मेरठ में कुछ ऐसा देखने को मिला जिससे ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के साथ ही हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को जैसे खुला लाइसेंस मिल गया हो. ताजा वाक्ये में मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने एक घर में जबर्दस्ती घुसकर एक जोड़े के साथ बदसलूकी की और प्रेमी जोड़े को घसीटते हुए पुलिस थाने तक लेकर गए. कई न्यूज़ चैनल में चल रही खबरों के अनुसार मुस्लिम युवक का एक हिंदू लड़की से प्रेम संबंध था जो इन कार्यकर्ताओं को शायद पसंद नहीं आया. उधर इस मामले में हिंदू युवा वाहिनी के नेता का बयान ये है कि उन्हें इस एरिया के लोगों के द्वारा शिकायत मिली थी. हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पकड़ा गया युवक, युवती का धर्म परिवर्तन कराना चाहता था. हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने प्रेमी जोड़े के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही मकान मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की है.
इसी मामले में इंडिया टुडे चैनल पर ग्रुप डिस्कशन हो रहा था जहां बहस के लिए स्टूडियो में हिंदू युवा वाहिनी के अध्यक्ष नागेंद्र सिंह तोमर को भी बुलाया गया था. लेकिन एक न्यूज चैनल पर बहस की सारी मर्यादाएं भूलते हुए नागेंद्र सिंह तोमर इतने उग्र हो गए कि एंकर राहुल कंवल को उन्हें धक्का देकर बाहर निकालना पड़ा.
देखिए किस तरह अपनी ही बात से पलट गए हिंदू युवा वाहिनी के अध्यक्ष.
यहां ये बताना जरुरी है कि योगी खुद भी पश्चिमी यूपी में लव जिहाद को बड़ा मुद्दा बता चुके हैं. फरवरी 2017 में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वो पश्चिमी यूपी को एक और कश्मीर में तब्दील नहीं होने देंगे. लखनऊ में एक कार्यक्रम में दिए बयान में उन्होंने कहा था कि "हिन्दुओं का कैराना से पलायन का मामला, लव जिहाद और औरतों की सुरक्षा इस चुनाव में मुख्य मुद्दे रहेंगे.'' उन्होंने कहा था कि लव जिहाद पहले भी मुद्दा था और अभी भी है.
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं का हौसला काफी बढ़ गया है. अब तो लग ये रहा है कि उन्हें कानून अपने हाथ में लेने से भी डर नहीं लग रहा है. कुछ ही दिन पहले एंटी रोमियो स्क्वॉड को प्रदेश सरकार से दिशानिर्देश मिले थे कि मोरल पुलिसिंग के नाम पर कानून के इतर नहीं जाएं. इसके बाद भी हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.
2002 में उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने हिंदू युवा वाहिनी की स्थापना की थी. हिंदू युवा वाहिनी गोरखपुर समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों में सक्रिय है. इन्होंने धर्मांतरण के खिलाफ अभियान चला रखा है. इस मुहिम के तहत हिंदू युवा वाहिनी पर धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के आरोप भी लगे हैं.
लव जिहाद क्या है इसकी कोई ठोस परिभाषा नहीं हैं लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लव जिहाद या रोमियो जिहाद एक कथित षड्यंत्र है जिसके तहत युवा मुस्लिम लड़के और पुरुष गैर-मुस्लिम लड़कियों के साथ प्यार का ढोंग करके उनका धर्म-परिवर्तन करते हैं. लव जिहाद का ये पर्याय पहली बार भारत में 2009 में प्रमुखता से उभरा जब धर्म-परिवर्तन के कई कथित मामले केरल और मंगलौर में सामने आने की बात की गयी थी. 2014 में केरल के तत्कालीन मुख्यमंत्री चांडी ने विधानसभा में जानकारी दी थी कि 2667 युवतियां 2006 से लेकर अब तक प्रेम विवाह के बाद इस्लाम कबूल कर चुकी हैं. इससे पहले 2009 में केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल ने ये आंकड़ा 4500 बताया था. इसके अलावा कर्नाटक की एक संस्था ने करीब 30 हजार लड़कियों के लव जिहाद की शिकार होने की बात कही थी.
लव जिहाद या उससे मिलते जुलते कई चर्चित मामलें भी सामने आये हैं. 2014 में झारखण्ड की नैशनल लेवल की शूटर तारा शाहदेव ने अपने पति पर धर्म-परिवर्तन का आरोप लगाया था. एक ताइक्वांडो प्लेयर ने भी 2014 में ही लव जिहाद से पीड़ित होने का आरोप लगाया था.
सितम्बर 2014 में बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा था की लड़कियां मुस्लिम लड़कों से मर्जी से शादी नहीं करतीं. कुछ मुस्लिम लड़के रूप बदलकर, नाम बदलकर हिंदू का परिवेश बनाकर हिंदू लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फंसाते हैं. इसके लिए अरब देशों से पैसा आ रहा है.
2015 में वीएचपी की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी की मैग्जीन हिमालय ध्वरनि में करीना कपूर की एक विवादित (मोर्फ) तस्वीर कवर पेज पर छापी गई थी. इस तस्वीार में करीना का आधा चेहरा साफ दिखाई दे रहा है तो वहीं आधा चेहरा बुर्के से ढका था. 'लव जिहाद' पर करीना को बनाया ये पोस्टर काफी विवादों में रहा था.
मेरठ का ताजा मामला फिर से लव जिहाद के मुद्दे को उभारकर सामने ले आया. अब सवाल ये है कि हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को हक किसने दिया है कि वो प्रेम की पहरेदारी करें, किसी के घर में झांके, किसी के निजी मामले में दखल दें. क्या लव जिहाद रोकने के नाम पर गुंडागर्दी नहीं हो रही है. शायद इसका उत्तर आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद दे सकते हैं.
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