हाल फिलहाल Amazon Prime पर एक वेब सीरीज आई है, नाम है 'Tandav.' सीरीज कैसी है? इसपर क्रिटिक्स के अपने मत हैं मगर चौतरफ़ा बवाल मचा है. सीरीज पर आरोप है कि इसके जरिये भगवान शिव और भगवान राम का अपमाम कर हिंदुओं की भावना को आहत किया गया है. आगे बात होगी मगर जिक्र उस सीन का जो विवाद की वजह बना. सीन यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम का है. एक्टर ज़ीशान अय्यूब एक प्ले को अंजाम दे रहे हैं. सीन में ज़ीशान के चेहरे पर क्रॉस है और वो भगवान शिव का रोल कर रहे हैं. उनका एक साथी नारद बना है जो कह रहा है कि प्रभु ये राम जी के फॉलोवर सोशल मीडिया पर दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. मुझे लगता है कि अब हमें भी कोई नई सोशल मीडिया स्ट्रेटर्जी बना लेनी चाहिए... जिस पर भगवान शिव बने ज़ीशान कहते हैं कि क्या करूं? नई फ़ोटो लगाऊं?... इसके बाद भी डायलॉग है लेकिन भगवान राम के फॉलोवर वाली बात को ध्यान में रखियेगा. फॉलोवर चाहे सोशल मीडिया के हों, या फिर रियल लाइफ के, ये होते दो प्रकार के हैं. एक रियल दूसरे फेक. बाकी जैसा आजकल का माहौल है कड़ाई से ज्यादा करछी गर्म है. तो जो असली रामभक्त हैं वो बेचारे या तो अपने काम धंधे में हैं. या फिर पूजा पाठ में. वहीं इसके विपरीत जो नकली या ये कहें कि फेक फॉलोवर हैं उनके अपने टंटे हैं. सब करने के बाद अब इनकी नजर शौचालय पर है जिसे वो तोड़ते नजर आ रहे हैं.
आहत होने की कोई ज़रूरत नहीं है. ऊपर आपने जो शौचालय वाली बात सुनी वो पूर्णतः सत्य है. खबर यूपी के सहारनपुर से है. सहारनपुर में बजरंग दल के लोगों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए सरकारी बस अड्डे पर बने एक टॉयलेट कॉम्प्लेक्स पर धावा बोला और उसे तोड़ दिया...
हाल फिलहाल Amazon Prime पर एक वेब सीरीज आई है, नाम है 'Tandav.' सीरीज कैसी है? इसपर क्रिटिक्स के अपने मत हैं मगर चौतरफ़ा बवाल मचा है. सीरीज पर आरोप है कि इसके जरिये भगवान शिव और भगवान राम का अपमाम कर हिंदुओं की भावना को आहत किया गया है. आगे बात होगी मगर जिक्र उस सीन का जो विवाद की वजह बना. सीन यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम का है. एक्टर ज़ीशान अय्यूब एक प्ले को अंजाम दे रहे हैं. सीन में ज़ीशान के चेहरे पर क्रॉस है और वो भगवान शिव का रोल कर रहे हैं. उनका एक साथी नारद बना है जो कह रहा है कि प्रभु ये राम जी के फॉलोवर सोशल मीडिया पर दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. मुझे लगता है कि अब हमें भी कोई नई सोशल मीडिया स्ट्रेटर्जी बना लेनी चाहिए... जिस पर भगवान शिव बने ज़ीशान कहते हैं कि क्या करूं? नई फ़ोटो लगाऊं?... इसके बाद भी डायलॉग है लेकिन भगवान राम के फॉलोवर वाली बात को ध्यान में रखियेगा. फॉलोवर चाहे सोशल मीडिया के हों, या फिर रियल लाइफ के, ये होते दो प्रकार के हैं. एक रियल दूसरे फेक. बाकी जैसा आजकल का माहौल है कड़ाई से ज्यादा करछी गर्म है. तो जो असली रामभक्त हैं वो बेचारे या तो अपने काम धंधे में हैं. या फिर पूजा पाठ में. वहीं इसके विपरीत जो नकली या ये कहें कि फेक फॉलोवर हैं उनके अपने टंटे हैं. सब करने के बाद अब इनकी नजर शौचालय पर है जिसे वो तोड़ते नजर आ रहे हैं.
