतियां इस बात की तस्दीख करती नजर आती हैं. गूगल पर अगर उन पेंटिंग्स या ये कहें कि कलाकृतियों को खोजा जाए तो सर्च रिजल्ट में ऐसी तमाम तस्वीरें आएंगी जिनमें कहीं जाते हुए मनुष्य को कुत्ता फॉलो कर रहा है. सोचने वाली बात ये है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि जो कुत्ता कभी इंसान के पीछे दुम हिलाता था आज उसे देखकर गुर्रा रहा है. काट रहा है और बदले में इंसान उससे भी बड़ा जानवर बन उसे सूली पर चढ़ा रहा है और पूरी बेशर्मी के साथ खुश हो रहा है.
जी हां. भले ही सुनने में एक बार के लिए ये बातें अजीब हों. मगर जो कुछ तीन लोगों ने गाजियाबाद के लोनी में एक कुत्ते के साथ किया. शर्म आती है ऐसे लोगों को इंसान कहने में. लोनी के इन लोगों की घृणित करतूत देखकर मन में यही आता है कि ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. ताकि एक उदहारण सेट हो और वो तमाम लोग जो राह चलते जानवरों विशेषकर कुत्तों को व्यर्थ में छेड़ते हैं, उन्हें एक ऐसा सबक मिले जो उन्हें जन्म जन्म याद रहे.
दरअसल इंटरनेट पर एक वीडियो जंगल में लगी आग की तरह तैर रहा है. वीडियो को देखें और उसका अवलोकन करें तो मिलता है कि लोनी की ट्रॉनिका सिटी में तीन लोगों ने एक कुत्ते को लोहे की चेन से बांध कर लटका रखा है, बाद में उन तीन लोगों में से एक व्यक्ति उस चेन को खींचता है और थोड़ी देर तड़पने के बाद कुत्ते की मौत हो जाती है. मामले में जो सबसे शर्मनाक बात है वो ये कि जिस समय व्यक्ति चेन खींच रहा था वहां उपस्थित बाकी के लोग उसे ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करते नजर आ रहे थे.
चूंकि ये वीडियो बड़ी ही तेजी के साथ वायरल हुआ था, इसका पुलिस तक पहुंचना लाजमी था. वीडियो पर अपना तर्क देते हुए पुलिस ने इसे तीन महीना पुराना बताया है और कहा है कि जो भी इस घटना के जिम्मेदार हैं उन्हें सवाल जवाब के लिए पुलिस के सामने हाजिर होने को कहा गया है.
शायद आपको जानकर हैरानी हो लेकिन इंसान को जानवर दिखाने वाली ये घटनाएं कोई नई नहीं हैं. अभी बीते दिनों ही महाराष्ट्र के बीड़ में एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसी की कुतिया को सिर्फ इसलिए मार दिया था क्योंकि उसने उसे देखकर भौंकने की गुस्ताखी की थी. बताया ये भी जा रहा है कि कुत्ते को भौंकता हुआ देखकर व्यक्ति को इतना गुस्सा आया कि उसने उसे गोली ही मार दी.
बहरहाल जिक्र लोनी की घटना का हुआ है. तो बता दें कि कुत्ते को लटका कर मारने की ये घटना तब हुई है. जब अभी बीते दिनों ही नॉएडा अथॉरिटी ने 1 मार्च, 2023 से पालतू कुत्ते या बिल्ली के हमले के मामले में मालिकों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाने और पीड़ितों के इलाज की जिम्मेदारी जानवरों के मालिकों पर डालने की बात कही है.
घटना या ये कहें कि वीडियो देखकर यूं तो कहने और सुनने के लिए कई बातें हैं लेकिन सवाल ये है कि घटना खौफ का परिणाम है या फिर नफरत का? साथ ही हमें इसका भी जवाब तलाशना होगा कि यदि आए रोज कुत्तों द्वारा इंसानों को काटे जाने के मामले सामने आ रहे हैं तो इसकी मूल वजह क्या है? आखिर ऐसा क्या हो गया है कि वो कुत्ता जो कल तक इंसान के साथ बेख़ौफ़ होकर घूमता था आज इंसान देखकर ही टूट पड़ रहा है?
बाकी बात घटना को अंजाम देने वाले मनुष्य रुपी इन तीन राक्षसों की हो तो हम इतना जरूर कहेंगे कि वो पुलिस जो इस मामले को बहुत हलके में ले रही है. उसे सख्त रुख अपनाना चाहिए. मामले की तहकीकाट करनी चाहिए और अगर वो दोषियों के जवाब से संतुष्ट न हो तो उन्हें सलाखों के पीछे करना चाहिए ताकि कानून इन्हें सख्त से सख्त सजा दे और बताए कि जान छे किसी इंसान की हो या फिर कुत्ते की वो हर हाल में कीमती है और किसी को हक़ नहीं है कि वो तफरीह मजाक में यूं ही किसी को बेरहमी से मार दे.
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