मध्य प्रदेष के भोपाल में एक मोहल्ला है. नाम है सागर मोहल्ला. यहां पति पप्पू और पत्नी कुंती बाई में भयंकर झगड़ा हुआ. फिर हत्या हो गयी. हत्या जिसकी हुई वो न तो पप्पू है और न ही कुंती बाई बल्कि जो मरा उसका नाम है बिल्लू. अब हो सकता है कि कोई सुधिजन सवाल दाग दे कि पप्पू और कुंती के अंगने में बिल्लू का क्या काम? कहीं भूल चूक लेनी देनी के चक्कर में तो नहीं निपट बैठा बिल्लू? साथ ही एक सवाल ये भी कि आखिर बिल्लू की हत्या और पति पत्नी के झगड़े की वजह क्या थी? तो किसी और चीज पर बात करने से पहले हत्या की वजह पर ही बात कर ली जाए. चाहे वो पप्पू और कुंती का झगड़ा रहा हो या फिर बिल्लू की असमय मौत इसके पीछे 'मटन' है.
जी हां मटन. दरअसल किसी आम मटन प्रेमी की तरह पप्पू अहिरवार नाम का एक शख्स भी मटन का शौक़ीन था. उसे अभी बीते दिनों फिर मटन खाने की तलब लगी. वो मटन ले आया और बनाने लगा. आस पड़ोस से पहले मटन की महक उसकी पत्नी कुंती की नाक तक पहुंची और कुंती बिदक गयी. कुंती मटन देख कर सिर्फ इसलिए भड़की क्योंकि मटन पकाने का जो दिन पप्पू ने चुना, वो दिन कोई आम दिन न होकर मंगलवार का दिन था.
दोनों के बीच इस बात को लेकर बहस होने लगी और एक समय ऐसा भी आया, जब मारे गुस्से के पप्पू ने कथित तौर पर अपनी पत्नी पर हाथ छोड़ दिया. जब कहीं भी झगड़ा हो तो लड़ने वालों के सुर बदल जाते हैं. इस मामले में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. पहले लड़ाई फिर कुंती के चिल्लाने की आवाज ने पड़ोस में रहने वाले बिल्लू को भी मौके पर जाने के लिए प्रेरित किया. बिल्लू अपनी पत्नी के साथ पप्पू के घर पहुंचा और चौधरी बन उसे समझाने की कोशिश की.
बिल्लू की मेहनत रंग लाई. वो कामयाब हुआ. उसने अपनी समझ और सूझ बूझ से...
मध्य प्रदेष के भोपाल में एक मोहल्ला है. नाम है सागर मोहल्ला. यहां पति पप्पू और पत्नी कुंती बाई में भयंकर झगड़ा हुआ. फिर हत्या हो गयी. हत्या जिसकी हुई वो न तो पप्पू है और न ही कुंती बाई बल्कि जो मरा उसका नाम है बिल्लू. अब हो सकता है कि कोई सुधिजन सवाल दाग दे कि पप्पू और कुंती के अंगने में बिल्लू का क्या काम? कहीं भूल चूक लेनी देनी के चक्कर में तो नहीं निपट बैठा बिल्लू? साथ ही एक सवाल ये भी कि आखिर बिल्लू की हत्या और पति पत्नी के झगड़े की वजह क्या थी? तो किसी और चीज पर बात करने से पहले हत्या की वजह पर ही बात कर ली जाए. चाहे वो पप्पू और कुंती का झगड़ा रहा हो या फिर बिल्लू की असमय मौत इसके पीछे 'मटन' है.
जी हां मटन. दरअसल किसी आम मटन प्रेमी की तरह पप्पू अहिरवार नाम का एक शख्स भी मटन का शौक़ीन था. उसे अभी बीते दिनों फिर मटन खाने की तलब लगी. वो मटन ले आया और बनाने लगा. आस पड़ोस से पहले मटन की महक उसकी पत्नी कुंती की नाक तक पहुंची और कुंती बिदक गयी. कुंती मटन देख कर सिर्फ इसलिए भड़की क्योंकि मटन पकाने का जो दिन पप्पू ने चुना, वो दिन कोई आम दिन न होकर मंगलवार का दिन था.
दोनों के बीच इस बात को लेकर बहस होने लगी और एक समय ऐसा भी आया, जब मारे गुस्से के पप्पू ने कथित तौर पर अपनी पत्नी पर हाथ छोड़ दिया. जब कहीं भी झगड़ा हो तो लड़ने वालों के सुर बदल जाते हैं. इस मामले में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. पहले लड़ाई फिर कुंती के चिल्लाने की आवाज ने पड़ोस में रहने वाले बिल्लू को भी मौके पर जाने के लिए प्रेरित किया. बिल्लू अपनी पत्नी के साथ पप्पू के घर पहुंचा और चौधरी बन उसे समझाने की कोशिश की.
बिल्लू की मेहनत रंग लाई. वो कामयाब हुआ. उसने अपनी समझ और सूझ बूझ से लड़ाई रुकवा दी. मामला शांत करवा कर बिल्लू अपने घर लौट गया. मगर ये बात पप्पू को चुभ गयी और वो इस बात को लेकर कुछ इस हद तक नाराज हुआ कि कुछ ही देर बाद कथित तौर पर डंडे से लैस होकर वो बिल्लू के घर पहुंचा और उस पर हमला कर दिया. पप्पू ने डंडे से बिल्लू के सिर पर वार किया जिससे बिल्लू बुरी तरह से जख्मी हो गया और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई.
सामने लाश देखकर पप्पू का सारा गुस्सा छू मंतर हो गया और मौके से फरार हो गया. मामले की जानकारी पुलिस को खुद पप्पू की पत्नी कुंती ने दी. सूचना ने पुलिस को भी हैरत में डाल दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने कुंती का बयान दर्ज किया और कुछ घंटों बाद पुलिस ने पप्पू को अरेस्ट कर हवालात के पीछे डाला.
बिल्लू मर चुका है. पप्पू पत्नी कुंती की बदौलत जेल में है. मटन का क्या हुआ इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है. लेकिन हां जो बात हमें पता है वो ये कि इस मामले में दोषी न तो मटन है और न ही बिल्लू का चौधरी बनना. घटना हुई उसकी वजह गुस्सा है. आदमी अपने गुस्से को नियंत्रण में रखे ये ज्ञान हम नहीं देंगे। लेकिन हम इतना ज़रूर कहेंगे कि आज का आदमी पप्पू की तरह जल्दबाजी में है. और अपनी मूर्खता के कारणवश कई बार वो ऐसा बहुत कुछ कर जाता है. जिसका खामियाजा एक नहीं बल्कि कई परिवारों को भोगना पड़ता है.
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