अब भारतीय पासपोर्ट बदलने वाला है. जी हां, वो जिसे अब तक भारत में एक अचूक ऐड्रेस प्रूफ माना जाता था वो अब ऐड्रेस प्रूफ ही नहीं रहेगा. भारतीय विदेश मंत्रालय ने ये फैसला लिया है कि अब पासपोर्ट का अंतिम पेज हटा दिया जाएगा.
क्या जानकारी होती थी इस पेज में...
पासपोर्ट के आखिरी पेज में पति/पिता का नाम, ऐड्रेस आदि जानकारी दी जाती थी.
ECR (इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड) पासपोर्ट का रंग भी बदला जाएगा. ये अधिकतर कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है जो विदेशों में नौकरी ढूंढने की कोशिश करते हैं. ECR पासपोर्ट होल्डर को इमिग्रेशन क्लियरेंस लेना होता है. ये ऑफिस ऑफ प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रेंट्स (POE) द्वारा लेना होता है. ये खास तौर पर 18 देशों के लिए होता है. ये अक्सर उन लोगों को दिया जाता है जो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते और विदेशों में वर्कर के तौर पर काम करने के लिए जाते हैं.
क्यों किया जा रहा है बदलाव?
इसका एक कारण ये भी है कि कई महिलाओं द्वारा पासपोर्ट में बच्चे के पिता का नाम न डालने की अपील की गई है. कई सिंगल पेरेंट ये चाहते हैं कि उनके बच्चे का नाम न हो. साथ ही गोद लिए हुए बच्चों के साथ भी इसी तरह की समस्या आती है.
विदेश मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए एक स्टेटमेंट में बताया गया कि मिनिस्ट्री ऑफ वुमेन एंड चाइल्ड में भी इसी तरह की शिकायतें आई थीं और इसलिए तीन मेंबर की कमेटी ने कुछ इस तरह का फैसला लिया है.
इसलिए ऐसा फैसला लिया जा रहा है कि पासपोर्ट के आखिरी पेज में लीगल गार्डियन का नाम, मां, पत्नी, पति का नाम, ऐड्रेस आदि जानकारी नहीं दी जाएगी. ऐसा करने के लिए पासपोर्ट एक्ट 1967 और पासपोर्ट रूल्स 1980 में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं किया गया है.
पासपोर्ट के आखिरी पेज में ECR कॉलम और पुराने पासपोर्ट...
अब भारतीय पासपोर्ट बदलने वाला है. जी हां, वो जिसे अब तक भारत में एक अचूक ऐड्रेस प्रूफ माना जाता था वो अब ऐड्रेस प्रूफ ही नहीं रहेगा. भारतीय विदेश मंत्रालय ने ये फैसला लिया है कि अब पासपोर्ट का अंतिम पेज हटा दिया जाएगा.
क्या जानकारी होती थी इस पेज में...
पासपोर्ट के आखिरी पेज में पति/पिता का नाम, ऐड्रेस आदि जानकारी दी जाती थी.
ECR (इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड) पासपोर्ट का रंग भी बदला जाएगा. ये अधिकतर कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है जो विदेशों में नौकरी ढूंढने की कोशिश करते हैं. ECR पासपोर्ट होल्डर को इमिग्रेशन क्लियरेंस लेना होता है. ये ऑफिस ऑफ प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रेंट्स (POE) द्वारा लेना होता है. ये खास तौर पर 18 देशों के लिए होता है. ये अक्सर उन लोगों को दिया जाता है जो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते और विदेशों में वर्कर के तौर पर काम करने के लिए जाते हैं.
क्यों किया जा रहा है बदलाव?
इसका एक कारण ये भी है कि कई महिलाओं द्वारा पासपोर्ट में बच्चे के पिता का नाम न डालने की अपील की गई है. कई सिंगल पेरेंट ये चाहते हैं कि उनके बच्चे का नाम न हो. साथ ही गोद लिए हुए बच्चों के साथ भी इसी तरह की समस्या आती है.
विदेश मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए एक स्टेटमेंट में बताया गया कि मिनिस्ट्री ऑफ वुमेन एंड चाइल्ड में भी इसी तरह की शिकायतें आई थीं और इसलिए तीन मेंबर की कमेटी ने कुछ इस तरह का फैसला लिया है.
इसलिए ऐसा फैसला लिया जा रहा है कि पासपोर्ट के आखिरी पेज में लीगल गार्डियन का नाम, मां, पत्नी, पति का नाम, ऐड्रेस आदि जानकारी नहीं दी जाएगी. ऐसा करने के लिए पासपोर्ट एक्ट 1967 और पासपोर्ट रूल्स 1980 में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं किया गया है.
पासपोर्ट के आखिरी पेज में ECR कॉलम और पुराने पासपोर्ट (अगर कोई रहा हो) तो उसका नंबर भी दिया गया होता है.
अब ECR स्टेटस वाले लोगों का पासपोर्ट नारंगी रंग के जैकेट के साथ आएगा. जिनका ECR स्टेटस नहीं होगा वो नीले रंग का पासपोर्ट इस्तेमाल करेंगे. इंडियन सिक्योरिटी प्रेस (नासिक) में नए पासपोर्ट की डिजाइनिंग का काम चल रहा है.
जब तक नया पासपोर्ट डिजाइन नहीं किया जाता और काम नहीं हो जाता तब तक पुराने पासपोर्ट में आखिरी पेज प्रिंट होता रहेगा.
जिनके पास पुराने पासपोर्ट हैं उनका क्या?
नोटबंदी के बाद से ये डर लगने लगा है कि कहीं पुराने नोटों की तरह पुराने पासपोर्ट भी वैद्यता खत्म न कर दें. पर ऐसा कुछ नहीं होगा. पुराने पासपोर्ट अपनी वैलिडिटी पूरी करेंगे. जब तक वो वैद्य रहेंगे तब तक उनका इस्तेमाल उसी तरह से होगा जैसा पहले होता आया था. आमतौर पर एक पासपोर्ट की वैलिडिटी 10 साल तक होती है तो अगर कोई 2018 में अभी पासपोर्ट बनवाता है तो 2028 तक उसके पास पुराना पासपोर्ट ही रहेगा.
ये भी पढ़ें-
मदरसों को दिशा देने में पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया है !
अच्छा हुआ ये हेलिकॉप्टर सर्जिकल स्ट्राइक में नहीं था
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.