भारत की अंडर-19 महिला टी20 टीम ने विश्व कप अपने नाम कर देश का नाम रोशन किया है. ऐसा पहली बार हुआ है कि महिला टीम ने कोई सा भी विश्वकप जीता है. इसके पहले वे रनरअप जरूर रहीं लेकिन कभी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाई. पूरे देश के लोग आज इन बेटियों पर गर्व कर रहे हैं. लोगों के चेहरे पर एक संतोष का भाव है. जो लोग महिला क्रिकेटर को सीरियस नहीं लेते थे वे भी उनकी तारीफ कर रहे हैं. वे मान गए हैं कि हमारी छोरियां अब छोरों से कम नहीं हैं.
भारत की बेटियों की इस जीत ने कई तरह की उम्मीद दे दी है. ऐसा पहली बार हुआ है कि भारतीय महिला टीम आईसीसी का कोई भी टूर्नामेंट जीतने में सफल रही हैं. यह कोई छोटी बात नहीं है. महिला आईपीएल अप्रूवल के लिए महिला क्रिकेट टीम को इस जीत की बेहद जरूरत थी.
वह दौर शायद गुजर गया जब क्रिकेट जगत में महिला खिलाड़ियों को तवज्जो नहीं दी जाती थी, अब टाइम बराबरी का है. अब महिला क्रिकेटरों का बोल बाला है. अब दुनिया उनकी भी दिवानी है. तभी तो लोग जमकर जीत दिलाने वाली हमारी बहनों को बधाई दे रहे हैं.
असल में यह टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका के पॉचेफ्सट्रूम में हुआ था. जहां फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया का इंग्लैंड से भिड़ना था. टॉस जीतते के साथ टीम इंडिया ने गेंदबाजी का फैसला किया. इसके उलट बल्लेबाजी करने वाली इंग्लैंड की टीम महज 68 रन बनाकर सिमट गईं. वे पूरा ओवर भी नहीं खेल पाईं. टीम इंडिया के ऊपर 69 रनों का टारगेट था. शुरुआत में 22 रनों के स्कोर में टीम इंडिया ने अपने दो विकेट गवां दिए. सभी की धड़कनें बढ़ गई मगर इसके बाद छोरियों ने 14 ओवर में ही कमाल कर दिया. जिसकी बदौलत टीम इंडिया ने 36 गेंद बाकी रहते ही 7 विकेट से इंग्लैंड को...
भारत की अंडर-19 महिला टी20 टीम ने विश्व कप अपने नाम कर देश का नाम रोशन किया है. ऐसा पहली बार हुआ है कि महिला टीम ने कोई सा भी विश्वकप जीता है. इसके पहले वे रनरअप जरूर रहीं लेकिन कभी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाई. पूरे देश के लोग आज इन बेटियों पर गर्व कर रहे हैं. लोगों के चेहरे पर एक संतोष का भाव है. जो लोग महिला क्रिकेटर को सीरियस नहीं लेते थे वे भी उनकी तारीफ कर रहे हैं. वे मान गए हैं कि हमारी छोरियां अब छोरों से कम नहीं हैं.
भारत की बेटियों की इस जीत ने कई तरह की उम्मीद दे दी है. ऐसा पहली बार हुआ है कि भारतीय महिला टीम आईसीसी का कोई भी टूर्नामेंट जीतने में सफल रही हैं. यह कोई छोटी बात नहीं है. महिला आईपीएल अप्रूवल के लिए महिला क्रिकेट टीम को इस जीत की बेहद जरूरत थी.
वह दौर शायद गुजर गया जब क्रिकेट जगत में महिला खिलाड़ियों को तवज्जो नहीं दी जाती थी, अब टाइम बराबरी का है. अब महिला क्रिकेटरों का बोल बाला है. अब दुनिया उनकी भी दिवानी है. तभी तो लोग जमकर जीत दिलाने वाली हमारी बहनों को बधाई दे रहे हैं.
असल में यह टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका के पॉचेफ्सट्रूम में हुआ था. जहां फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया का इंग्लैंड से भिड़ना था. टॉस जीतते के साथ टीम इंडिया ने गेंदबाजी का फैसला किया. इसके उलट बल्लेबाजी करने वाली इंग्लैंड की टीम महज 68 रन बनाकर सिमट गईं. वे पूरा ओवर भी नहीं खेल पाईं. टीम इंडिया के ऊपर 69 रनों का टारगेट था. शुरुआत में 22 रनों के स्कोर में टीम इंडिया ने अपने दो विकेट गवां दिए. सभी की धड़कनें बढ़ गई मगर इसके बाद छोरियों ने 14 ओवर में ही कमाल कर दिया. जिसकी बदौलत टीम इंडिया ने 36 गेंद बाकी रहते ही 7 विकेट से इंग्लैंड को हराकर जीत हांसिल कर ली.
इस तरह इन शेरनियों ने बता दिया है कि बेटियां चाहें तो कुछ भी कर सकती हैं. शायद अब लोग लड़की पैदा होने पर कहें कि मुबारक हो, बेटी हुई है. शायद इसी बहाने लोगों का हौंसला बढ़े और वे बेटा-बेटी में अंतर करना छोड़ दें. लोगों को यह यकीन हो जाए कि बेटियों को मौका मिले तो वे कुछ भी कर सकती हैं. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीमें सर्वश्रेष्ठ मानी जाती हैं मगर हमारी लड़कियों ने साबित किया कि वे सबसे बेस्ट हैं.
शेफाली वर्मा की कप्तानी में किसका कैसा रहा प्रदर्शन-
टिटास साधू- 4 ओवर में 6 रन, 2 विकेट
अर्चना देवी- 3 ओवर में 17 रन, 2 विकेट
पार्श्वी चोपड़ा- 4 ओवर में 13 रन, 2 विकेट
मन्नत कश्यप- 1 विकेट
शेफाली वर्मा- 1 विकेट
सोनम यादव- 1 विकेट
खेल के पहले शेफाली ने अपने खिलाड़ियों से कहा था कि ध्यान रखना, अपना 100 प्रतिशत देना. जीत के बाद वे इमोशनल हो गईं. एक दिन पहले की उनका जन्मदिन था. ऐसे में उन्हें यह गिफ्ट मिल गया. उन्होंने कहा कि हम वर्ल्ड कप जीतने आई थीं, और जीत गए.
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इनमें से कुछ खिलाड़ियों का बैकग्राउंड ऐसा है कि जानकर आप इमोशनल हो जाएंगे और उनके जज्बे को सलाम करेंगे. आज इस बेटियों ने साबित कर दिया है कि अगर मन में हौसला हो तो कोई भी सफर मुश्किल नहीं है. लोगों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और अपनी बेटियों को आगे बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए. यकीन मानिए वे जिस भी क्षेत्र में हैं आपका नाम रोशन करेंगी. जो भरोसा लोगों ने इन बेटियों पर दिखाया है, बस इसी भरोसे की जरूरत है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.