जम्मू के कठुआ में 8 साल की बच्ची से गैंगरेप और फिर बेरहमी से उसकी हत्या और दूसरी तरफ यूपी के उन्नाव में विधायक की ओर से किया गया रेप और फिर पीड़िता के पिता की हत्या. इससे देश के कोने-कोनो में रोष है. कठुआ और उन्नाव का इंतजार किया जाना और फिर सुधार की मांग करना कहां तक जायज है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार मध्य प्रदेश रेप मामलों में टॉप पर है. मध्य प्रदेश में वर्ष 2017 में 4,391 मामले दर्ज हैं. इसके बाद महाराष्ट्र 4144 केस के साथ दूसरे नंबर पर, राजस्थान 3,644 के साथ तीसरे, उत्तर प्रदेश 3,025 मामलों के साथ चौथे नंबर पर, ओडिशा 2,251 मामलों के साथ पांचवें और दिल्ली 2,199 के साथ छठे नंबर पर है.
कठुआ और उन्नाव केस जैसे ही फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर छाए तो इसके रिएक्शन के बाद राहुल गांधी तुरंत आधी रात को इंडिया गेट पर कैंडल मार्च के लिए निकल गए. राहुल गांधी की कैंडल मार्च की प्रशंसा हुई. गांधी ने इस दौरान कहा कि हिंदुस्तान की महिलाएं जिंदगी शांति से शुरू कर पाएं और सड़कों पर शांति से उतर पाएं, इसके लिए सुधार की जरूरत है. राहुल गांधी ये बात उस देश में बोले जिस देश के आंकड़ों का भी रेप हो जाता है.
एनसीआरबी अपने आंकड़े समय समय पर जारी करता रहता है. देश के कई कोनो में अपराध जड़ कर रहे हैं. आज नहीं तो कल और भी उन्नाव और कठुआ सामने आएंगे. यहां जरूरत इस बात की है कि सुधार किस चीज में होना है व्यवस्था में, कानून में या फिर सोच में या फिर उस कानून व्यवस्था को बनाए रखने में. बशर्ते इस पर राजनीति न हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा का एक ऐसा चहरा हैं जिसके दम पर भाजपा ने पूरे देश में भारी बहुमत के साथ सरकार बानई है.
वर्ष 2014 के...
जम्मू के कठुआ में 8 साल की बच्ची से गैंगरेप और फिर बेरहमी से उसकी हत्या और दूसरी तरफ यूपी के उन्नाव में विधायक की ओर से किया गया रेप और फिर पीड़िता के पिता की हत्या. इससे देश के कोने-कोनो में रोष है. कठुआ और उन्नाव का इंतजार किया जाना और फिर सुधार की मांग करना कहां तक जायज है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार मध्य प्रदेश रेप मामलों में टॉप पर है. मध्य प्रदेश में वर्ष 2017 में 4,391 मामले दर्ज हैं. इसके बाद महाराष्ट्र 4144 केस के साथ दूसरे नंबर पर, राजस्थान 3,644 के साथ तीसरे, उत्तर प्रदेश 3,025 मामलों के साथ चौथे नंबर पर, ओडिशा 2,251 मामलों के साथ पांचवें और दिल्ली 2,199 के साथ छठे नंबर पर है.
कठुआ और उन्नाव केस जैसे ही फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर छाए तो इसके रिएक्शन के बाद राहुल गांधी तुरंत आधी रात को इंडिया गेट पर कैंडल मार्च के लिए निकल गए. राहुल गांधी की कैंडल मार्च की प्रशंसा हुई. गांधी ने इस दौरान कहा कि हिंदुस्तान की महिलाएं जिंदगी शांति से शुरू कर पाएं और सड़कों पर शांति से उतर पाएं, इसके लिए सुधार की जरूरत है. राहुल गांधी ये बात उस देश में बोले जिस देश के आंकड़ों का भी रेप हो जाता है.
एनसीआरबी अपने आंकड़े समय समय पर जारी करता रहता है. देश के कई कोनो में अपराध जड़ कर रहे हैं. आज नहीं तो कल और भी उन्नाव और कठुआ सामने आएंगे. यहां जरूरत इस बात की है कि सुधार किस चीज में होना है व्यवस्था में, कानून में या फिर सोच में या फिर उस कानून व्यवस्था को बनाए रखने में. बशर्ते इस पर राजनीति न हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा का एक ऐसा चहरा हैं जिसके दम पर भाजपा ने पूरे देश में भारी बहुमत के साथ सरकार बानई है.
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव अभियान और उसके बाद के विधानसभा चुनाव अभियानों में अबकी बार मोदी सरकार का नारा देने के साथ ही कहा था कि 'बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार' जिसके साथ स्लोगन दिया 'हमारी बेटियों को सुरक्षा न दिलवाने वालों जनता माफ नहीं करेगी.' इन नारों से जितना प्रभाव पड़ा उसका नतीजा ये ही था कि वर्ष 2014 में भाजपा पूर्ण बहुमत से आई. अब राहुल गांधी भी यही गलती करते दिखाई दे रहे हैं.
उन्नाव मामले में जब तक हाई कोर्ट की ओर से ये न कह दिया गया कि आरोपी की गिरफ्तारी की जाए तब तक गिरफ्तारी नहीं हुई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी हुई है. वहीं जम्मू के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना ने देश को चौंका दिया है. सबसे निंदनीय बात तो ये है कि इसमें भी राजनीति और एंगल्स ने अपनी नाक अड़ाई. सांसद नंद कुमार सिंह ने बयान देते हुए कहा कठुआ मामले में पाकिस्तान का हाथ है. ये सांसद मध्य प्रदेश से ही हैं.
नंद कुमार सिंह ने कहा कि आरोपियों के समर्थन में जय श्री राम के नारे लगाए गए, ये लोग पाकिस्तानी एजेंट थे. अब इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो स्पष्ट नहीं हो सकता. इतना जरूर कहा जा सकता है कि गंभीर मामलों से गंभीरता कहां चली गई. अगर पाकिस्तान का भी हाथ है तो इसकी जांच के लिए कई अधिकृत बॉडी हैं, सांसद के पास इतने अधिकार तो होते ही हैं कि वो किसी जांच की मांग भीतरी तौर पर कर सकता है. देश में बलात्कार जैसे मामलों के खिलाफ विरोध औऱ संवेदना पूरा देश कहीं न कहीं जता रहा है. लेकिन जिनके हाथ में सत्ता की ताकत जनता सौंपती है, इतने संवेदनहीन कैसे हो सकते हैं.
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