मुल्ला-मौलवियों के कई फतवे आपने सुने होंगे. अब एक और 'फतवा' सुनिए. मार्कंडेय काटजू का 'फतवा'. अपने फेसबुक पेज पर उन्होंने तीन बातों को इस्लाम विरोधी बताया है.
काटजू का फेसबुक पोस्ट
काटजू ने अपने पोस्ट में लिखा है, 'इस्लाम दुनिया में बराबरी का संदेश ले कर आया. लेकिन बुर्का (या हिजाब), शरिया और मौखिक तरीके से तलाक देने की रवायतें इसे अपना दास बना रही हैं. इसलिए जो लोग इन चीजों का समर्थन करते हैं वे इस्लाम के दुश्मन हैं. मुसलमानों सहित सभी लोगों को इसकी आलोचना करनी चाहिए.'
काटजू का फतवा नंबर 1- हिजाब का समर्थन इस्लाम विरोधी!
इस्लाम में हिजाब को लेकर कई बातें कही गई हैं. कुरान के अनुसार हर महिला के लिए हिजाब पहनना जरूरी है. हिजाब पहनने का एक मतलब यह है कि उक्त महिला अल्लाह और अपने परिवार के प्रति समर्पित है. इस्लाम के नियमों के अनुसार उसे अपने पति, पिता या परिवार के करीबी सदस्यों के अलावा किसी गैर मर्द के सामने बिना हिजाब के नहीं आना चाहिए.
वैसे, हिजाब की आलोचना करने वाले आज के दौर में इसे रूढ़िवादी सोच के तौर पर देखते हैं. आलोचना करने वालों का मानना है कि यह समाज में महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने की बात के खिलाफ है. अपने पहनावे और ज्यादातर कामों के लिए पुरुषों पर निर्भरता के कारण महिलाएं अपनी बात खुल के नहीं रख पातीं. वैसे भी, बदलते दौर के साथ महिलाएं अब बुर्के के पीछे छिपी कोई वस्तु नहीं रहीं. उनकी अपनी भावनाएं हैं और उसका सम्मान होना चाहिए.
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