आहत होने की कोई ज़रूरत नहीं है. ऊपर आपने जो शौचालय वाली बात सुनी वो पूर्णतः सत्य है. खबर यूपी के सहारनपुर से है. सहारनपुर में बजरंग दल के लोगों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए सरकारी बस अड्डे पर बने एक टॉयलेट कॉम्प्लेक्स पर धावा बोला और उसे तोड़ दिया है.
बजरंग दल वालों की तरफ से तर्क ये है कि शौचालय मंदिर की दीवार से सटा हुआ है. अभी बीते दिनों ही उनकी तरफ से शौचालय चलाने वाले को निर्देशित किया गया था कि इसे हटा लिया जाए. मामले में दिलचस्प बात ये है कि, भले ही मंदिर 100 साल पुराना हो. लेकिन मंदिर की दीवार से कुछ फीट की दूरी पर बना ये शौचालय करीब 40 साल से है.
मामले में जो बात सबसे ज्यादा विचलित करती है वो ये कि, जो लोग 40 साल में आहत नहीं हुए, अचानक ऐसा क्या हुआ जो अब वो आहत हो गए.
बताते चलें कि मंदिर और शौचालय के बीच एक संकरी सी गली भी है. अब चूंकि ये जगह सरकारी बस अड्डा है, इस कारण यहां बड़ी तादाद में यात्री आते हैं. टॉयलेट कॉम्प्लेक्स का आधुनिकीकरण अभी हाल में ही हुआ है. बताया जा रहा है कि अभी बीते दिनों ही बजरंग दल के कुछ स्वघोषित कार्यकर्ता 'जय श्री राम' और 'एक ही नारा एक ही नाम - जय श्री राम जय श्री राम का उद्घोष करते हुए बड़े-बड़े हथौड़े लेकर टॉयलेट कॉम्प्लेक्स पर कहर बनकर टूट पड़े और इस तरह महिला और दिव्यांग शौचालय को भी तहस नहस किया गया.
इस पूरे घटनाक्रम की अध्यक्षता विष सिंह कंबोज नाम के शख्स ने की थी. जिन्हें अखिल भारतीय हिंदू महासभा के पश्चिमी यूपी का अध्यक्ष बताया जा रहा है. मामले पर कंबोज का कहना था कि 'दो दिन पहले हमारे जो हिंदू योद्धा थे वो आए थे. 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. वहां से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई तो हम लोगों ने खुद ही फैसला किया कि इसे धाराशाही करेंगे.
गौरतलब है कि जिस वक्त धर्म के स्वघोषित ये ठेकेदार अपनी अराजकता का परिचय देकर टॉयलेट तोड़ रहे थे. उस वक़्त शौचालय की सुपरवाइजर विमला भी वहां मौजूद थी. विमला के अनुसार, यह टॉयलेट 40 साल पुराना है. टॉयलेट मंदिर से काफी फासले पर बना है. मंदिर और टॉयलेट के बीच में नाला भी है. हमने उन लोगों से इसे तोड़ने को मना किया मगर वो नहीं माने.
बहरहाल जो होना था हो चुका है. देखना दिलचस्प रहेगा कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो उपद्रवियों पर सख्त एक्शन के लिए जाने जाते हैं.जो उनकी संपत्ति कुर्क कराते हैं. चौराहे चौराहे पोस्टर लगवाते हैं इन अराजक तत्वों से कैसे निपटते हैं? ये अराजक तत्व इसलिए हैं क्योंकि इन्होंने भी पब्लिक प्रॉपर्टी को ही अपना निशाना बनाया.
अंत में हम बस ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि, जय श्री राम का उद्घोष कर शौचालय तोड़ते इन फर्जी रामभक्तों और धर्म के ठेकेदारों पर पुलिस और कानून के अलावा असली रामभक्तों को संज्ञान लेना चाहिए. कहीं ये वही तो नहीं हैं जिनका जिक्र विवादास्पद वेब सीरीज तांडव में प्ले वाले सीन में हुआ है.
ये भी पढ़ें -
लुटेरी दुल्हन की वारदात ने मेट्रिमोनियल वेबसाइट को शंका के दायरे में ला दिया!
लव-जिहाद में फंसी लड़कियों का विश्वास टूटना, इसमें बड़ी बात क्या है?
'प्यार पर लगे पहरे' को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की गंभीर टिप्पणियां!
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.